अफगानिस्तान में मौजूद हैं जैश और लश्कर के ट्रेनिंग कैंप
तालिबान कर रहा मदद, अब यूएन ने भी कर दी पुष्टि
वैश्विक आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट ने पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है
न्यूयॉर्क। वैश्विक आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट ने पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक आतंकवादी हाफिज मुहम्मद सईद के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के अफगानिस्तान के कुछ प्रांतों में ट्रेनिंग कैंप मौजूद हैं। इनमें से कुछ कैंप का नियंत्रण सीधे तौर पर तालिबान के हाथों में है। जबकि, पाकिस्तान बार-बार दावा करता रहता है कि हाफिज सईद सलाखों के पीछे है और उसका आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा निष्क्रिय हो चुका है।
जैश का तालिबान से करीबी रिश्ता
रिपोर्ट में कहा गया है कि मसूर अजहर के नेतृत्व वाला जैश-ए-मोहम्मद वैचारिक रूप से तालिबान का करीबी है। कारी रमजान अफगानिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद का नवनियुक्त प्रमुख है। इसमें कहा गया है कि निगरानी दल की पिछली रिपोर्ट में लश्कर-ए-तैयबा को तालिबान को वित्तीय मदद देने और प्रशिक्षण विशेषज्ञता प्रदान करने वाला बताया गया है।
संपर्क में लश्कर के कई आतंकी
एक सदस्य देश के अनुसार, अफगानिस्तान में मौलवी यूसुफ इसका नेतृत्व कर रहा है। एक अन्य सदस्य देश के अनुसार, अक्टूबर 2021 में एक अन्य लश्कर नेता मौलवी असदुल्लाह ने तालिबानी उप गृह मंत्री नूर जलील से मुलाकात की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य सदस्य देश ने कहा कि इस क्षेत्र में प्रभावी सुरक्षा कदम उठाए जाने के कारण जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है।
जैश के 8 ट्रेनिंग कैंप नंगरहार में मौजूद
विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी दल की 13वीं रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश के हवाले से कहा गया है कि वैचारिक रूप से तालिबान के करीबी देवबंदी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नंगरहार में आठ प्रशिक्षण शिविर हैं, जिनमें से तीन पर तालिबान का सीधा नियंत्रण है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष के तौर पर सुरक्षा परिषद के सदस्यों के संज्ञान में लाने के लिए रिपोर्ट पेश की और परिषद का दस्तावेज जारी किया।
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