कोचिंग छात्रा को बहला-फुसलाकर भगाने के मामले में आरोपी को 7 साल का कठोर कारावास
15000 का जुमार्ना
शहर की पोक्सो क्रम संख्या दो न्यायालय ने मंगलवार को एक 14 वर्षीय कोचिंग छात्रा को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में दोषी करार देते हुए आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है ।
कोटा । शहर की पोक्सो क्रम संख्या दो न्यायालय ने मंगलवार को एक 14 वर्षीय कोचिंग छात्रा को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में दोषी करार देते हुए आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है । न्यायालय ने आरोपी पर 15000 का जुर्माना भी लगाया है ।
विशिष्ट लोक अभियोजक विजय कछवाहा ने बताया कि इस मामले में पीड़िता के पिता ने पुलिस थाना विज्ञान नगर में रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया कि उनकी14 वर्षीय पुत्री मीणा छात्रावास कोटा में दसवीं की पढ़ाई कर रही है । 23 फरवरी 2019 को सुबह 9:00 बजे छात्रावास वार्डन ने फोन कर बताया कि उनकी पुत्री सुबह 9:00 बजे कोचिंग के लिए लिए निकली थी, शाम को 9:00 बजे तक वापस नहीं लौटी है । इस मामले में उसने पुत्री को फोन लगाया तो पुत्री का मोबाइल बंद आ रहा था । पुलिस ने धारा 363 366 आईपीसी में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया । अनुसंधान के दौरान पुलिस ने छात्रा को मथुरा से दस्तयाब किया ।
पुलिस पूछताछ के दौरान छात्रा ने बताया कि उसकी मार्च 2018 में राहुल यादव उत्तर प्रदेश , निवासी नगला मिथुन जलेसर जिला एटा से फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई थी । दोनों मोबाइल पर आपस में बातचीत करते थे। दोस्ती प्रेम प्रसंग में बदल गई । 23 फरवरी 2019 को राहुल कोटा आया था । उसे शादी का झांसा देकर और बहला-फुसलाकर ट्रेन से मथुरा ले गया। राहुल ने मथुरा में अपने चाचा के घर एक दिन रखा । इसके बाद वह आगरा लेकर गया। अगले दिन आगरा से स्वयं के गांव ले गया, जहां उसकी माता - पिता और भाइयों से मुलाकात कराई । गांव में राहुल ने उसके साथ दुष्कर्म किया । पीड़िता के मेडिकल तथा बयान के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म और पोक्सो की धारा को जोड़ते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपी को दोषी मानते हुए न्यायालय में चालान पेश किया । ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 13 गवाहों के बयान करवाएं । न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह राजावत ने दोनों पक्षों की बहस को सुनते हुए मामले में आरोपी को अपहरण का दोषी करार देते हुए 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 15000 का जुर्माना भी लगाया है । मामले में न्यायालय ने दुष्कर्म नहीं माना गया है ।
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