ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हिंदू धर्मस्थली के प्रतीक होने का अंदेशा मामला: महाराणा प्रताप सेनाध्यक्ष पर दर्ज होगा मुकदमा
दरगाह में हिंदू प्रतीक चिन्ह होने के संबंध में फर्जी फोटो वायरल करने का मामला
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हिंदू धर्मस्थली के प्रतीक होने का अंदेशा व्यक्त करने पर महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए दरगाह कमेटी, दोनों अंजुमन व दरगाह दीवान सहमत
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हिंदू धर्मस्थली के प्रतीक होने का अंदेशा व्यक्त करने पर महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए दरगाह कमेटी, दोनों अंजुमन व दरगाह दीवान सहमत हो गए हैं। हालांकि दरगाह से जुड़ी सभी संस्थाओं और स्थानीय लोगों ने दरगाह परिसर में हिंदू प्रतीक स्वास्तिक वाली खिड़की होने से इंकार कर दिया है। सभी ने महाराणा प्रताप सेनाध्यक्ष पर दरगाह आने वाले सभी जाति व धर्म के लोगों की भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।
मालूम हो कि दरगाह हजरत ख्वाजा साहब पर हिंदू प्रतीक वाली खिड़की होने का दावा करते हुए महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्यपाल से जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने मांगपत्र के साथ एक खिड़की का फोटो भी वायरल किया था। उक्त फोटो दरगाह परिसर का नहीं होने की बात कहते हुए स्थानीय लोगों ने संपूर्ण परिसर में लगी खिड़की व मार्बल की जालियों के फोटो वायरल कर परमार के सवाल का जवाब दिया था। इस मामले में दरगाह की सैयद जादगान और यादगार अंजुमन के प्रतिनिधियों सहित दरगाह दीवान ने दरगाह कमेटी द्वारा परमार और उन्हें उक्त फर्जी फोटो उपलब्ध करवाकर कानून और व्यवस्था प्रभावित वाले उनके सहयोगियों सहित उनके षड़यंत्र में शामिल लोगों के खिलाफ लोगों की धार्मिक भावना आहत करने का मुकदमा दर्ज करवाना तय किया है। मालूम हो कि पूर्व में भी दरगाह व ख्वाजा साहब के संबंध में अनर्गल जानकारी प्रसारित करने वाले एक टीवी चैनल पर दरगाह थाना में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
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