मानसून में भी बिजली का उत्पादन होगा कम
दो करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली कटौती
कोयला संकट की वजह से बिजली उत्पादन की कमी ने कटौती फिर बढ़ा दी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामान्य कटौती के अलावा दो से चार घंटे की अघोषित कटौती बढ़ गई है।
जयपुर। कोयला संकट की वजह से बिजली उत्पादन की कमी ने कटौती फिर बढ़ा दी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामान्य कटौती के अलावा दो से चार घंटे की अघोषित कटौती बढ़ गई है। तीनों डिस्कॉम में दो करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली कटौती जारी है। प्रदेश की बिजली सप्लाई में फिलहाल साढेÞ 29 करोड यूनिट रोजाना की डिमांड है और साढ़े 27 करोड़ यूनिट की आपूर्ति ही हो पा रही है। राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार जयपुर डिस्कॉम में 54 फीडर्स, अजमेर डिस्कॉम में 46 और जोधपुर डिस्कॉम में 46 फीडर्स से कटौती जारी है। शहरी क्षेत्रों में तीनों डिस्कॉम में 37, 33 और 25 फीडर्स आधे घंटे से कम समय की कटौती कर रहे हैं। शहरी इलाकों में मेंटनेंस और फाल्ट के नाम पर बिजली गुल होने की परेशानी कई जगह बनी हुई है।
पिछले साल से ज्यादा डिमांड
ऊर्जा विकास निगम के आंकड़ों को देखें तो पीक आवर्स में पिछले साल की तुलना में इस बार डिमांड बढ़ गई है। पिछले साल जून में 12 हजार मेगावाट डिमांड पीक लोड पर थी तो इस बार यह साढेÞ 15 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। अन्य राज्यों और कम्पनियों से महंगी बिजली खरीद के बावजूद करीब 13 हजार मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है। कोयला संकट की वजह से छबड़ा और सूरतगढ़ की कुछ थर्मल इकाइयां अभी भी बंद पड़ी हैं। शेष इकाइयों में कोयले की कमी से क्षमता से कम उत्पादन हो पा रहा है। ऊर्जा विभाग को फिलहाल मानसून और रबी सीजन में बडे संकट की आशंका नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार मानसून में बारिश का पानी खदानों में भरने से कोयला संकट आगामी तीन महीनों तक बना रह सकता है।
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