ओला-उबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण एजेंसी का नोटिस: सेवाओं में कमी, बुकिंग कैंसिल शुल्क और किराए में गड़बड़ी
ओला 2,482 और उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज
राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली दो प्रमुख कंपनियों ओला-उबर के खिलाफ कारोबार में अनुचित व्यवहार अपनाने और उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किए हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली दो प्रमुख कंपनियों ओला-उबर के खिलाफ कारोबार में अनुचित व्यवहार अपनाने और उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किए हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार इन दोनों कंपनियों के पास शिकायत निवारण की उचित व्यवस्था न होने, सेवाओं में कमी, बुकिंग रद्द करने पर अनाप-शनाप शुल्क और किराए लगाने में इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिथम में गड़बड़ी की शिकायतों पर सीसीपीए ने उन्हें नोटिस जारी किए हैं।
अधिकारी का विवरण नहीं
मंत्रालय ने कहा है कि इन कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर ग्राहक सेवा नंबर और शिकायत निवारण अधिकारी का विवरण न होना, शिकायत निवारण व्यवस्था में कमी के दायरे में आता है।
सेवा में कमी, पैसा वापस नहीं किया
ओला के खिलाफ इस दौरान मिली शिकायतों में सबसे अधिक 1340 (54 प्रतिशत) शिकायतें सेवा में कमी की रहीं। कंपनी के खिलाफ 521 (21 प्रतिशत) शिकायतें पैसा वापस ना किए जाने की रहीं। इसी तरह उबर के खिलाफ सेवा में कमी की 473 (61 प्रतिशत) शिकायतें मिली और उपभोक्ता धन ना लौटाने की शिकायतों की संख्या 105 (14) प्रतिशत रही।
एमआरपी से अधिक वसूली
आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ताओं ने ओला-उबर के खिलाफ अनाधिकृत किराए लगाने, एमआरपी से ऊपर पैसा लेने, गिफ्ट का वादा उसे ना भेजने, अकाउंट पर रोक लगाने, सेवा में देरी, कटा हुआ पैसा लाभार्थी के खाते में वापस जमा ना होने और धोखाधड़ी आदि की शिकायतें मिली हैं।
ओला 2,482 और उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक अप्रैल 2021 से एक मई 2022 के बीच ग्राहकों ने ओला के खिलाफ 2,482 और उबर के खिलाफ 770 शिकायतें दर्ज करायीं। विभाग ने पिछले सप्ताह ऐसी कंपनियों की एक बैठक बुलायी थी और उन्हें शिकायत निवारण व्यवस्था के मामले में एनसीएच के साथ जुड़ने को कहा गया था ताकि उनकी शिकायत निवारण व्यवस्था में सुधार हो और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और ई-वाणिज्य नियमावली के प्रावधानों का अनुपालन करें।
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