मुख्यमंत्री का किसान हित में महत्वपूर्ण निर्णय: प्रदेश में सिंचाई ढांचा मजबूत करने के लिए किसानों को 894 करोड़ रूपये का अनुदान
प्रदेश के किसानों को मिलेगा संबल, बढ़ेगी आय
लघु एवं सीमांत कृषकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सिंचाई के ढांचे को मजबूत करने के लिए बजट 2022-23 में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। गहलोत ने इन घोषणाओं को धरातल पर उतारकर किसानों को मजबूती प्रदान करने वाले विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इससे प्रदेश के किसानों को डिग्गी, फार्म पौंड निर्माण और सिंचाई पाइप लाइन के लिए 894 करोड़ रूपये का अनुदान मिलेगा।
लघु एवं सीमांत कृषकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान
मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी देने से अब फार्म पौंड, डिग्गी निर्माण एवं सिंचाई पाइप लाइन योजनाओं में लघु एवं सीमांत कृषकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान भी मिलेगा। साथ ही योजनाओं में न्यूनतम 40 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभान्वित किया जाएगा।
15 हजार किसान डिग्गी और 45 हजार किसान बनाएंगे फार्म पौंड
आगामी 3 वर्षों में 15 हजार किसानों को डिग्गी निर्माण के लिए 450 करोड़ रूपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5 हजार किसानों को निर्माण के लिए 150 करोड़ रूपये का अनुदान मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से दिया जाएगा। साथ ही आगामी 3 वर्षों में 45 हजार किसानों को फार्म पौंड निर्माण के लिए 344.25 करोड़ रूपये का अनुदान मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15 हजार किसानों को फार्म पौंड निर्माण के लिए लगभग 74 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से उपलब्ध कराये जाएंगे।
सिंचाई पाइप लाइन के लिए 100 करोड़ रूपये का अनुदान
प्रदेश में आगामी 3 वर्षों में 50 हजार किसानों को 20 हजार किलोमीटर सिंचाई पाइप लाइन के लिए 100 करोड़ रूपये का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ रूपये अनुदान के रूप में दिये जाएंगे।
कृषि यंत्रों की खरीद के लिए दो वर्ष में मिलेगा 108.80 करोड़ रूपए का अनुदान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के अंतर्गत महंगे यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 108.80 करोड़ रूपए अनुदान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि, आदान लागत में कमी तथा कम समय में अधिक कार्य करने के साथ-साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
प्रस्ताव के तहत किसानों को टैªक्टर, थ्रेशर, रोटोवेटर, रीपर, सीड ड्रिल आदि उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। प्रस्ताव में लाभान्वित किसानों में न्यूनतम 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसानों को शामिल किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में उपकरणों की उपलब्धता के लिए जीएसएस/एफपीओ के माध्यम से 600 कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किए जाएंगे। इसमें से जीएसएस के माध्यम से न्यूनतम 70 प्रतिशत कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित होंगे। प्रति केंद्र को 8 लाख रूपये राशि का अनुदान (अधिकतम) दिया जाएगा।
पौध रसायनों के समुचित उपयोग, निगरानी, कृषि संबंधी अन्य कार्यों व टिड्डी नियंत्रण में ड्रोन तकनीक के उपयोग हेतु कस्टम हायरिंग केन्द्रों व कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) को 400 ड्रोन उपलब्ध कराने का प्रावधान भी प्रस्ताव में किया गया है। इन सभी कार्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार द्वारा 108.80 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 100 करोड़ रूपये राशि मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से वहन की जाएगी।
Comment List