टीसीएस कंपनी से पेपर लीक में हुई मिलीभगत : किरोड़ी
कंपनी से मिलीभगत कर के पेपर लीक कराए हैं
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कांस्टेबल पेपर लीक प्रकरण में आरोप लगाए है कि आरपीएससी और अधीनस्थ कर्मचारी बोर्ड ने जिस टीसीएस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर रखा है, उसी कंपनी से मिलीभगत कर के पेपर लीक कराए हैं।
जयपुर। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कांस्टेबल पेपर लीक प्रकरण में आरोप लगाए है कि आरपीएससी और अधीनस्थ कर्मचारी बोर्ड ने जिस टीसीएस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर रखा है, उसी कंपनी से मिलीभगत कर के पेपर लीक कराए हैं। अगली रीट परीक्षा का जिम्मा भी इसी कंपनी के पास है। ऐसे में अभी भी लाखों युवाओं का भविष्य अंधेरे में है। किरोड़ी ने परीक्षा से जुड़े दस्तावेज रखते हुए कहा कि कंपनी दागदार होने के बावजूद सरकार ने परीक्षा का जिम्मा इसे दिया। कंपनी के राजस्थान हैड भुवनेश भार्गव कोटा के हैं। एक कैबिनेट मंत्री का उन्हें वरदहस्त है। झोटवाड़ा के दिवाकर उच्च माध्यमिक विद्यालय में महज ढाई सौ परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता है, लेकिन यहां पर 300 से ज्यादा परीक्षार्थियों को बैठा दिया गया। कंपनी ने महज 15000 में परीक्षा से 15 दिन पहले संविदा पर कई कर्मचारियों को हायर किया और आनन-फानन में उन्हीं को ऑब्जर्वर और अन्य पदों पर लगाते हुए परीक्षा करवा दी।
सरकार ने यह भी अधिकार कंपनी को दे दिए कि परीक्षा केंद्रों का चुनाव वे ही करेंगे। पूरी परीक्षा को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया। इस कंपनी ने दिल्ली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2020 कराई थी, जिसमें कोटा के एक परीक्षा केंद्र हरिओम कोठारी कॉलेज सेंटर से एक साथ 226 अभ्यर्थियों का चयन हो गया। इनका चयन बाद में निरस्त कर दिया गया। आईआईटी जेईई भर्ती परीक्षा 2021 में कराई। दोनों ही में सीबीआई जांच हो रही है। राजस्थान जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2018 में कराई। जांच एसओजी कर रही है। कई परीक्षाओं में कंपनी सवालों के घेरे में है।
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