राज्य का पहला इमरजेंसी लिवर ट्रांसप्लाण्ट रहा सफल, बचाई रोगी की जान

यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा

राज्य का पहला इमरजेंसी लिवर ट्रांसप्लाण्ट रहा सफल, बचाई रोगी की जान

सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल की डॉक्टर्स टीम को एक और चमत्कारिक सफलता मिली है।

जयपुर। सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल की डॉक्टर्स टीम को एक और चमत्कारिक सफलता मिली है। हाल ही में अस्पताल की लिवर ट्रांसप्लांट टीम ने एक्यूट लिवर फेलियर की आपात स्थिति में झालावाड़ की 50 वर्षीय महिला का लिवर ट्रांसप्लांट किया है। लिवर ट्रासप्लाण्ट विभाग के डाइरेक्टर तथा मुख्य लिवर ट्रांसप्लान्ट सर्जन डॉ. नैमिश मेहता ने बताया कि यह राज्य में आपातकालीन लिवर ट्रांसप्लाण्ट का यह पहला मामला है। यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है। रोगी कालीबाई तथा डोनर राजेश अब स्वस्थ हैं। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइन्सेज एण्ड टैक्नोलोजी जयपुर के एमेरिटस चयरपर्सन डॉ. एमएल स्वर्णकार ने बताया कि महात्मा गांधी अस्पताल राज्य का प्रमुख लिवर ट्रांसप्लाण्ट सेंटर है जहां अब तक 26 लिवर प्रत्यारोपण हो चुके हैं। अस्पताल द्वारा अंगदान तथा अंग प्रत्यारोपण के लिए अहम प्रयास किये जा रह है। समाज में अंगदान खासकर लिंकिंग डॉगर डोनेशन के लिए सभी अस्पतालों, स्वयंसेवी संगठनों को आगे आना चाहिए। चेयर पसंन डा विकास स्वर्णकार ने बताया कि यदि समय पर अंगदान किया जाये तो हर साल सैकड़ों जरूरतमंद रोगियों की जान बचाई जा सकती है। महात्मा गाधी अस्पताल जयपुर में यह लिवर प्रत्यारोपण राजस्थान गवर्नमेंट है। स्कीम के तहत किया गया जिसमें रोगी को कैशलेस उपचार दिया गया।

डॉ. नैमिश मेहता ने बताया कि ड्रग साइड इफेक्ट के कारण रोगी को लियर फेलियर की स्थिति का सामना करना पड़ा। अस्पताल पहुंचते ही रोगी को पेंटीलेटर की मदद की जरूरत पड़ी। उसके दिमाग पर सूजन का गंभीर खतरा भी था। ऐसी स्थिति में 80-85 प्रतिशत रोगी जान चा देते हैं। रोगी की जान बचाने का एकमात्र विकल्प लिवर प्रत्यारोपण था। इसकी सबसे बड़ी समस्या यह थी कि घर वालों को अचानक हुए लिवर फेलियर की जानलेवा स्थिति का आभास भी नहीं होता है और वे इतनी बड़ी सर्जरी के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं। हिमेटोलोजिस्ट डॉ करण कुमार ने परिवार की फासिलिंग कर गंभीरता के बारे में बताया। तब इनके तीनों बेटा लिवर डोनेशन की इच्छा व्यक्त की। जांचों में बेटे राजेश को लिवर डोनेशन के लिए उपयुक्त पाया गया। ट्रांसप्लाण्ट सम्बन्धित दस्तावेज तैयार कर स्टेट ऑथराइजेशन कमेटी से स्वीकृति ली गई।

आपात स्थिति में देर रात ऑपरेशन शुरू हुआ जो बारह घण्टे तक चला। एक साथ दो ऑपरेशन थियेटर्स में ऑपरेशन हुए। पहले में लिवर डोनर के लिवर का एक हिस्सा निकाला गया। दूसरे ऑपरेशन थियेटर में महिला का खराब हुआ लिवर निकाला गया तथा डोनेशन से प्राप्त लिवर का हिस्सा प्रत्यारोपित किया गया। खास बात यह है कि अस्पताल में भर्ती होते समय भी रोगी वेंटीलेटर पर था। डोनर की जाँच तथा ट्रांसप्लाण्ट सम्बन्धित डॉक्यूमेंटेशन तथा सरकारी अनुमति में भी लगभग आठ से दस दिन का समय लग जाता है। इस आपात सर्जरी में महज एक दिन में सारी प्रक्रिया पूरी की गई। दोनों ही ऑपरेशन सफल रहे हैं। डोनर का लिवर पहले की तरह दो माह में सामान्य आकार ले लेगा।

टीम में डॉ. नैमिश मेहता,  डॉ. विनय कपूर, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. आर पी चौबे, डॉ. आनन्द नागर, डॉ शाश्वत सरीन, डॉ. विनय महला, डॉ. अरविन्दो कुमार दास तथा हिपेटोलोजिस्ट डॉ. विवेक आनन्द सारस्वत तथा डॉ करण कुमार तथा निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. गणेश निमझे तथा डॉ. गोयल तथा ट्रांसप्लान्ट कोर्डिनेटर आर्यन माथुर प्रमुख सहयोगी रहे।


Read More शासन सचिव ने फिर किया जलभवन का औचक निरीक्षण : 11 अनुपस्थित मिले, चार को नोटिस

Post Comment

Comment List

Latest News

सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप
कांग्रेस ने आरक्षण कोटा पिछड़े वर्गों और दलितों से मुसलमानों को स्थानांतरित कर दिया है, एक झूठ है। उन्होंने प्रधानमंत्री...
लोकसभा चुनाव की राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने संभाली कमान, किए धुआंधार दौरे 
रोड़वेज अधिकारियों को अब समय से पहुंचना होगा कार्यालय, लगाई बायोमेट्रिक मशीन
अखिलेश ने कन्नौज से भरा पर्चा, चुनावी जंग हुई दिलचस्प
एक समाज के प्रत्याशियों वाली सीटों पर अन्य बाहुल्य जातियों के भरोसे मिलेगी जीत
बाल वाहिनी अब होंगी और अधिक सुरक्षित
पुलिया का काम सात माह से अटका पड़ा, बढ़ी दिक्कतें