कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में रोहित जोशी को दी सशर्त अग्रिम जमानत
पीड़िता को हाईकोर्ट के आदेश के जरिए सुरक्षा मिल चुकी है।
कैबिनेट मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी को दुष्कर्म मामले में राहत मिल गई है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने रोहित को सशर्त अग्रिम जमानत का लाभ दिया है।
जयपुर। कैबिनेट मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी को दुष्कर्म मामले में राहत मिल गई है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने रोहित को सशर्त अग्रिम जमानत का लाभ दिया है। अदालत ने कहा कि मामले की पीड़िता को राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के जरिए सुरक्षा मिल चुकी है। ऐसे में इसकी संभावना नहीं है कि आरोपी रोहित जोशी पीड़िता को धमकाए या उसे अपने पक्ष में करने के लिए प्रभावित करे। ऐसे में आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है। अदालत ने कहा कि आरोपी बिना अनुमति दिल्ली और देश छोड़कर बाहर नहीं जाएगा। इसके अलावा वह जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हो और भविष्य में भी जांच अधिकारी के बुलाने पर अनुसंधान के लिए उपस्थिति हो। अदालत ने जांच अधिकारी को छूट दी है कि वह परिस्थितियों के अनुसार भविष्य में आरोपी की जमानत रद्द करने के लिए याचिका पेश कर सकता है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता पढ़ी-लिखी युवती है। दस्तावेजों से स्पष्ट है कि वह शुरू से जानती थी कि आरोपी शादीशुदा है। इसके अलावा उसने स्वयं अपने आरोपी और स्वयं के वीडियो और फोटो पोस्ट किए थे। इसके अलावा यह भी विरोधाभासी है कि आरोपी ने पीड़िता का उत्पीड़न किया हो, क्योंकि उसने अपनी पत्नी को तलाक देने के लिए दोनों की सहमति से तलाक की अर्जी पेश की थी और वह पीड़िता से शादी करना चाहता था।
जमानत अर्जी में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि पीड़िता आरोपी के विवाहित होने की जानकारी रखती थी और उसने खुद ही प्रार्थी को सोशल मीडिया पर मित्रता का प्रस्ताव भेजा था। इसके अलावा उसने अपनी मर्जी से प्रार्थी के साथ संबंध बनाए थे। वह प्रार्थी की पत्नी बनने का सपना देखती थी और उसने प्रार्थी पर अपनी पत्नी को तलाक देने के लिए दबाव बनाने के साथ ही रुपए मांगने भी शुरू कर दिए। ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया है।
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