कंधे की स्कैपुला हड्डी की जटिल गांठ का सफल ऑपरेशन

कंधे की गतिविधियों में अधिक परेशानी होने लगी थी

कंधे की स्कैपुला हड्डी की जटिल गांठ का सफल ऑपरेशन

11 वर्षीय नागौर के बच्चे के कंधे में हड्डी की बड़ी गांठ थी। मरीज ने कंधा व ज्वाइंट वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक गुप्ता को दिखाया, तब तक वह इतनी बड़ी हो गई कि उसने मरीज की आधी छाती को मोड़ चुकी थी।

जयपुर। 11 वर्षीय नागौर के बच्चे के कंधे में हड्डी की बड़ी गांठ थी। मरीज ने कंधा व ज्वाइंट वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक गुप्ता को दिखाया, तब तक वह इतनी बड़ी हो गई कि उसने मरीज की आधी छाती को मोड़ चुकी थी। कंधे की गतिविधियों में अधिक परेशानी होने लगी थी। अपने तरह की इतनी बड़ी गांठ दुर्लभतम की श्रेणी में आती है, क्योंकि ये गांठ फेफड़ों व नसों से सटी होती है। इसलिए इनकी शल्य चिकित्सा में जटिलताओं की संभावनाएं रहती हैं। बच्चे की स्थिति को देखते हुए डॉ. अभिषेक गुप्ता ने इस ऑपरेशन को करने का निर्णय किया।

मानसरोवर में मेर्ट्रोमास हॉस्पिटल में सफलता पूर्वक इस शल्य चिकित्सा को किया गया। गोभी के फूल के आकार की यह गांठ 7X7 सेमी की थी और दुनिया में प्रकाशित साहित्य में स्केपुला बोन की अब तक निकाली गई संभवतः सबसे बड़े आकार की थी। विशेष बात यह भी थी कि इसे मिनिमली इनवेसिव/छोटे चीरे से बिना मांसपेशियों को काटे, पोस्टीरियर ट्राएंगल ऑफ ऑस्कालटेशन अप्रोच से रक्तहीन विधि से किया गया और ऑपरेशन के बच्चे का कंधा ठीक हो गया। शल्य चिकित्सा में निश्चेतन विभाग की डॉ. श्याम सुंदर, डॉ. लोकेश, डॉ. दीपक व स्टाफ गोकुल, यथार्थ और तरुण ने सहयोग किया।


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