वीएमओयू से गोपनीय पत्रावलियां चोरी होने का खतरा फिर मंडराया

विश्वविद्यालय कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड तक पहुंचे बाहरी लोगों के हाथ : एक आला अफसर के इशारे पर थर्ड पार्टी तक पहुंच रही थी अति गोपनीय पत्रावलियां, सुरक्षा के लिए रजिस्ट्रार ने निकाला आदेश , रिकॉर्ड तक नहीं होता दर्ज

  वीएमओयू से गोपनीय पत्रावलियां चोरी होने का खतरा फिर मंडराया

वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में 30 लाख छात्रों का निजी डाटा चोरी करने की कोशिशों के बाद अब बाहरी लोगों के हाथ विश्वविद्यालय के अति गोपनीय दस्तावेजों तक पहुंच रहे हैं। एक आला अफसर के इशारे पर वीएमओयू के नीतिगत फैसलों से जुड़े अति गोपनीय दस्तावेज व विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, अफसरों और शिक्षकों के सर्विस रिकॉर्ड भी बाहरी लोगों (थर्ड पार्टी) द्वारा लिए जाने की कोशिश किए जाने की आशंका के चलते शुक्रवार को वीएमओयू के कुलसचिव ने आदेश जारी कर थर्ड पार्टी को किसी भी तरह के रिकॉर्ड और डाटा देने पर रोक लगा दी है।

कोटा। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में 30 लाख छात्रों का निजी डाटा चोरी करने की कोशिशों के बाद अब बाहरी लोगों के हाथ विश्वविद्यालय के अति गोपनीय दस्तावेजों तक पहुंच रहे हैं। एक आला अफसर के इशारे पर वीएमओयू के नीतिगत फैसलों से जुड़े अति गोपनीय दस्तावेज व विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, अफसरों और शिक्षकों के  सर्विस रिकॉर्ड भी बाहरी लोगों (थर्ड पार्टी) द्वारा लिए जाने की कोशिश किए जाने की आशंका के चलते शुक्रवार को वीएमओयू के कुलसचिव ने आदेश जारी कर थर्ड पार्टी को किसी भी तरह के रिकॉर्ड और डाटा देने पर रोक लगा दी है।इन दिनों ओपन यूनिवर्सिटी में बाहरी लोगों का दखल (थर्ड पार्टी) इस कदर बढ़ चुका है कि उसे रोकने के लिए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को आदेश तक निकालना पड़ रहा है। दरअसल, सूत्रों के हवाले से कुछ दिन पहले  जानकारी मिली थी कि विश्वविद्यालय के एक आला अफसर विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों, अफसरों और शिक्षकों के सर्विस रिकॉर्ड ही नहीं विश्वविद्यालय के टेंडर और खरीद प्रक्रिया से जुड़ी अति गोपनीय पत्रावलियां अपने दफ्तर ही नहीं घर पर भी मंगवा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह थी कि जिन विभागों से यह पत्रावलियां मंगवाई जा रही थीं, वहां की आवक-जावक पंजिकाओं पर इस जानकारी को दर्ज न करने की सख्त हिदायत दी गई थी।

थर्ड पार्टी को दिए जा रहे थे दस्तावेज
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक अफसर के घर और दफ्तर भेजे जाने वाली इन अति गोपनीय पत्रावलियों का बाहरी लोग (थर्ड पार्टी) घंटों अवलोकन करते हैं। कई रिकॉर्ड अवैध रूप से फोटो स्टेट कर वह अपने साथ भी लेकर जा रहे हैं। इस काम को अंजाम देने के लिए कोटा ही नहीं जयपुर तक से लोग आ रहे हैं। जिन लोगों को अवैध रूप से विश्वविद्यालय के अति गोपनीय दस्तावेज दिए जा रहे हैं उनमें से कुछ लोगों से जुड़ी फर्मों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो तक में मामले दर्ज हैं। वहीं कुछ लोग इन अवैध दस्तावेजों को आधार बनाकर विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के खिलाफ सरकार को झूठी शिकायतें भी भिजवा रहे हैं।

आखिरकार रजिस्ट्रार को निकालना पड़ा आदेश
वीएमओयू के अति गोपनीय दस्तावेजों की चोरी और अवैध निकासी की जानकारी मिलने के बाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव से इस बारे  में जानकारी मांगी। कार्यवाहक कुलसचिव महेश मीणा ने यह तो माना कि बाहरी लोग विश्वविद्यालय परिसर में आकर गोपनीय दस्तावेजों की छायाप्रति करवा रहे हैं, लेकिन अपना बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि इस बाबत उन लोगों ने आरटीआई में सूचना मांगी थी। हालांकि, जब उनसे सूचना के अधिकार में जानकारी मांगने के बदले विश्वविद्यालय में जमा किए गए शुल्क और विभिन्न विभागों द्वारा अति गोपनीय पत्रावलियां और कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की आवक और जावक का इंद्राज रजिस्टर दिखाने को कहा गया तो वह बगले झांकने लगे। आला अफसर के मौखिक निर्देशों पर अति गोपनीय पत्रावलियां और सर्विस रिकॉर्ड की चोरी का मामला बनता देख आखिरकार रजिस्ट्रार ने शुक्रवार को परिपत्र जारी कर थर्ड पार्टी को किसी भी तरह का रिकॉर्ड और डाटा न दिए जाने का आदेश निकाल दिया।

रजिस्ट्रार ने आदेश में दिए यह निर्देश
वीएमओयू के कुलसचिव महेश मीणा ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी। कुलसचिव ने परिपत्र में लिखा है कि वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के सभी इकाई अध्यक्षों, निदेशक, क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी अधिकारियों एवं अनुभाग अधिकारियों से अनुरोध किया जाता है कि विश्वविद्यालय का किसी भी प्रकार का डाटा या रिकार्ड अद्योहस्ताक्षरकर्ता की पूर्व अनुमति के बिना किसी तृतीय पक्ष (थर्ड पार्टी) को नहीं दिया जाएगा। यदि किसी इकाई अध्यक्ष, प्रभारी अधिकारी, निदेशक, क्षेत्रीय केन्द्र एवं अनुभाग अधिकारी द्वारा किसी तृतीय पक्ष को अपने स्तर से विश्वविद्यालय का कोई डाटा या दस्तावेज साझा किया जाता है, तो उसके परिणाम के लिए संबंधित व्यक्ति खुद जिम्मेदार होगा। उक्त के अतिरिक्त सभी प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि एक शाखा से दूसरी शाखा को भिजवायी जाने वाली पत्रावलियाँ भी जावक पंजिका में दर्ज की जाकर भिजवायी जाए तथा पावती प्राप्त की जाए। इस परिपत्र के जारी होने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में डेरा जमाए बाहरी लोगों में हड़कम्प मच गया।

इनका कहना है
छात्रों का डाटा व अन्य जानकारियां लीक होने की आशंका के चलते एक आदेश जारी कर संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को चेतावनी पत्र जारी किया गया है।
- महेश मीणा, कार्यवाहक रजिस्ट्रार, वीएमओयू

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