रणथंभौर नेशनल पार्क में एक माह में तीन टाइगर मिले मृत
विभाग ने कहा क्षमता से अधिक हैं बाघ-बाघिन, टेरेटोरियल फाइट को बताया कारण
रणथंभौर टाइगर रिजर्व अब टाइगरों के लिए महफू ज नहीं लग रहा है। यहां पिछले एक महीने में तीन बाघों की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले एक साल में रणथंभौर में आधा दर्जन बाघों की मौत हुई है।
सवाई माधोपुर। बाघों का घर कहे जाने वाला रणथंभौर टाइगर रिजर्व अब टाइगरों के लिए महफू ज नहीं लग रहा है। यहां पिछले एक महीने में तीन बाघों की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले एक साल में रणथंभौर में आधा दर्जन बाघों की मौत हुई है। प्रदेश में रणथंभौर बाघों की संख्या में एक नम्बर पर है तो यह बाघों के गायब होने और मौत होने में भी एक नम्बर पर है। वन विभाग टाइगरों की मौत के पीछे टेरेटोरियल फाइट का कारण बता रहा है।
वन विभाग से मिली जानकारी के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है।
23 दिनों में तीन बाघ बाघिन की मौत
रणथम्भौर में 23 दिनों में तीन बाघ बाघिन की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले एक साल यानी जून 2021 से जून 2022 तक की बात की जाए तो ये आंकड़ा बढ़कर दुगना यानी 6 तक पहुंच जाता है। पिछले एक माह से भी कम समय में महज 23 दिनों में तीन बाघ बाघिन की मौत हो चुकी है और यदि पिछले एक साल यानी जून 2021 से जून 2022 तक की बात की जाए तो ये आंकड़ा बढ़कर दुगना यानी 6 तक पहुंच जाता है। 1 अप्रैल 2021 को गंधार देह में बाघिन टी-60 के शावक का शव मिला था। साल 2021 के मई माह में तांबाखान वन क्षेत्र में बाघिन टी 102 के शावक का शव मिला था। 6 जुलाई 2021 को खंडार रेंज में पानी में बाघ टी-65 का शव मिला। 13 मई 2022 को जामोदा के नाले में बाघिन टी 61 का शव मिला।
बाघों का कुनबा लगातार बढ़ा
24 मई 2022 को खंडार रेंज में बाघिन टी-69 के मादा शावक का शव मिला। 5 जून 2022 को आरओपीटी रेंज में बाघ टी 34 का शव मिला है। इन सभी बाघों की मौत का कारण वन विभाग की ओर से टेरोटोरियल बताई है। इस मामले को लेकर रणथंभौर टाइगर रिजर्व के डीएफ ओ महेन्द्र शर्मा का कहना है कि रणथम्भौर में संरक्षण के लिए बेहतरीन काम किए जा रहे हैं। जिससे बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। जहां तक बाघों की मौत का सवाल है तो रणथम्भौर में वर्तमान में क्षमता से अधिक बाघ-बाघिन है। ऐसे में कभी कभी बाघों में इलाके को लेकर संघर्ष हो जाता है। पिछले एक साल में जितने बाघों की मौत हुई है उससे ज्यादा बाघ बाघिन भी रणथम्भौर को मिले हैं। जहां तक बाघ टी 34 की मौत का सवाल है तो वह उम्र दराज बाघ था। बाघ के साथ संघर्ष में सम्भवत: इसकी मौत हुई है।
सुल्तान ने दिया शावकों को जन्म
रणथंभौर नेशनल पार्क के सूत्रों के अनुसार मिश्र द्वारा से घुसते ही राइट साइड में दूरबीन से बाघिन के साथ दो शावक दिखाई दिए हैं। लेकिन वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में बाघिन की फोटो कैद नहीं हुई है। इसके चलते वन अधिकारियों ने बाघिन के मां बनने की पुष्टि नहीं की है। वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार बाघिन की शारीरिक संरचना को देखते हुए उसके मां बनने की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग के मुताबिक बाघिन-107 सुल्ताना के नाम से प्रसिद्ध है। पहली बार बाघिन अपने दो नए शावकों के साथ 8 नवम्बर 2020 में अमरेश्वर वन क्षेÞत्र केमरा ट्रैप हुई थी। सुल्ताना का संभवतया यह दूसरा प्रसव है। फि लहाल एतिहात के तौर पर वन विभाग ने बाघिन के इलाके की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। जिससे बाघिन और शावकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
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