वीएमओयू का मामला: परीक्षा का पता और न ही परिणाम का, दांव पर लगा हजारों विद्यार्थियों का भविष्य

पटरी से उतरी वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था, राजस्थान के कई जिलों से कोटा आ रहे छात्र, नहीं मिल रहा संतोषजनक जवाब, परीक्षा शिड्यूल से लेकर क्लासों तक की नहीं मिल रही जानकारी

वीएमओयू का मामला: परीक्षा का पता और न ही परिणाम का, दांव पर लगा हजारों विद्यार्थियों का भविष्य

वर्धमान खुला विश्वविद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई। लचर व्यवस्था से हजारों छात्रों का भविष्य दांव लगा हुआ है । हालात यह है, न परीक्षा का पता है और न ही परिणाम का। वहीं, एक साल का कोर्स तीन साल में भी पूरा नहीं हुआ है।

कोटा। वर्धमान खुला विश्वविद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई। लचर व्यवस्था से हजारों छात्रों का भविष्य दांव लगा हुआ है । हालात यह है, न परीक्षा का पता है और न ही परिणाम का। वहीं, एक साल का कोर्स तीन साल में भी पूरा नहीं हुआ है। विद्यार्थियों की डिग्री पूरी होने के बावजूद आंतरिक मूल्यांकन के नम्बर मार्कशीट में नहीं जोड़े गए, जिससे रिजल्ट कम्पलीट नहीं हो पा रहा। इतना ही नहीं, राजस्थान के दूरस्थ इलाकों से कोटा आए छात्रों को यूनिवर्सिटी में समस्याओं से संबंधित सवालों के जवाब भी संतोषजनक नहीं मिल रहे। नतीजन, भीषण गर्मी में विद्यार्थी इधर से उधर भटकने को मजबूर हैं। इन दिनों वर्धमान खुला विश्वविद्यालय में ऐसे ही हालात हर रोज नजर आ रहे हैं। 

एक साल बाद भी अंकतालिका में नहीं जोड़े असाइनमेंट के नम्बर
 बीएड छात्र देवेंद्र व अमर सिंह ने बताया कि बीएड प्रथम वर्ष की परीक्षा हुए एक साल हो गया।  लेकिन, अभी तक आंतरिक मूल्यांकन के नम्बर मार्कशीट में नहीं जोड़े गए। जिससे रिजल्ट कम्पलीट नहीं हो रहा। वहीं, द्वितीय वर्ष के असाइनमेंट अभी तक नहीं दिए गए। जबकि, असाइमेंट जमा करवाने की तारीख गत 15 मई थी। ऐसे में कब असाइनमेंट बनाएं और कब जमा करवाएंगे।  

7 दिनसे100 से ज्यादा विद्यार्थी कोटा में रुके
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय से बीएड कर रहे छात्र दोहरी मार झेल रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से वीएमयू में बीएड कीपरीक्षा करवाने की मांग को लेकर कोटा आए 100 से ज्यादा विद्यार्थी 7 दिन से अपने खर्चे पर यहां रुके हुए हैं। इनमें कोई होटल, धर्मशाला तो कोई परिचितों के यहां समाधान की आस में रूके हुए हैं। समस्याओं को लेकर रोजाना यूनिवर्सिटी जाते हैं लेकिन वहां ना तो परीक्षा नियंत्रक मिलते हैं और न ही कोई जिम्मेदार अफसर। ऐसे में छात्र यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं को कोसते हुए मायूस लौट रहे है।

 परीक्षा नहीं हुई तो शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए हो जाएंगे अपात्र
बीएड छात्र चैनाराम विशनोई व नेनाराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 500 विद्यार्थी वर्धमान खुला विशवविद्यालय से बीएड कर रहे हैं। द्वितीय वर्ष की परीक्षा इसी जून माह में होना प्रस्तावित है लेकिन अभी तक एग्जाम को लेकर कोई शिड्यूल जारी नहीं किया। ऐसे में असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है। यदि परीक्षा निर्धारित समय पर नहीं हुई तो अक्टूबर में होने वाले आरपीएससी की फर्स्ट व सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। जिम्मेदारों की लेटलतीफी से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है।

