बॉर्डर पर बाज नहीं आ रहा ड्रैगन, सिक्किम-पूर्वी लद्दाख में LAC पर स्थायी निर्माण कर रहा चीन
पिछले 1 साल से अधिक समय से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच भी ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीनी सेना अब सिक्किम, पूर्वी लद्दाख के पास सैनिकों के लिए स्थायी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। इससे साफ होता है कि चीन बॉर्डर पर भारतीय क्षेत्रों के पास लंबे समय तक रहने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली। पिछले 1 साल से अधिक समय से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच भी ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीनी सेना अब सिक्किम, पूर्वी लद्दाख के पास सैनिकों के लिए स्थायी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। इससे साफ होता है कि चीन बॉर्डर पर भारतीय क्षेत्रों के पास लंबे समय तक रहने की तैयारी कर रहा है। चीन ने अपने सैनिकों के लिए स्थायी कंक्रीट ढांचे का निर्माण शुरू कर दिया है, जिससे उसके सैनिकों को बहुत कम समय में भारत के साथ विवादित क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति मिल जाएगी।
भारतीय एजेंसियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों के पास स्थायी कंक्रीट की इमारतों के साथ नए सैन्य शिविर देखे हैं। इससे साफ है कि चीन की लंबे समय तक फॉरवर्ड इलाकों में सैनिकों की तैनाती की मंशा है। वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने बताया कि ऐसा ही एक शिविर उत्तरी सिक्किम क्षेत्र में नाकु ला क्षेत्र के सामने चीनी क्षेत्र के अंदर कुछ किलोमीटर की दूरी पर नजर आ रहा है, जो उस क्षेत्र से बमुश्किल कुछ मिनट की दूरी पर है जहां पिछले साल भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव शुरू हुआ था और इस साल जनवरी में भी। सूत्रों ने कहा कि इसी तरह की इमारतों का निर्माण पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों के साथ-साथ अरुणाचल क्षेत्र में भी देखा गया है।
सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना स्थायी कंक्रीट ढांचे का निर्माण कर रही है जो उसे सीमावर्ती क्षेत्रों के पास सैनिकों को तैनात करने की अनुमति देगा। सूत्रों ने कहा कि सड़क का बुनियादी ढांचा भी बहुत अच्छा है जो उन्हें भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से पहुंचने की अनुमति देगा। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों को फॉरवर्ड इलाकों में सर्दियों के दौरान काफी सामना करना पड़ता है। अत्यधिक सर्दियों में पूर्वी लद्दाख के साथ फॉरवर्ड इलाकों में तैनात चीनी सैनिक असहज महसूस करते हैं, जिससे उन्हें अपनी 90 प्रतिशत जनशक्ति को वहां से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लेकिन इस तरह के स्थायी ढांचे के निर्माण कर सैनिकों की समस्या का समाधान किया जा रहा है। चीन ने अपने सैनिकों को पैंगोंग झील क्षेत्र से हटाकर अपने कब्जे वाले तिब्बत क्षेत्र के रुतोंग शहर में तैनात किया है।
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