पति की हत्या के आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को उम्रकेेद
आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 20-20 हजार रुपए अर्थदण्ड
अनुसूचति जाति जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण की विशिष्ट न्यायाधीश सरीता नोशाद द्वारा मंगलवार को दिए एक निर्णय में षड़यंत्र पूर्वक अपने पति की हत्या के आरोप में मंजू देवी पत्नी रोशन मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना व उसके प्रेमी युसूफ पुत्र बरकत अली धोबी निवासी वार्ड 3 बुहाना को आजीवन कारावास की सजा देते हुए 20-20 हजार रुपए अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
झुंझुनूं। अनुसूचति जाति जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण की विशिष्ट न्यायाधीश सरीता नोशाद द्वारा मंगलवार को दिए एक निर्णय में षड़यंत्र पूर्वक अपने पति की हत्या के आरोप में मंजू देवी पत्नी रोशन मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना व उसके प्रेमी युसूफ पुत्र बरकत अली धोबी निवासी वार्ड 3 बुहाना को आजीवन कारावास की सजा देते हुए 20-20 हजार रुपए अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
महिला के थे अवैध संबंध
मामले के अनुसार, 18 अक्टूबर 2016 को सुरेश कुमार पुत्र गणेशराम मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना ने केसीसी अस्पताल खेतड़ी नगर में पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसका भाई रोशन 17 अक्टूबर, 2016 को घर से दिन में गया था जिसकी लाश 18 अक्टूबर को प्रात: मुरादपुर नदी में सड़क पर पड़ी मिली तथा उसके भाई के शरीर पर चोटों के निशान है। रिपोर्ट में बताया कि उसके भाई की औरत मंजू देवी के युसूफ खान निवासी बुहाना व दो-तीन अन्य व्यक्ति भैसावता खुर्द के साथ अवैध सम्बन्ध थे। इस बात को लेकर उसके भाई व उसकी पत्नी के बीच रोज झगड़ा चलता था तथा उन्हे शक है कि उसके भाई की औरत ने उक्त लोगो के साथ मिलकर उसके भाई की हत्या की है आदि।
मामले में 26 गवाहों के बयान और 80 दस्तावेज पेश
पुलिस ने इस रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर बाद जांच मंजू देवी पत्नी रोशन मेघवाल निवासी मुरादपुर थाना सिंघाना के विरूद्ध षंड़यत्र पूर्वक अपने पति की हत्या तथा युसूफ पुत्र बरकत अली धोबी निवासी अनु.जाति, वार्ड 3 बुहाना के विरूद्ध हत्या व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में चालान पेश कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक मोहम्मद रफीक ने न्यायालय में इस मामले में 26 गवाहों के बयान करवाए और 80 दस्तावेज पेश करवाये।
धारा 201/120बी के तहत मिली सजा
विशिष्ट लोक अभियोजक रफीक ने न्यायालय में तर्क दिया कि अवैध सम्बन्धो में रोड़ा बन रहे रोशन को मारने का मंजू व युसूफ ने षड़ंयत्र कर रोशन की हत्या कर दी तथा गवाहों के बयानों से मामला पूर्णत: सिद्ध है। विशिष्ठ न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश्लेषण करते हुये मंजू व यूसूफ को उक्त सजा के साथ-साथ धारा 201/120बी में और पांच वर्ष का साधारण कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा देते हुये दोनो सजाएं साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी युसूफ को अनू जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के आरोप से बरी कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से विशिष्ट लोक अभियोजक मो.रफीक ने पैरवी की।
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