अकबर को महान बताने वाले प्रताप की भूमि पर क्यों ले रहे शरण : डॉ. पूनिया
कांग्रेसी बाड़ेबंदी पर भाजपा पर जोरदार कटाक्ष
उदयपुर। जगह वही छोड़ता है जो डरपोक होता है। यह प्रताप की धरती है, यहां डरपोकों का क्या काम है। अकबर को महान बताने वाले प्रताप की भूमि पर क्यों शरण ले रहे हैं।
उदयपुर। जगह वही छोड़ता है जो डरपोक होता है। यह प्रताप की धरती है, यहां डरपोकों का क्या काम है। अकबर को महान बताने वाले प्रताप की भूमि पर क्यों शरण ले रहे हैं।
उक्त कटाक्ष भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस विधायकों की उदयपुर में बाड़ाबंदी पर किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने स्थान भी वही चयन किया है, जहां कुछ दिन पहले चिंतन किया गया था। कुछ ही दिनों सरकार पुन: उसी स्थान पर चिंता जताते हुए शरण ले रही है। उन्होंने बाड़ेबंदी शब्द पर कहा कि बाड़ा, मवेशियों के लिए बनाया जाता है और बाड़ाबंदी भी उन्हीं की होती है। जनप्रतिनिधियों की कैसी बाड़ाबंदी। बाड़ा शब्द भी कांग्रेस की उपज है, जो अनुचित है। डॉ. पूनिया ने कहा कि दरअसल लोकतंत्र में मतदान से दो दिन पहले प्रचार आदि थाम लिया जाता है तथा मतदाताओं को पूरी वैचारिक स्वतंत्रता दी जाती है ताकि वे सोच-समझ कर मतदान कर सके। यही स्थितियां जनप्रतिनिधियों पर भी लागू होनी चाहिए, बाड़ेबंदी से क्या होगा। जो जहां है उसे वही रहने दो और वैचारिक स्वतंत्रता देनी चाहिए।
जितनी ट्रेनिंग, उस हिसाब से जादूगरी समाप्त
प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत जैसा मुख्यमंत्री आज तक नहीं देखा, जो बार-बार प्रधानमंत्री से मांग करता है। यह कांग्रेस के अंदरूनी कलह का परिणाम है जिसका खमियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री की जादूगरी अब समाप्त हो चुकी है, क्योंकि उन्हें जिस जादूगरी की जितनी ट्रेनिंग दी गई है, उससे आगे अब उन्हें कुछ नहीं आता है। सरकार के सदस्यों ने भ्रष्टाचार का मीनू कार्ड तैयार कर लिया है।
जो आए उसका स्वागत
हार्दिक पटेल के भाजपा में शामिल होने के प्रश्न पर पूनिया ने कहा कि लोग पार्टी से नहीं विचारधारा से जुड़ते हैं। पटेल के बाद यदि और कोई भी पार्टी में शामिल होना चाहता है तो उसका भी स्वागत है। डॉ. पूनिया ने इशारों में स्पष्ट किया है कि आगामी समय में कई लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की 8 साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि 30 मई से 14 जून तक इसका आयोजन सेवा, सुशासन और कल्याण पखवाड़ा की तर्ज पर मनाया जा रहा है।
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