प्रदेश में भारी बारिश से बचाव के लिए 47 टीमों के 502 जवान होंगे तैनात
बचाव के लिए स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) ने तैयारी कर ली
प्रदेश में 25 जून से सक्रिय होने वाले मानसून के कारण होने वाली भारी बारिश से कई बार आपदा की स्थिति बन जाती है। भीषण आपदाओं से आमजन को राहत व बचाव के लिए स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) ने पूरी तैयारी कर ली हैं।
जयपुर। प्रदेश में 25 जून से सक्रिय होने वाले मानसून के कारण होने वाली भारी बारिश से कई बार आपदा की स्थिति बन जाती है। भीषण आपदाओं से आमजन को राहत व बचाव के लिए स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) ने पूरी तैयारी कर ली हैं। प्रदेश में सात संभाग के 24 जिलों में एसडीआरएफ की 47 टीमों का गठन कर 31 वाहनों के साथ 502 जवान तैनात होंगे। ये सभी टीमें संबंधित मुख्यालय में 25 जून को रिपोर्ट करेंगी। इस संबंध में रविवार को एसडीआरएफ मुख्यालय ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इन निर्देशों पर टीम करेगी कार्य
- रेस्क्यू टीम के सभी कार्मिक वाहन और साजो-सामान के साथ हर समय तैयार रहेंगे।
- एक रेस्क्यू टीम में कम से कम 10 कार्मिक और टीम प्रभारी होंगे।
- सभी रेस्क्यू टीम प्रभारी अपने मुख्यालय से घटनास्थल की रवानगी, पहुंच और रेस्क्यू कार्य शुरू करने व रेस्क्यू कार्य समाप्ति से संबंधित सूचनाएं एसडीआरएफ कंट्रोल रूम व बटालियन मुख्यालय को देंगे।
- आपदा राहत उपकरणों के साथ ही सीन सिक्योर, रोशनी, पानी, कम्युनिकेशन, पोर्टेबल जनरेटर उपकरणों की एसेसरीज, टूल किट और प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित सामग्री हर बचाव अभियान में उनके साथ होगी।
- गैसोलीन उपकरणों के लिए फ्यूल इंजन व इंजन ऑयल की व्यवस्था हर समय उपलब्ध।
- रेस्क्यू कार्य में जेसीबी, क्रेन, वाटर पम्प या अन्य किसी संसाधन की आवश्यकता हो तो मौके पर उपस्थित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी देंगे।
- गहरे कूएं व बावड़ी में जहरीली गैस, जहरीले जीव के खतरे के मद्देनजर ड्रेगन लाइट, हैड टॉर्च से रोशनी की व्यवस्था, फेस मास्क, ग्लव्ज और ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग होगा।
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