पढ़ाई में बेटियां आगे, प्रदेश के कॉलेजों में 100 छात्रों पर 107 छात्राएं
छात्राओं के नामांकन के आंकड़े आए बदल रहे
प्रदेश के कॉलेजों में छात्राओं के नामांकन के आंकड़े आए दिन बदल रहे हैं। पहले छात्रों की पढ़ाई पर ज्यादा फोकस रहता था, लेकिन हालात बदल गए हैं।
जयपुर। प्रदेश के कॉलेजों में छात्राओं के नामांकन के आंकड़े आए दिन बदल रहे हैं। पहले छात्रों की पढ़ाई पर ज्यादा फोकस रहता था, लेकिन हालात बदल गए हैं। आंकड़ों की बात की जाए, तो 15 साल पहले जहां 100 छात्रों पर मात्र 63 छात्राएं ही स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई कर रही थीं। वहीं अब 100 छात्रों पर 107 बेटियां उच्च शिक्षा ले रही हैं।
इसके पीछे कारण राज्य सरकार द्वारा छात्राओं के लिए राजकीय निधि कोष की राशि माफ करने, पीजी कॉलेजों में सीट खाली रहने पर छात्राओं को न्यूनतम प्राप्तांक प्रतिशत में पांच प्रतिशत छूट देने, अनुसूचित जाति की उन छात्राओं को जिनके माता-पिता आयकर नहीं देते हैं को नि:शुल्क पुस्तकें देने जैसी कई योजनाएं हैं। गत कुछ वर्षों में बालिका शिक्षा का महत्वपूर्ण रोल समाज के सामने आया है। पहले ये स्थितियां नहीं थी। कम उम्र में शादी, सामाजिक कुरुतियां, घर के काम काज का जिम्मा बेटियों पर ही रहता था। अब वे दिन दूर हो गए हैं।
वर्तमान वर्ष का आंकड़ा
प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज मिलाकर 2022-23 में 13,02,485 नामांकन हुए हैं। इसमें यूजी- पीजी के 6,29,091 छात्र और 6,73,394 छात्राएं शामिल हैं। मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 122 नए सरकारी कॉलेज खोले गए, जिनमें 32 महिला कॉलेज हैं। इस साल 13,02,485 छात्र-छात्राओं के नामांकन हुए हैं। पिछले साल 12,59,481 नामांकन हुआ था। यानि इस वर्ष 43 हजार ज्यादा एडमिशन हुए। प्रदेश में 2009 में जहां यूजी और पीजी करने वाली छात्राओं की संख्या 1.63 लाख थी। वह अब बढ़कर 6.73 लाख पहुंच गई है। 2008 में महिला कॉलेजों की संख्या 361 थी, जो अब 580 हो गई है।
संकाय के अनुसार आंकड़ा | ||
संकाय | छात्र | छात्राएं |
कला | 404692 | 484636 |
विज्ञान | 157147 | 141260 |
वाणिज्य | 48098 | 37534 |
लॉ | 15931 | 6865 |
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जिला | छात्र पास प्रतिशत | छात्राएं पास प्रतिशत |
चित्तौड़गढ़ | 6198 (66.27) | 6424(74.75) |
डूंगरपुर | 9677 (85.95) | 10,000 (88.14) |
कोटा | 9079 (70.15) | 9198 (78.64) |
गंगानर | 10644 (80.63) | 10639 (86.81) |
राजसमंद | 6577 (75.71) | 6597 (81.20) |
प्रतापगढ़ | 4491 (67.32) | 4621 (72.79) |
यहां पर बेटियां बेटों से थोड़ा पीछे | ||
जिला | छात्र पास | छात्राएं पास |
अजमेर | 14958 | 14185 |
अलवर | 27287 | 23190 |
बांसवाड़ा | 11608 | 11235 |
बाड़मेर | 20494 | 16037 |
भरतपुर | 19453 | 15416 |
बीकानेर | 17139 | 15186 |
बूंदी | 6414 | 5663 |
चूरू | 16724 | 14695 |
जयपुर | 49590 | 44774 |
जैसलमेर | 4640 | 2890 |
जालौर | 13244 | 10117 |
झुंझुनूं | 17083 | 13905 |
झालावाड़ | 7573 | 7090 |
जोधपुर | 29479 | 24332 |
नागौर | 26493 | 23168 |
पाली | 11910 | 10123 |
सवाई माधोपुर | 9269 | 7230 |
सीकर | 22809 | 19054 |
सिरोही | 5740 | 4170 |
टोंक | 9408 | 8521 |
धौलपुर | 8978 | 6904 |
दौसा | 14260 | 12418 |
बारां | 7142 | 6340 |
हनुमानगढ़ | 11711 | 11087 |
करौली | 10930 | 8172 |
विश्वविद्यालय में अच्छी संख्या
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छात्रों के साथ ही छात्राओं की संख्या भी काफी अच्छी है। राजस्थान विश्वविद्यालय में 30 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें अकेले महारानी महाविद्यालय में करीब आठ हजार से छात्राएं पंजीकृत हैं। आरयू कैम्पस के पीजी कोर्सेज में भी बेटियों की संख्या काफी है। पीएचडी और एमफिल करने वाले शोधार्थियों की संख्या करीब छह हजार है, उनमें से छात्राओं की संख्या काफी ज्यादा है।
स्कूलों की स्थिति
प्रदेश में 65 हजार सरकारी स्कूलों में 98 लाख से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्रारंभिक व उच्च प्रारंभिक में 40 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें 22 लाख छात्राएं हैं। वहीं कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल में 32 लाख छात्र और 18 लाख छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं।
बेटियों के पहले पढ़ाई में पिछड़ने और अब आगे बढ़ने का कारण मनोसामाजिक है। समाज और परिवारों में एक बालिका के बारे में परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव ने उन्हें अध्ययन के लिए समान ध्यान और समान प्रेरणा के लिए प्रेरित किया है। इससे बेटियों में आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण उन्हें पढ़ाई और अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद कर रहा है। - डॉ. प्रेरणा पुरी, प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय
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