हरिपुरा गांव की प्रतिभा बनी IAS, ढोल नगाड़ों की गूंज में बेटी का किया स्वागत

गांव के बुजुर्गो ने बेटी का तिलक लगाकर उज्जवल भविष्य की कामना की।

हरिपुरा गांव की प्रतिभा बनी IAS, ढोल नगाड़ों की गूंज में बेटी का किया स्वागत

जिले के छोटे से गांव चक हरिपुरा की बेटी प्रतिभा जाट ने यूपीएससी एग्जाम क्लीयर कर आईपीएस बनी है।

हनुमानगढ़। जिले के छोटे से गांव चक हरिपुरा की बेटी प्रतिभा जाट ने यूपीएससी एग्जाम क्लीयर कर आईपीएस बनी है। मंगलवार को बेटी के गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा ढोल नगाड़ों, रंग गुलालए, पटाखों के साथ प्रतिभा का स्वागत व अभिनंदन किया। गांव के बुजुर्गो ने बेटी का तिलक लगाकर उज्जवल भविष्य की कामना की। गांव में मंगलवार को होली दीपावली सा माहौल एक साथ देखने को मिला। प्रतिभा के गांव में आईपीएस बनने के बाद पहुंचने पर पिता दयाल सिंह की आंखे नम हो गई। ज्ञात रहे कि प्रतिभा के पिता गांव मटोरियावाली ढाणी में खेती बाड़ी करते है। प्रतिभा ने चौथी बार के प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। पूर्व सरपंच भागीरथ ने बताया कि प्रतिज्ञा ने कक्षा पहली से कक्षा 12 वीं तक अपनी शिक्षा एनपीएस स्कूल से संपन्न की और कक्षा 12 में जिला टॉप किया। प्रतिभा के पिता दयाल सिंह गोदारा का सपना था कि उनकी बेटी आईपीएस बने और उसी सपने को साकार करने के लिए जी जान से प्रतिभा ने दिन रात मेहनत की। दिल्ली में आगे की शिक्षा ग्रहण करने के बाद तीन प्रयासों में जब प्रतिभा सफल नहीं हो पाई तो उनके पिता दयाल सिंह ने बेटी को हौंसला देते हुए हार न मानने के लिए प्रोत्साहित किया जिसके बार चौथे प्रयास में बेटी प्रतिभा ने अपने पिता का सपना साकार किया। उन्होने बताया कि बेटी प्रतिभा गांव की पहली प्रशासनिक सेवा में चयनित होने वाली है। उन्होने बताया कि अब से पहले गांव का कोई भी बेटा या बेटी प्रशासनिक सेवाओं में नही है और बेटी प्रतिभा के आईपीएस बनने से गांव की अन्य बेटियों और बेटों को प्रोत्साहन तो मिलेगा और साथ ही कोई भी बेटी को बोझ न समझकर शिक्षित करने में प्रयास करेगा।

पिता दयाल सिंह ने बताया कि उन्हे उनके पिता श्योकरण गोदारा से प्रेरणा मिली थी जिस कारण उन्होने अपनी बेटी को आईपीएस बनाने का सपना देखा था। उन्होने बताया कि वास्तव में यह सपना उनका नही उनके पिता श्योकरण गोदारा का था। क्योंकि श्योकरण गोदारा बेटियों को उस जमाने में भी शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रयास करते थे और पूरे गांव में शिक्षा की अलख जगाने के लिए कार्य करते थे। उन्होने कहा कि आज केवल मेरा और मेरे पिता नही बल्कि पूरे गांव का सपना सच हुआ है जिस कारण खुशी के मारे गांव की हर मां की आंखे नम है। आईपीएस प्रतिभा गोदारा ने बताया कि सफलता प्राप्त करने को कोई शॉटकॉट नही बल्कि केवल मेहनत, लगन और परिश्रम है। उन्होने बताया कि मैं चौथी बार यूपीएससी एग्जाग में क्लीयर हुई हूं परन्तु पहले मेन्स व पहले इन्टरव्यू में उन्हे यह सफलता मिली । उन्होंने कहा कि अगर आपकी मेहनत और लग्न सच्ची है तो दुनिया कि कोई भी ताकत आपकों सफल होने से नही रोक सकती। सिलेक्शन का एक ही आधार है कि भरपूर मेहनत करनी होती है। किसी भी स्थिति में गिव अप नहीं करना है। अंतिम पेपर के अंतिम सवाल तक मेहनत करनी होती है। असफलता का मतलब ये नहीं होता कि हम कर नहीं सकते, बल्कि हम और ज्यादा मेहनत करके उसे सफलता में बदल सकते हैं। प्रतिभा बताती है कि तीन बार वो प्री में क्लियर कर सकी लेकिन चौथी बार उसने मेहनत के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे। हर बात को गहराई से समझने का प्रयास किया। यही कारण है कि इस बार टॉप में अपना स्थान बना सकी। उन्होने कहा कि मेरा मुख्य उद्देश्य ईमानदारी से नौकरी करते हुए सच को सबके सामने लाना रहेगा।

 

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