विश्व युवा कौशल दिवस: गहलोत बोले- केवल डिग्री जमा करने से कोई फायदा नहीं, हाथ में हुनर होना चाहिए

विश्व युवा कौशल दिवस: गहलोत बोले- केवल डिग्री जमा करने से कोई फायदा नहीं, हाथ में हुनर होना चाहिए

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट के महत्व का संदेश सभी लोगों तक जाना चाहिए। केवल डिग्री एकत्रित करने से कोई फायदा नहीं है, हाथ में हुनर होना चाहिए। गहलोत ने गुरुवार को विश्व युवा कौशल' दिवस पर आयोजित कार्यक्रम

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट के महत्व का संदेश सभी लोगों तक जाना चाहिए। केवल डिग्री एकत्रित करने से कोई फायदा नहीं है, हाथ में हुनर होना चाहिए। गहलोत ने गुरुवार को विश्व युवा कौशल' दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को वीसी के जरिए संबोधित किया। इस अवसर गहलोत ने कौशल विभाग की 3 योजनाओं के पोस्टर का विमोचन किया। कार्यक्रम में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल युवा सरकारी नौकरी के लिए ज्यादा प्रयास करते हैं, लेकिन सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती है। एक हजार पदों के लिए 8 लाख फॉर्म भरे जाते हैं। टफ कंपिटीशन के कारण नौकरी नहीं मिलती और लोगों में फ्रस्ट्रेशन होती है। एक उम्र के बाद ना वो इधर के रहते हैं और ना उधर के। ऐसे में युवा आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें।

गहलोत ने कहा कि देश के सामने बेरोजगारी बड़ी चुनौती है। युवाओं को केवल भत्ता देने से काम नहीं चलेगा। भत्ता उसी को दिया जाए जो इंटर्नशिप करने को तैयार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोच समाज को बदल देती है और देश को रास्ता दिखा देती है। राजस्थान मिशन ऑन लाइवलीहुड हमने बनाया था और फिर आरएसएलडीसी का निर्माण हुआ। अलग-अलग संस्थाएं बन गईं, लेकिन एक अम्ब्रेला होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्किल के बावजूद कई बार युवाओं को रोजगार नहीं मिलता है, उनके लिए मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना है। 1 लाख 60 हजार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है, इसमें सालाना 200 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो रहा है। सालाना 50-60 हजार युवाओं को नौकरियां दिलाना हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने रोजगार संदेश और दक्ष न्यूज लेटर के साथ ही योजनाओं संबंधी फोल्डर का विमोचन किया।

शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कोरोना काल में हुनर की अहमियत बढ़ी है। नौकरियों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। कौशल प्रशिक्षण की पहली यूनिवर्सिटी राजस्थान में बनी है। कॉलेज विद्यार्थियों के लिए भी निशुल्क कोर्स शुरू किए हैं। कोरोनाकाल में मुख्यमंत्री ने गांवों में लोगों को घर बैठे रोजगार दिया। खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि शिक्षा के बाद प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है। यह काम मुख्यमंत्री ने 2013 से पहले ही कर दिया। 4 लाख 65 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया और करीब 2 लाख युवाओं को नौकरियां दी गई। ऑनलाइन स्किलिंग का काम भी शुरू किया गया है। सॉफ्ट स्किल्स का प्रोग्राम लगभग सभी सेंटर्स पर शुरू किया गया है। पहले जो हाथ भीख के लिए उठते थे, वो अब स्वरोजगार के लिए उठ रहे है। भिक्षा मुक्त राजस्थान बनाना हमारा लक्ष्य है।

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