जम्मू-कश्मीर की आवाज को दिल्ली तक ले जाने की लड़ाई है : महबूबा

कश्मीर के मुद्दों पर बात करे

जम्मू-कश्मीर की आवाज को दिल्ली तक ले जाने की लड़ाई है : महबूबा

एक चुनाव अभियान के दौरान संवाददाताओं से कहा  कि लोग समझते हैं कि उन्हें एक ऐसी आवाज की ज़रूरत है जो दिल्ली में सत्ता के सामने खड़ी हो और कश्मीर के मुद्दों पर बात करे।

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ आवाज उाते हुए सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की लड़ाई उनकी पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के बीच नहीं है, बल्कि यह है कि जम्मू-कश्मीर की आवाज को  नयी दिल्ली तक कौन लेकर जाएगा। मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर में एक चुनाव अभियान के दौरान संवाददाताओं से कहा  कि लोग समझते हैं कि उन्हें एक ऐसी आवाज की ज़रूरत है जो दिल्ली में सत्ता के सामने खड़ी हो और कश्मीर के मुद्दों पर बात करे।

साथ ही वर्ष 2019 के बाद हुए अत्याचारों के बारे में बात करें। उन्होंने कहा कि मैं सत्ता में बैठे लोगों के सामने खड़ी रहूंगी और उन्हें बताऊंगी कि यह (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का) फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्वीकार्य नहीं है तथा आपको इसे पलटना होगा। जब उनसे अनंतनाग में मुकाबले के बारे में पूछा गयाृ जहां उनका मुकाबला नेकां नेता मियां अल्ताफ से है तो उन्होंने कहा कि यह मुकाबला नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और उनके बीच नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर की आवाज को नयी दिल्ली तक ले जाने की लड़ाई है और लोग सही निर्णय लेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी प्रतियोगिता किसी भी उम्मीदवार के लिए कठिन होती है। उन्होंने कहा कि मैं यहां (कश्मीर) से लेकर पीर पंजाल तक जो प्यार और स्नेह देखती हूं, वह दिल को छू लेने वाला है। मुझे पीर पंजाल से जो रिपोर्ट मिल रही है, उससे लोग समझते हैं कि उन्हें एक ऐसी आवाज़ की जरूरत है जो दिल्ली में सत्ता के सामने खड़ी हो और कश्मीर के मुद्दों पर बात करे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के बाद हुए अत्याचारों के बारे में बात करने वालों को ही जनता वोट देगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को अवैध और असंवैधानिक तरीके से हटा दिया गया, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अस्वीकार्य है।

 

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