प्रदेश में 76 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान, इससे अधिक की आवश्यकता
सात केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं
स्वैच्छिक रक्तदान की कमी से देश ही नहीं, बल्कि प्रदेश में भी रक्त का अभाव है। इसलिए मरीज के परिजनों को ब्लड डोनेट करने के बाद ही बदले में ब्लड मिल पाता है, जब तक स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत नहीं बढ़ेगा, तब तक ये परिस्थितियां बनी रहेगी।
जयपुर। स्वैच्छिक रक्तदान की कमी से देश ही नहीं, बल्कि प्रदेश में भी रक्त का अभाव है। इसलिए मरीज के परिजनों को ब्लड डोनेट करने के बाद ही बदले में ब्लड मिल पाता है, जब तक स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत नहीं बढ़ेगा, तब तक ये परिस्थितियां बनी रहेगी। वर्तमान में राजस्थान में 198 ब्लड बैंक हैं, जिनमें सात केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं। यहां करीब 52 सरकारी एवं 135 गैर सरकारी ब्लड बैंक हैं। जयपुर में लगभग 52 ब्लड बैंक हैं, जिनमें 12 सरकारी और 40 गैर सरकारी हैं। राजस्थान में स्वैच्छिक रक्तदान 76 प्रतिशत है। इस तरह से प्रदेश और देश में 24 वें स्थान पर है। राजस्थान में प्रतिवर्ष लगभग दस लाख यूनिट रक्तदान होता है। जयपुर में करीब तीन लाख यूनिट रक्तदान प्रतिवर्ष होता है। जयपुर के स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक में करीब 50 हजार यूनिट रक्तदान होता है। राजस्थान में प्रतिवर्ष 10 हजार से ज्यादा ब्लड डोनेशन कैम्प होते हैं। इनमें जयपुर में 1600 और करीब 600 कैम्प स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक कराता है, जो जयपुर का लगभग 38 प्रतिशत है।
रक्तदान कब, कैसे और कौन कर सकता है
एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह के अंतराल में रक्तदान कर सकता है। वह 18 वर्ष या उससे ज्यादा हो और वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा हो। हीमोग्लोबिन 12.5 प्रतिशत प्रति मिली ग्राम से ज्यादा हो और उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं हो।
इन हालातों में नहीं कर सकते ब्लड डोनेट
- खसरा, चिकनपॉक्स, शिंगल्स बीमारियों के टीके लेने वाले व्यक्ति को कम से कम एक महीने तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए।
- अल्कोहल लेने के बाद।
- ऐसी महिलाएं जिनके पीरियड्स चल रहे हों, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माताएं।
ब्लड ग्रुप और विशेषता
- ओ ब्लड ग्रुप वाले को यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है, क्योंकि इस ब्लड गु्रप वाले लोग हर ब्लड गु्रप के पॉजिटिव आरएच वाले व्यक्ति को अपना खून दे सकते हैं। ओ पॉजिटिव वाले लोग केवल ओ नेगेटिव व्यक्ति से ही ब्लड रिसीव कर सकते हैं।
- ए नेगेटिव ब्लड ग्रुप के लोग यूनिवर्सल रेसिपिएंट्स होते हैं। ऐसे लोगों को किसी भी दूसरे गु्रप का ब्लड दिया जा सकता है। हालांकि ये केवल एबी पॉजिटिव ग्रुप को ही रक्तदान कर सकते हैं।
- बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का व्यक्ति बी पॉजिटिव और एबी पॉजिटिव को अपना खून दे सकता है।
- बी नेगेटिव ब्लड गु्रप के लोग का खून बी नेगेटिव, बी पॉजिटिव, एबी नेगेटिव और एबी पॉजिटिव को दिया जाता है।
- एबी पॉजिटिव ब्लड सामान ग्रुप के ही व्यक्ति को दिया जा सकता है।
- ग्रुप के व्यक्ति का रक्त एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वालों को दिया जा सकता है।
आवश्यकता के अनुपात में अभी भी रक्त की बहुत कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत सौ फीसदी हो ताकि हर जरूरतमंद व्यक्ति को आसानी से रक्त मिल सके।
- डॉ. एसएस अग्रवाल, चेयरमैन, स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक गु्रप
Comment List