एक बेड पर तीन तीन मरीज, संक्रमण का खतरा बढ़ा
जेकेलोन अस्पताल: मौसमी बीमारियों से आईपीडी और ओपीडी में मरीजों की बढ़ी संख्या
संभाग के बड़े अस्पताल जेकेलोन में मौसमी बीमारियों के साथ उल्टी दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या दुगनी हो गई है। संभाग का बड़ा अस्पताल होने से यहां कोटा के अलावा बूंदी,बारां, झालावाड़ से मरीज रेफर होकर आते है। ऐसे में एक बेड पर तीन बच्चों को लेटाकर ड्रिप चढ़ाई जा रही है।
कोटा। मई माह की शुरुआत के साथ ही संभाग के बड़े अस्पताल जेकेलोन में मौसमी बीमारियों के साथ उल्टी दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या दुगनी हो गई है। संभाग का बड़ा अस्पताल होने से यहां कोटा के अलावा बूंदी,बारां, झालावाड़ से मरीज रेफर होकर आते है। ऐसे में एक बेड पर तीन बच्चों को लेटाकर ड्रिप चढ़ाई जा रही है। वहीं अस्पताल प्रशासन इसको सामान्य स्थिति बता रहा है। जबकि हकीकत ये है कि अस्पताल के जनरल वार्ड में एक बेड पर दो और तीन बच्चों के साथ उनकी मां भी लेटी है। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। अस्पताल में मरीजों के साथ आए तीमारदार भी वार्ड में रूके होने से अस्पताल में भीड़ के हालत बने हुए है।
एक बेड पर दो से तीन बच्चों का हो रहा इलाज
जेकेलोन अस्पताल में नवजात शिशुओं के साथ इन दिनों मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अस्पताल के जनरल वार्ड में एक बेड पर दो और तीन बच्चों को लेटाकर इलाज किया जा रहा है। शहर में गर्मी बढ़ने के साथ ही उल्टी दस्त, पेट दर्द, बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल के सभी वार्ड इन दिनों फुल चल रहे है।
मरीजों के साथ आए तीमारदारों का होेता है जमावड़ा
जेकेलोन के सभी वार्ड में मरीजों संख्या से ज्यादा संख्या तीमारदारों की नजर आ रही है। एक बेड पर पहले ही दो बच्चे सो रहे उसकी देखभाल के लिए मां और उसके साथ दो से तीन तीमारदार वार्ड में बैठ हुए जिससे गर्मी के चलते वार्ड में सफकैशन जैसे हालात बने हुए है। अभी कोरोना संक्रमण गया नहीं हुआ ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ। अस्पताल में पहले गंभीर रूप होने पर ही जेकेलोन अस्पताल में बच्चे आते उस पर लोगों के जमावड़े से वार्ड अनहाईजेनिक हो रहा है । जिससे संक्रमण के हालात बन सकते है।
पर्ची काउंटर पर मरीजों को करना पड़ रहा इंतजार
जेकेलोन अस्पताल में पर्ची काउंटर से लेकर जांच और दवा काउंटर हर जगह लाइनों से मरीजों को दोजार होना पड़ रहा है। पर्ची बनाने के लिए एक मरीज को 15 से 20 मिनट कतार में इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पाताल में निर्माण कार्य चलने से पहले ही मुख्य द्वार बंद ऐसे में मरीजों को घूमकर अस्पताल पहुंचना पड़ता है। अस्पताल के प्रवेश द्वार पर नालिया टूटी होने से लोगों गंदे पानी से होकर अस्पताल में प्रवेश करना पड़ता जिससे हर समय संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
इनका कहना है
मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में मई पहले पखवाडे के साथ ही बढोत्तरी हुई है। अस्पताल में पर्याप्त सुविधा है। बेड की अभी कोई परेशानी नहीं है। तीमारदारों की भीड़ को कम करने के लिए सुरक्षा गार्ड को पाबंद किया जाएगा।
- डॉ. एच एल मीणा, अधीक्षक जेकेलोन अस्पताल
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