कर्मचारी नहीं दे रहे ठीक से जवाब
कुन्हाड़ी निवासी कुलदीप सिंह हाड़ा का कहना है, एमए की मार्कशीट लेने आया था। संबंधित काउंटर पर जाकर पूछताछ की तो काफी देर तक जवाब नहीं दिया। दोबारा फिर से मार्कशीट के बारे में पूछा तो वहां तैनात कर्मचारी अभद्रता पर उतर आया। वहीं, झालावाड़ जिले के भवानीमंडी से आए किशनलाल अरोड़ा ने कहा, विव प्रशासन द्वारा परीक्षा से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी जाती। यहां आकर देखा तो लाईब्रेरी की क्लासें शुरू हो चुकी थी। ऐसे में हमारी कई क्लासें छूट गई।

जोधपुर से कोटा के लगाए 4 चक्कर, फिर भी सुनवाई नहीं
जोधपुर से आए विद्यार्थी उम्मेद सिंह व अरविंद कुमार ने बताया कि वर्धमान कोटा खुला विश्वविद्यालय के जोधपुर रिजनल सेंटर से बीएससी की। प्रथम वर्ष में फिजिक्स-कैमेस्ट्री में बैक आ गई। डिफाल्टर फॉर्म भरा और परीक्षा देकर पास हो गए। इसी दौरान तीन साल की डिग्री भी पूरी हो गई लेकिन प्रथम वर्ष के नंबर अंकतालिका में नहीं जोड़े गए। जिससे रिजल्ट अभी तक अधूरा है। शिकायत लेकर जोधपुर सेंटर पर गए तो उन्होंने कोटा भेज दिया। यहां आए तो संबंधित कर्मचारियों ने काम वहीं होने की बात कहकर वापस जोधपुर भेज दिया। इस तरह अब तक जोधपुर से कोटा के 4 चक्कर काट चुका हूं। इसके बावजूद सुनवाई नहीं हो रही। सुबह से शाम तक अधिकारी से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

अंतिम तिथि आज नहीं खुला पोर्टल
बाड़मेर निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि वीएमओयू कोटा से वर्ष 2019 में एमए गणित में एडमिशन लिया था। परीक्षा अगले वर्ष 2020 में होनी थी लेकिन कोविड के चलते परीक्षा न करवाकर द्वितीय वर्ष में प्रमोट कर दिया। अक्टूबर 2021 में फाइनल एग्जाम में बैक आ गई, जिसे क्लीयर करने के लिए डिफाल्टर फॉर्म भरना जरूरी है लेकिन लंबे समय से यूनिवर्सिटी का पोर्टल नहीं खुल रहा।  परीक्षा नियंत्रक के कक्ष पर ताला लगा है।  ई-मित्र पर गया तो पता लगा आज फॉर्म करने की आखिरी तारीख है और दोपहर तीन बजे तक पोर्टल बंद था।

1 साल का कोर्स 3 साल में भी नहीं हुआ पूरा
भीलवाड़ा निवासी विद्यार्थी  हिम्मत सिंह बताया कि  वर्ष 2019 में यहां लाइब्रेरी डिप्लोमा में एडमिशन लिया था। 2 साल कोविड के चलते न तो एग्जाम हुए और न ही प्रेक्टिकल करवाए गए। इसके अलावा परीक्षा तिथि भी घोषित नहीं की गई। ऐसे में 1 का कोर्स 3 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ। अब तक अनगिनत चक्कर काट चुके हैं, फिर भी सुनवाई नहीं हुई।

परीक्षा सहित अन्य शैक्षणिक समस्याओं को लेकर परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर बी.अरुण कुमार से कई बार सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन उनके द्वारा फोन न उठाने से सम्पर्क नहीं हो पाया और विश्वविद्यालय में उनके कक्ष पर भी ताला लगा हुआ था।

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