मुख्यमंत्री गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णय, 3000 करोड़ रुपए के कर्मचारी कल्याण कोष के गठन को दी मंजूरी

मुख्यमंत्री गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णय, 3000 करोड़ रुपए के कर्मचारी कल्याण कोष के गठन को दी मंजूरी

राज्य सरकार के कार्यरत और सेवानिवृत कार्मिकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं के संचालन के लिए 3 हजार करोड़ रुपए की राशि से कर्मचारी कल्याण कोष का गठन होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट 2021-22 की घोषणा की क्रियान्विति के क्रम में कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।

जयपुर। राज्य सरकार के कार्यरत और सेवानिवृत कार्मिकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं के संचालन के लिए 3 हजार करोड़ रुपए की राशि से कर्मचारी कल्याण कोष का गठन होगा। इस कोष से कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा, आवास, उच्च अध्ययन तथा वाहन ऋण एवं बच्चों के लिए छात्रवृति सहित कर्मचारी कल्याण के लिए अन्य योजनाएं संचालित की जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट 2021-22 की घोषणा की क्रियान्विति के क्रम में कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, इस कोष का संचालन निदेशक, बीमा द्वारा किया जाएगा। इसके लिए नया बजट मद खोला जाएगा तथा कोष के तहत योजनाओं की स्वीकृति की प्रक्रिया पृथक से निर्धारित की जाएगी।

गहलोत द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, इस कोष के माध्यम से राज्य में सेवारत तथा सेवानिवृत कर्मियों के कल्याण के लिए जिन नई योजनाओं को लागू किया जाएगा, इनमें राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) में अंशदान, आवास ऋण, उच्च अध्ययन के लिए ऋण, व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण, कामकाजी महिलाओं के लिए कार्यालयों में क्रेच तथा अल्प वेतन भोगी कार्मिकों के बच्चों के लिए प्रतिभावान छात्रवृति योजना शामिल हैं। कर्मचारी कल्याण कोष का उद्देश्य कर्मचारी कल्याण और सामाजिक सहायता के साथ-साथ राजकार्य का बेहतर निष्पादन भी है। ऐसे में, राज्य सरकार इस कोष के माध्यम से कर्मचारी कल्याण के लिए भविष्य में आवश्यकतानुसार अन्य अतिरिक्त सेवाएं भी सशुल्क अथवा निशुल्क उपलब्ध करवा सकती है।

उल्लेखनीय है कि राज्य कार्मिकों एवं पेंशनरों को राजकीय अस्पतालों के साथ-साथ अनुमोदित निजी अस्पतालों में बेहतर एवं गुणवत्तापूर्वक विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं कैशलेस उपलब्ध करवाने के लिए आरजीएचएस योजना शुरू की गई है। इस योजना के लिए राज्य सरकार के अंशदान का वित्त पोषण निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इस कोष से किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस कोष के माध्यम से 15 लाख रुपए की अधिकतम सीमा तक 10 वर्ष तक की अवधि के लिए आवास ऋण, पुत्र-पुत्री अथवा आश्रित के लिए देश-विदेश में उच्च अध्ययन के लिए 5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए उच्च अध्ययन ऋण, आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 3 लाख रुपए की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए व्यक्तिगत ऋण और 5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा तक 5 वर्ष तक की अवधि के लिए वाहन ऋण आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।

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