UPSC के फाइनल रिजल्ट में गुदड़ी के लालों ने रचा इतिहास
अभ्यर्थियों ने रोजाना 7-8 घंटे और परीक्षा के दिनों में 15-16 घंटे तक पढ़ाई कर हासिल कि सफलता
गंगापुर सिटी। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट सोमवार को जारी किया। 685 कैंडिडेट्स पास हुए हैं। इसमें गंगापुर सिटी क्षेत्र से वंदना मीणा, सिद्धार्थ बरवाल, गगन मीणा, अभिषेक मीणा, अंशुल नागर भी शामिल है।
गंगापुर सिटी। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट सोमवार को जारी किया। 685 कैंडिडेट्स पास हुए हैं। इसमें गंगापुर सिटी क्षेत्र से वंदना मीणा, सिद्धार्थ बरवाल, गगन मीणा, अभिषेक मीणा, अंशुल नागर भी शामिल है। इन अभ्यर्थियों ने रोजाना 7-8 घंटे और परीक्षा के दिनों में 15-16 घंटे तक पढ़ाई की और सफलता हासिल की। इनकी सफलता पर दैनिक नवज्योति ने इनसे बातचीत की
वंदना मीणा को मिली 331वीं रैंक : एक छोटे से गांव टोकसी की बेटी ने यूपीएससी एक्जाम के्रक कर साबित कर दिया कि प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होती हैं। कल तक गांव की एक साधारण सी लड़की आज गांव के युवाओं की हीरो हो गई है। बात कर रहे हैं वंदना मीणा की जिसने आईएएस एक्जाम में 331वीं रैंक हासिल कर अपने गांव और परिवार का नाम रोशन कर दिया। पढ़ाई में शुरू से ही प्रतिभाशाली रही वंदना ने अपना ग्रेजुएशन 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के आचार्य नरेंद्र जैन कॉलेज से किया। उन्होंने मैथ्स में आॅनर्स के साथ ग्रेजुएट किया। वंदना के पिता पृथ्वीराज मीणा दिल्ली पुलिस में हैं और मां संपति देवी गृहिणी हैं। वंदना के अनुसार सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उसने परीक्षा के दिनों में 15 से 16 घंटे तक पढ़ाई की। साल के बाकी दिनों में करीब 10 घंटे रोजाना पढ़ाई करना उसका रूटीन रहा है।
सिद्धार्थ बोले- मैं कर्मयोगी हूं, भारतीय लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2021 के जारी हुए परिणामों में सिद्धार्थ बरवाल ने एसटी वर्ग में 18वीं रैंक हासिल की है। सिद्धार्थ के पिता बीएल मीणा अभी एक पखवाड़े पहले तक गंगापुर में मंडी सचिव थे, उनका हाल ही में जयपुर स्थानांतरण हुआ है। वहीं माता नीलम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। सिद्धार्थ का कहना है कि मैं कर्मयोगी हूं। कर्म पर विश्वास करता हूं। 2021 में आईआईटी कानपुर पास आउट होने के बाद आईपीएस में सफलता हासिल करने का लक्ष्य बनाया।
अंशुल नागर को भी मिली सफलता : बामनवास के गांव कोयला के निवासी अंशुल नागर का भी यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में चयन हुआ है। अंशुल के पिता डॉ. बीएल नागर फिलहाल निवाई में वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी हैं। अंशुल ने अपनी स्कूली शिक्षा एम्मानुएल मिशन स्कूल से की जबकि उच्च माध्यमिक परीक्षा केंद्रीय विद्यालय नंबर तीन जयपुर से प्राप्त की।
तनुश्री को पहले प्रयास में मिली सफलता:बामनवास का एक छोटा सा गांव है नाहरसिंह पुरा। इसी गांव की एक बेटी तनुश्री मीणा ने सफलता की नई इबारत लिख दी। तनुश्री का पहले ही प्रयास में आईएएस में चयन हो गया है। तनुश्री के पिता पुरुषोत्तम मीणा बीएसएनएल में अधिशासी अभियंता हैं और मां नारंगी देवी गृहिणी हैं। तनुश्री की पूरी शिक्षा जयपुर में ही हुई और उसने पहले ही प्रयास में आईएएस क्रेक किया।
रोज 7-8 घंटे की पढ़ाई से मिली सफलता: सिविल सेवा परीक्षा में गगन सिंह मीणा का चयन आईएएस में हुआ है। गगन के पिता चरण सिंह मीणा किसान है और मां बच्ची देवी गृहिणी है। गगन के एक भाई है जो रेलवे में ईसीआरसी विभाग में कार्यरत है। गगन प्रतिदिन 7-8 घंटे नियमित पढ़ाई करते और उनका सपना आईएएस बनना था। हाल ही जारी की गई मेरिट में गगन को 592वीं मैरिट मिली है।
अभिषेक को मिली 670 वीं रैंक: इसी तरह इसी गांव मीणा बड़ौदा के अभिषेक मीणा का चयन यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में हुआ है। अभिषेक के पिता देशराज मीणा जलदाय विभाग में एसई है जबकि मांग सुशीला देवी गृहिणी है। अभिषेक बताते है कि उन्होंने जयपुर से बी-टेक कर दिगी से आईएस की तैयारी शुरू की और आईएएस बनना उनका सपना था। आईएएस की सूची में अभिषेक को 670वीं रैंक मिली है।
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