असर खबर का : अब सर्जिकल वार्ड में नहीं करने पड़ेंगे मरीज भर्ती
इमरजेंसी मेडिसन वार्ड में तीन माह बाद लगाए 15 बेड
दैनिक नवज्योति के 26 मई के अंक में एमबीएस अस्पताल के मेडिकल वार्ड को सर्जरी की जरुरत शीर्षक से खबर प्रकाशित करने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उन्होंने गुरुवार को वार्ड का निरीक्षण कर सारी व्यवस्थाए जांच कर उसमें बेड लगाने के आदेश जारी किए। उसके बाद वार्ड की सफाई कर उसमें 15 बेड लगाए गए।
कोटा । एमबीएस अस्पताल में तीन माह से मरम्मत के लिए बंद पड़े 15 बेड का आज परीक्षण कर उन्हें मरीजों के भर्ती के लिए तैयार कर लिया जिससे अब मरीजों को सर्जिकल वार्ड में भर्ती नहीं करना पड़ेगा। एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने गुरुवार को इमरजेंसी मेडिकल वार्ड का निरीक्षण आॅक्सीजन लाइनों और अन्य उपकरणों की जांच कराने के बाद बंद किए 15 बेड फिर से लगाए जिससे अब एक साथ 30 मरीजों को इलाज मिल सकेंगा। उल्लेखनीय है कि दैनिक नवज्योति के 26 मई के अंक में एमबीएस अस्पताल के मेडिकल वार्ड को सर्जरी की जरुरत शीर्षक से खबर प्रकाशित करने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उन्होंने गुरुवार को वार्ड का निरीक्षण कर सारी व्यवस्थाए जांच कर उसमें बेड लगाने के आदेश जारी किए। उसके बाद वार्ड की सफाई कर उसमें 15 बेड लगाए गए।
एक माह से आॅक्सीजन लाइनों को शिफ्ट करने का चल रहा था काम
एमबीएस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक माह से आॅक्सीजन लाइन की सप्लाई और चेंबर तैयार कर मुख्य लाइन से जोड़ने का कार्य चल रहा था जिसके कारण इमरजेंसी मेडिकल वार्ड के 15 बेड की काम में लिए जा रहे थे। 15 बेड अधीक्षक को मरम्मत के लिए सौंप दिए गए थे। वार्ड प्रभारी हीरालाल ने बताया कि 30 बेड शुरू होने से अब मरीजों को सर्जिकल और अन्य वार्डो में शिफ्ट नहीं करना पड़ेगा। गंभीर मरीजों का एक ही वार्ड में इलाज हो सकेंगा जिससे नर्सिंग स्टाफ को उनकी देखभाल में परेशानी नहीं होगी।
इमरजेंसी मेडिसन वार्ड का गुरुवार को परीक्षण कर उसमें 15 बंद किए बेड को फिर से शिफ्ट कराया है। सभी बेड पर आॅक्सीजन लाइन की सप्लाई, पल्स मॉनिटर, और अन्य उपकरण शिफ्ट करा दिए है। अब इन बेड पर मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। शुरुआत में इन बेडों पर बिना आॅक्सीजन की जरुरत वाले मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा।
-डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक एमबीएस अस्पताल
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