बारिश से सुधरी हवा की सेहत , प्रदूषण का स्तर 70 एक्यूआई हुआ
कुछ दिनों पहले वायु प्रदूषण स्तर 200 एक्यूआई था
शहर में पिछले 2 दिनों से हो रही बरसात के कारण हवा में भी प्रदूषण का स्तर कम हो गया है। प्रदूषण का स्तर शनिवार को 70 एक्यूआई मापा गया। इससे अब आवागमन करने वाले राहगीरों को वायु प्रदूषण से काफी राहत मिलेगी। कुछ दिनों पहले कोटा शहर का वायु प्रदूषण का स्तर 200 एक्यूआई तक पहुंच गया था।
कोटा। शहर में पिछले 2 दिनों से हो रही बरसात के कारण हवा में भी प्रदूषण का स्तर कम हो गया है। प्रदूषण का स्तर शनिवार को 70 एक्यूआई मापा गया। इससे अब आवागमन करने वाले राहगीरों को वायु प्रदूषण से काफी राहत मिलेगी। कुछ दिनों पहले कोटा शहर का वायु प्रदूषण का स्तर 200 एक्यूआई तक पहुंच गया था।
कोटा शहर में इन दिनों लाखों रुपए के सौंदर्यकरण के कार्य चल रहे हैं । इस कारण चारों तरफ गिट्टी और मिट्टी के ढेर लगे हुए है। दिनभर हवा के कारण मिट्टी के ढेर उड़ते रहते हैं जिससे राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही वायु प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा था। कुछ दिनों पहले कोटा शहर का वायु प्रदूषण का स्तर 200 एक्यूआई तक पहुंच गया था। वायु प्रदूषण के हिसाब से इस स्तर को काफी खतरनाक माना जाता है। इस दौरान आवागमन करने से सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों को काफी परेशानी हो सकती है। धूल के कण हवा के साथ उड़ कर उनके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब दो-तीन दिन से लगातार हो रही मानसून पूर्व की बरसात से लोगों को काफी राहत मिली है। इस बारिश के कारण यहां तापमापी का पारा भी गिर गया है वहीं प्रदूषण का स्तर भी काफी कम हुआ है। प्रदूषण का स्तर शनिवार को 70 एक्यूआई मापा गया। इस स्तर को वायु प्रदूषण के हिसाब से संतोषजनक कहा जा सकता है। बारिश की वजह से ही वायु प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है। आगामी बरसात के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर कम रह सकता है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार उड़ने के बाद धूल के कण काफी समय तक हवा में बने रह सकते हैं जिससे प्रदूषण का स्तर लंबे समय तक कायम रहता है। इस कारण लोगों को सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।
कनिष्ठ पर्यावरण अभियंता अनुराग सिंह ने बताया कि शहर का प्रदूषण स्तर कुछ दिनों पहले काफी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। अब तो 3 दिन से हो रही बारिश के कारण इसका स्तर काफी कम हो गया है। बारिश की वजह से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है । आगामी समय में भी इसमें कमी दर्ज की जा सकती है।
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