मानसून आने को तैयार, नाले नहीं हुए साफ, देरी पड़ सकती है भारी

हर साल नालों की सफाई पर लाखों खर्च, फिर भी गंदगी कम नहीं

मानसून आने को तैयार, नाले नहीं हुए साफ, देरी पड़ सकती है भारी

नगर निगम द्वारा बरसात से पहले नालों की सफाई में देरी होने से नालों के उफान पर आने से सड़कों पर पानी भरने की समस्या से आमजन को दो चार होना पड़ेगा।

कोटा । स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल कोटा शहर में एक ओर जहां नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम द्वारा बरसात से पहले नालों की सफाई में देरी होने से नालों के उफान पर आने से सड़कों पर पानी भरने की समस्या से आमजन को दो चार होना पड़ेगा। नगर निगम द्वारा हर साल बरसात से पहले छोटे-बड़े सभी नालों की सफाई करवाई जाती है। यह सफाई एक दो साल से नहीं नगर निगम बनने के बाद से ही करवाई जा रही है। छोटे नालों की सफाई तो निगम की जेसीबी मशीनों से करवाई जाती है। जबकि बड़े बरसाती नालों की सफाई चैन माउंटेंन मशेीनों से की जाती है। जिसके लिए हर साल टेंडर होते हैं।

नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में इस बार भी चैन माउंटेन मशीनों से नालों की सफाई के टेंडर किए गए। हालांकि दोनों निगमों ने नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। लेकिन हर साल की तरह ही इस बार भी यह काम देरी से शुरू हुआ है। ऐसे में शहर में इतने अधिक नाले हैं और उनमें कचरा भी काफई अधिक जमा है। जिसे साफ करने में समय अधिक लगेगा।  ऐसे में अगले महीने मानसून की दस्तक के साथ ही बरसात शुरू हो जाएगी।  शहर की हालत यह है कि बरसात में नालों में कचरा व गंदगी जमा होने से वे उफान पर आ जाते हैं। जिससे उनका पानी सड़कों पर,गली मौहल्लों व कॉलोनियों में भर जाता है। जिससे वहां रहने वालों को तो परेशानी होती है। शहर  में बाढ़ के हालात तक बन जाते हैं। जिससे निपटने के लिए प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ती है।

नगर निगम कोटा उत्तर में भदाना से लेकर रंत तालाब, काला तालाब, खेड़ी फाटक, सोगरिया और नयापुरा स्थित बस स्टैंड से लेकर बारां रोड तक के नाले हैं। जिनकी सफाई का काम किया जाना है। जबकि कोटा दक्षिण में जवाहर नगर, साजी देहड़ा, किशोरपुरा, बसंत विहार, दादाबाड़ी व महावीर नगर समेत कई बड़े नाले हैं। दोनों निगमों की ओर से जेसीबी व चैन माउंटेन मशीनों से सफाई करवाई जा रही है। लेकिन उसके बाद भी अभी तक भी कई नाले ऐसे हैं जहां तक अधिकारी व जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे हैं। लोगों का कहना है कि नगर निगम के अधिकािरयों को पता है कि बरसात में नालों में पानी भरने से समस्या होती है। उनकी सफाई करवानी पड़ती है तो फिर उस प्रक्रिया को समय पर पूरा कर लें जिससे बरसात से पहले सफाई का काम पूरा हो सके। निगम द्वारा हर साल नालों की सफाई पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी उनमें कचरा व गंदगी जमा हो जाती है। जिससे फिर से नए सिरे से मशक्कत करनी पड़ रही है।  कोटा उत्तर में दो दर्जन और कोटा दक्षिण में एक दर्जन से अधिक बड़े बरसाती नाले हैं। जो पूरे शहर को कवर कर रहे हैं।

महापौर ने किया नालों की सफाई का निरीक्षण
नगर निगम कोटा उत्तर की महापौर मंजू मेहरा ने बुधवार को सेक्टर 2 के वार्ड 25  व सेक्टर 4 के क्षेत्र में हो रहे नाले सफाई कार्य का निरीक्षण किया। साथ ही सम्बंधित अधिकारियों को आव श्यक निर्देश  दिए।  महापौर ने निरीक्षण के दौरान चैनमाउण्टेन द्वारा हो रहे नाले सफाई का जायजा लिया। साथ ही  सेक्टर 4 के क्षेत्र में जे.सी.बी. मशीन द्वारा नाले सफाई  देखी।  अधिकािरयों को निर्देश दिए कि  सफाई कार्य को इसी प्रकार निरन्तरता के साथ चलाए रखे। जिससे नालों के पानी का प्रवाह आसानी से हो सके।  इस दौरान पार्षद फैजल बैग, सी.एस.आई. प्रकाश महाराजा भी मौजूद थे।

इनका कहना है
 नालों की सफाई के टेंडर करने के लिए काफी समय से अधिकरियों को कह रहा था। लेकिन हर साल की तरह ही इस बार भी देरी से टेंडर हुए हैं। फिर भी जेसीबी व चैन माउंटेंन दोनों से नालों की सफाई करवाई जा रही है। स्वयं मौके पर दिनभर खड़ा रहकर गहराई तक काम करवा रहे हैं। जिससे मलबा भी काफी अधिक निकल रहा है। प्रयास है कि बरसात से पहले सभी नालों को साफ करवा दिया जाए। पिछले साल भी उतनी परेशानी नहीं हुई  थी। नालों की सफाई के बाद उनमें जाली लगाने की योजना है। जिससे उनमें कचरा नहीं जा सके।
- राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण

नालों की सफाई का काम तेजी से किया जा रहा है। आयुक्त व मै स्वयं नालों की सफाई की निगरानी कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को भी निर्देश दिए हुए हैं। पिछले साल बहुत कम समस्या आई थी। इस बार भी बरसात से पहले नालों की सफाई पूरी करना प्राथमिकता है। फिर भी बरसात में कहीं नाले जाम होने की समस्या हुई तो उसके लिए अधिकारी व संसाधन तैयार रहेंगे।
- मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम कोटा उत्तर

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