मजदूरी कर अपने खर्चें से खेत में बनाई मिनी नर्सरी

पौधे तैयार कर क्षेत्र में फैलाई हरियाली

मजदूरी कर अपने खर्चें से खेत में बनाई मिनी नर्सरी

क्षेत्र के पीपरवाला गांव के पर्यावरण प्रेमी व किसान हेमराज मीणा खेती के साथ मजदूरी कर वर्ष भर पर्यावरण और सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में लगे रहते हैं। हेमराज मीणा अपने खर्चे से खेत पर मिनी नर्सरी में अलग-अलग किस्म के पौधे तैयार कर उन पौधों को सार्वजनिक स्थानों, सरकारी ,अर्धसरकारी कार्यालयों पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण, वन संपदा को हरा भरा बनाने में जुटे रहते हैं।

करवर। क्षेत्र के  पीपरवाला गांव के पर्यावरण प्रेमी व किसान हेमराज मीणा खेती के साथ मजदूरी कर वर्ष भर पर्यावरण और सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में लगे रहते हैं। हेमराज मीणा अपने खर्चे से खेत पर मिनी नर्सरी में अलग-अलग किस्म के पौधे तैयार कर उन पौधों को सार्वजनिक स्थानों, सरकारी ,अर्धसरकारी कार्यालयों पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण, वन संपदा को हरा भरा बनाने में जुटे रहते हैं।  बरसात के दिनों में पर्यावरण प्रेमी मीणा सूचना पाकर अकेले पौधे लेकर चिन्हित जगह पहुंच जाते हैं और खुद पौधारोपण कर उन पौधों की सुरक्षा व देखरेख का इंतजाम करते हैं। उन्होंने अपने खेत पर  करीब 40 वर्षों  मे 75 प्रजातियों के  दो लाख से अधिक पौधे तैयार कर उन पौधों को नि:शुल्क जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाएं। इसके साथ ही क्षेत्र मे करवर,आंतरदा,माणी,खजूरी, खेडी, तलवास,देई, जरखोदा,गम्भीरा ग्राम पंचायत सहित दूरदराज के ग्राम पंचायतों में नि:शुल्क पौधे उपलब्ध करवाकर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दिया।

 40 वर्षों से सामाजिक सरोकार से जुड़े हैं मीणा
हेमराज मीणा ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। सिर्फ साक्षर है। उसके बावजूद भी उनका पर्यावरण से प्रेम शुरू से ही है नर्सरी मैं पौधे तैयार करने में पत्नी कमलाबाई बड़े पुत्र राजेश मीणा  भी खेती में उनका हाथ बटा कर पूरी मदद की छोटा बेटा आचार्य पिंकूराम भी अपने पिता की रूचि को देखते हुए पर्यावरण,समाज सेवा सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में पूरा सहयोग करते आ रहें है। साथ ही गांव के युवा भी मीणा के पर्यावरण प्रेम को देखते हुए हर स्तर पर उनकी मदद वह हौसला अपजाई करते हैं।

 परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी से निभाई मीणा ने
उनका वन्यजीवों ,बेसहारा मवेशियों ,पक्षियों से विशेष प्रेम के साथ -साथ पर्यावरण संरक्षण मे रिश्ता शुरू से ही है, उसके बाद भी खुद साक्षर होकर अपने परिवार की जिम्मेदारियां भी बखूबी से निभाकर बड़े पुत्र राजेश मीणा ने खेती के काम में हाथ बटाया, मजला बेटा राजेंद्र मीणा रेलवे में नौकरी ,छोटा बेटा आचार्य पिंकू राम संस्कृत शिक्षक हे अपने तीनों बेटों को उनके पैरों पर खड़ा कर लायक बनाया।

कई बार सम्मानित भी हुए
हेमराज मीणा को अपने सामाजिक सरोकार व उत्कृष्ट कार्य के लिए 22 अप्रैल 2020 को सजग वन प्रहरी अभिनंदन पत्र से नवाजा गया इसके अलावा 15 अगस्त 1987, 15 अगस्त 2009  को बूंदी जिला कलक्टर, दो बार डीएफओ बूंदी व 5 बार उपखंड अधिकारी नैनवा ग्राम पंचायत करवर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किये जा चुके हैं।

पर्यावरण के साथ-साथ पक्षियों मवेशियों से भी लगाव
किसान मीणा खेती के साथ-साथ सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य में लगे रहते हैं मौजूदा समय में भीषण गर्मी में प्यास से भटकते बेसहारा जानवरों की प्यास बुझाने के लिए करवर- पीपरवाला मुख्य सड़क के पास अपने निजी ट्यूबवेल से छोटी तलाई मैं पानी का इंतजाम कर जानवरों की प्यास बुझा रहे हैं। रोजाना ट्यूबवेल चला कर इस तलाई को भरते हैं ताकि पशु पक्षियों को आसानी से पानी उपलब्ध हो सके नीलगाय ,वन्यजीवों, जंगली जानवरों, राष्ट्रीय पक्षी मोर अन्य पक्षियों की देखभाल आवारा कुत्तों से उनकी सुरक्षा व उपचार करवा कर वन्यजीवों  व पक्षियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाते हैं।

आज जलवायु परिवर्तन बड़ा मुद्दा है। बिगड़ते जलवायु परिवर्तन और गहराते पर्यावरण संकट के दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहें है। अत: हमें लोगों को पर्यावरण परिवर्तन के बारे में जागरूक करना होगा। पेड़-पौधें लगाने होंगे,पेड़ों की कटाई रोकने को प्रेरित करना होगा। हम सभी पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आना होगा अन्यथा आने वाला समय बहुत कष्टकारी होगा।
- आचार्य पिंकुराम मीणा, पर्यावरण प्रेमी।

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