फाइलों में चल कर ही दफन हो गई 15 करोड़ की गौशाला

अतिक्रमण नहीं हटने से जमीन हुई निरस्त, इधर गौशालाओं में गौवंश का ढेर

फाइलों में चल कर ही दफन हो गई 15 करोड़ की गौशाला

नगर निगम द्वारा बनाई जाने वाली 15 करोड़ रुपए की नई गौशाला खटाई में पड़ गई है। नगर निगम द्वारा नगर विकास न्यास के माध्यम से जमीन आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। न्यास ने कागजों में निगम को कब्जा भी संभला दिया था। लेकिन न्यास द्वारा निगम को गौशाला के लिए जो जमीन दी जा रही थी। उसमें से अधिकतर जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था।

कोटा।  शहर की सड़कों और गौशालाओं में गौवंश की संंख्या बहुत ज्यादा है।  वहीं नगर निगम द्वारा बनाई जाने वाली 15 करोड़ रुपए की नई गौशाला खटाई में पड़ गई है। शहर में मवेशियों की लगातार बढ़ती संख्या और निगम की बंधा धर्मपुरा गौशाला में जगह की कमी को देखते हुए नगर निगम  के पूर्व भाजपा बोर्ड में शहर में एक और नई गौशाला बनाने की योजना तैयार की गई थी। उसके लिए करीब 15 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया गया था। नगर निगम द्वारा नगर विकास न्यास के माध्यम से जमीन आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। तत्कालीन जिला कलक्टर ने पूर्व के बोर्ड कार्यकाल में ही निगम को बंधा धर्मपुरा रोड पर करीब 52 बीघा जमीन भी आवंटित कर दी थी। न्यास ने कागजों में निगम को कब्जा भी संभला दिया था। लेकिन न्यास द्वारा निगम को गौशाला के लिए जो जमीन दी जा रही थी। उसमें से अधिकतर जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था। साथ ही जमीन का कुछ हिस्सा वन विभाग का था। न्यास द्वारा उस जमीन पर से अतिक्रमण नहीं हटाए गए। न्यास के साथ ही निगम अधिकारियों ने भी खूब प्रयास किए लेकिन अतिक्रमण नहीं हटा। जिससे न्यास द्वारा निगम को जमीन का कब्जा नहीं संभलाया जा सका। नतीजा कई सालों तक फाइल इधर से उधर चलती रही। आखिरकार बोर्ड व सरकार बदल गई। नई गौशाला की जमीन को निरस्त कर दिया गया। जिससे गौशाला बनाने की योजना ही खटाई में पड़ गई। निगम सूत्रों के अनुसार उस जमीन पर कार्यादेश जारी होने के बाद भी काफी समय तक काम शुरू नहीं हो सका था। उसके बाद भी संवेदक  द्वारा काम करनेको तैयार था। 10 करोड़ से अधिक का काम होने से कई बार फाइल स्वायत्त शासन विभाग मुख्यालय तक गई। लेकिन फाइल इधर से उधर घूृमती रही लेकिन मूर्त रूप नहीं ले सकी।

इधर गौशाला में गौवंश का अम्बार
हालत यह है कि नगर निगम के किशोरपुरा सिथत कायन हाउस और बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में गौवंश का अम्बार है। गौशाला में करीब 2500 से अधिक गायें हैं। जिनके लिए भूसे चारे की व्यवस्था करने में निगम को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर मवेशियों का झुंड लगा रहता है। जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है। हांलाकि निगम ने बंधा धर्मपुरा गौशाला का विस्तार कर लिया है। जहां अलग-अलग बाड़ों में गौवंश को रखा जा रहा है।

नगर विकास न्यास से निगम को गौशाला निर्माणÞ के लिए 52 बीघा जमीन बंधा धर्मपुरा के आगे आवटित हुई थी। लेकिन उस पर अतिक्रमण होने से उसका कब्जा निगम को नहीं मिल सका था। जिससे उस जमीन पर 15 करोड़ से बनने वाली गौशाला को नहीं बनाया जा रहा। बाद में वह जमीन ही निरस्त कर दी। जिससे अब वह फाइल ही खत्म हो गई।
- ए.क्यू कुरैशी, अधिशाषी अभियंता नगर निगम कोटा दक्षिण

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