सीएफओ और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी

कोर्ट ने 27 मई तक मांगा जवाब

सीएफओ और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी

शहर की स्थाई लोक अदालत ने शहर में बनी कई बहुमंजिला इमारतों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीएफ ओ नगर निगम कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर 27 मई तक जवाब मांगा है ।

 कोटा ।  शहर की स्थाई लोक अदालत ने शहर में बनी कई बहुमंजिला इमारतों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीएफ ओ नगर निगम कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर 27 मई तक जवाब मांगा है ।

इस मामले मे वकील लोकेश कुमार सैनी ने अदालत में एक जनहित याचिका दायर की थी । जिसमें बताया गया था कि शहर में बनी हुई बहुमंजिला इमारतों में से अधिकतर बहुत सकडी और रेल के डिब्बे की तरह बनी हुई है । जिनमें प्रवेश व निकासी का एक ही द्वार है, यहां तक के उक्त इमारतों में  आसपास  कोई जगह नहीं है, जहां से लोग भीषण आग लगने पर कूदकर अपनी जान बचा सके ।  शहर के करीब डेढ़ से 2 लाख बच्चे हर वर्ष कोचिंग की पढ़ाई करने आते हैं, इनमें से अधिकतर बच्चे हॉस्टलों में रह रहे हैं । इतने अधिक बच्चे रखने के लिए हॉस्टल तो बहुत हैं पर  सभी बहुमंजिला इमारतों वाले हैं । इनमें  जवाहर नगर तलवंडी, राजीव गांधी नगर, इंद्र विहार, विज्ञान नगर , दादाबाड़ी , महावीर नगर के साथ ही पुराने कोटा में नदी पार के लैंडमार्क सिटी और बारां रोड पर  सैकड़ों की संख्या में हॉस्टल बन चुके हैं । इनमें से अधिकतर में प्रवेश व निकासी का एक ही गेट बना हुआ है , जिसमें कभी भी कोई भगदड़ मचने या आग लगने की घटना होने पर वहां रहने वाले इतने अधिक बच्चों एवं कर्मचारियों को  बाहर निकालने में  बड़ी चुनौती होगी । ऐसे में बड़ा हादसा होने का भी पूरा खतरा बना हुआ है । शहर के हर कोने में बहुमंजिला इमारत हैं । उनमें से आवासीय बहुमंजिला इमारतों और मॉल में तो प्रवेश और निकासी की सुविधा अलग-अलग है जब के हॉस्टल में यह व्यवस्था नहीं है  ।

कोटा में हॉस्टल में आग लगने की पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं । तलवंडी स्थित एक मकान में बने हॉस्टल में रात्रि के समय आग लगने से वहां रहने वाले बच्चों ने ऊपर की तरफ  से पास के मकान की छत से कूद कर अपनी जान बचाई थी । जबकि कई बच्चों  को निगम के फायर अधिकारियों ने सीढ़ियों से उतारा था । कोरल  पार्क पास के हॉस्टल में सुबह के समय आग लगने की घटना हुई थी, उस हॉस्टल की पहली मंजिल में बिजली के पैनल में आग लगी थी । परंतु ऊपर से नीचे जाने का रास्ता एक ही था, ऐसे में धुए के कारण बच्चों को निकलने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा था और बड़ी मुश्किल से अग्निशमन अधिकारी बच्चों को बाहर निकाल उनकी जान बचाई थी। कोटा  में पूर्व में हुई आग लगने की घटनाओं के पश्चात निगम के अनुभाग द्वारा अभियान चलाकर बहुमंजिला इमारतों का सर्वे किया गया था , उसने चौकाने वाले तथ्य  सामने आए थे । अधिकतर इमारतों में न तो फायर एनओसी थी और  ना  वहां पर  फायर  उपकरण  कार्यशील  थे तो कहीं उनका उपयोग करने की लोगों को  किसी प्रकार की जानकारी थी।   नगर निगम कोटा उत्तर  और दक्षिण के  सीएफओ और जिला कलेक्टर की अनदेखी के कारण बहुमंजिला इमारतों में इन सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। जिससे वहां रहने वाले लोगों के लिए हमेशा जान का खतरा बना रहता है। इस मामले में न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर, उत्तर, दक्षिण के सीएफ ओ को नोटिस जारी करते हुए 27 मई तक जवाब तलब किया है।

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