बरसों से रास्ते की बाट जोह रहा विरमानी गांव

जिला प्रमुख से नदी पर पुलिया बनाने की मांग, 300 से अधिक सहरिया समाज के लोग करते है निवास, बारिश में गांव बन जाता है टापू

बरसों से रास्ते की बाट जोह रहा विरमानी गांव

उपखंड मुख्यालय शाहाबाद ग्राम पंचायत के विरमानी गांव जिसमें लगभग 300 से अधिक लोग निवास करते हैं और यहां संपूर्ण सहरिया समाज के लोग निवास करते हैं। विरमानी गांव के आसपास लगभग 1000 बीघा से अधिक कृषि भूमि है और मुख्यालय ग्राम पंचायत से जुड़ा होने के बाद भी इस गांव में रहने वाले लोग बरसात के 4 महीने परेशानियों में गुजारते हैं।

शाहाबाद। उपखंड मुख्यालय शाहाबाद ग्राम पंचायत के विरमानी गांव जिसमें लगभग 300 से अधिक लोग निवास करते हैं और यहां संपूर्ण सहरिया समाज के लोग निवास करते हैं। विरमानी गांव के आसपास लगभग 1000 बीघा से अधिक कृषि भूमि है और  मुख्यालय ग्राम पंचायत से जुड़ा होने के बाद भी इस गांव में रहने वाले लोग बरसात के 4 महीने परेशानियों में गुजारते हैं क्योंकि इस गांव के लिए रास्ता नेशनल हाईवे 27 से लगभग 3 किलोमीटर अंदर है। जिसमें लोग सिरसा नदी को पार करके लोग अपने गांव तक पहुंचते हैं, क्योंकि इस गांव के आसपास की भूमि अत्यधिक उपजाऊ है और शहडोल तालाब से लगी होने के कारण सिंचाई की भी पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसे में बरसों से इस गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता सही नहीं है। नदी पर पुलिया बनी हुई नहीं है। जिससे बरसात के समय में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई दिनों के लिए यह गांव टापू बन कर रह जाता है क्योंकि एक तरफ  से नदी और दूसरी तरफ  से तालाब इस गांव का रास्ता रोक लेता है। जिसके चलते मजबूरी में गांव के लोगों को जंगल के रास्ते से आना पड़ता है।

 मंत्री विधायक तक लगा चुके हैं गुहार
 विरमानी गांव के निवासी बारेलाल, बादामी बाबू, पप्पू आदि ने बताया कि हम बरसों से इस गांव में निवास कर रहे हैं परंतु अभी तक हमें आने जाने के लिए रास्ता नहीं बना है। बरसात के समय में आवश्यक वस्तुएं समाप्त हो जाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब तक नदी आती है कोई भी गांव से बाहर नहीं जा पाता। जब नदी में पानी कम होता है। जब ही शाहाबाद का से पहुंचकर खाने पीने का सामान ला पाते हैं क्योंकि हमारे द्वारा विधायक, मंत्री, सरपंच, अधिकारीगण आदि को कई बार हमारी समस्याओं के बारे में अवगत करा दिया परंतु किसी के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

कई लोग इस गांव से भी बने है सरकारी कर्मचारी
 यह गांव छोटा सा सहरिया जाति के लोगों का गांव है परंतु इस गांव से कई लोग पुलिसकर्मी, शिक्षक, पटवारी आदि बन चुके हैं लेकिन इस गांव के हालात जस के तस बने हुए हैं। इस गांव में कक्षा पांचवी तक स्कूल भी संचालित है। जिसमें शिक्षक को भी बरसात के समय में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नदी को पार करके गांव पहुंचते है ग्रामीण
सबसे अधिक परेशानी बरसात में आती है। इस गांव तक पहुंचने के लिए सिरसा नदी को पार करके जाना पड़ता है।
यह गांव आज भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाया है जबकि यह गांव खेती की दृष्टि से सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इस गांव के आसपास की भूमि सबसे अधिक उपजाऊ भूमि मानी जाती है।

 चिकित्सा सुविधा के लिए भी तरस जाते हैं लोग
जब अधिक बरसात होती है और नदी नाले उफ ान पर होते हैं। ऐसी स्थिति में गांव के लोग चिकित्सा सुविधा के लिए भी तरस जाते हैं, क्योंकि बरसात के समय में यह गांव टापू का रूप ले लेता है। चारों तरफ  पहाड़ों के पानी की निकासी होती है। जिसके चलते नदी नाले आदि आने पर इस गांव के लोग अपना इलाज कराने के लिए भी शाहाबाद मुख्यालय तक नहीं आ पाते। जिससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पुलिया नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात के समय में आने जाने का रास्ता लगभग बंद हो जाता है। नदी पर पुलिया होना आवश्यक है। जब इतने विकास कार्य कराए जा रहे हैं तो इस नदी पर पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाए।
- करण सहरिया, समाजसेवी, विरमानी

बरसात के समय में हम चिकित्सा सुविधा से वंचित रह जाते हैं गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हम खनन गोपाल मंत्री एवं विधायक से मांग करते हैं कि हमारे गांव के रास्ते को ठीक कराया जाए।
- तुलसा बाई, ग्रामीण महिला, विरमानी

बरसों से हमारे द्वारा रास्ते ठीक कराने की मांग की जा रही है। नदी पर पुलिया बनाने की मांग की जा रही है। अभी हालात ऐसे हैं कि 3 किलोमीटर का सफ र पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
- बादामी सहरिया, निवासी, विरमानी
 
पुलिया निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है। अभी कोई स्वीकृति नहीं मिली है। जब स्वीकृति मिलेगी तो काम शुरू किया जाएगा।
- हरिप्रसाद मीणा, एक्सईएन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, शाहाबाद

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