कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे अनकंट्रोल ब्लास्टिंग

भारत विकास परिषद का बनाया जा रहा कैंसर हॉस्पिटल, दूर-दूर तक उछल रहे पत्थर, मजदूर हो चुके घायल, ब्वॉयज हॉस्टल की दीवारों में दरार, ब्लास्टिंग का समय निर्धारित नहीं , हिली विश्वविद्यालय की इमारतें, टूटे खिड़कियों के कांच

कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे अनकंट्रोल ब्लास्टिंग

आबादी क्षेत्र के नजदीक कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे मनमर्जी से अनकंट्रोल ब्लास्टिंग की जा रही है। बारूद लगाकर चटटानों का सीना छलनी किया जा रहा है। धमाके के साथ हवा में उछलते चटटानों के बड़े-बड़े टुकडे़ 150 मीटर दूर मानो बम की तरह गिर रहे हैं। धमाके की गूंज आधा किमी तक गूंज रही है। हालात यह है, 250 मीटर दूर विश्वविद्यालय के अकेडमिक भवन की दीवारें हिल गई।

कोटा। आबादी क्षेत्र के नजदीक कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे मनमर्जी से अनकंट्रोल ब्लास्टिंग की जा रही है। बारूद लगाकर चटटानों का सीना छलनी किया जा रहा है। धमाके के साथ हवा में उछलते चटटानों के बड़े-बड़े टुकडे़ 150 मीटर दूर मानो बम की तरह गिर रहे हैं। धमाके की गूंज आधा किमी तक गूंज रही है। हालात यह है, 250 मीटर दूर विश्वविद्यालय के अकेडमिक भवन की दीवारें हिल गई। जबकि, बलास्टिंग स्थल से मात्र 50 मीटर दूर बॉयज हॉस्टल हैं, जिसकी दीवारों में दरारों के साथ खिड़कियों के कांच टूटकर बिखर गए।  प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुक्रवार शाम हुई बलास्टिंग का धमाका दो माह में अब तक का सबसे तेज धमाका था। करीब 700 मीटर तक गूंज सुनाई दी। वहीं, 500 मीटर तक भूकंप की तरह धमक महसूस हुई। दरअसल, विश्वविद्यालय की चारदीवारी के ठीक पीछे भारत विकास परिषद की ओर से कैंसर हॉस्टिल बनाया जा रहा है। भले ही परिषद द्वारा ब्लास्टिंग  की परमिशन ली गई हो, लेकिन तय मापदंड के अनुरूप नहीं हो रही। ब्लास्टिंग  का कोई समय निर्धारित नहीं है,। कोटा विश्वविद्यालय परिसर में गर्ल्स हॉस्टल फॉर्मेसी कॉलेज बन रहा है। जहां कार्य कर रहे मजदूर अनियमित ब्लास्टिंग  के दौरान उछले पत्थरों से चोटिल हो चुके हैं। विश्वविद्यालय की निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी व हॉस्टल के छात्रों ने  इमारतों व पढ़ाई में हो रहे नुकसान को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को लिखित में शिकायत दी है।

50 मीटर दूर ब्वायज हॉस्टल के छात्रों की पीड़ा
 कान के पर्दे भी हिले
बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र चेतन सोनी, आर्यन शर्मा का कहना है, विश्वविद्यालय का ब्वायज हॉस्टल में 120 छात्रों का एडमिशन है, फिलहाल 100 बच्चे रह रहे हैं। ब्लास्टिंग स्थल से हॉस्टल की दूरी करीब 50 मीटर है। यहां दिन हो या रात अनकंटोल बलास्टिंग कर चटटानें तोड़ी जा रही है।  कमरों की दीवारों पर दरारों के साथ कांच टूट कर बिखर गए। न तो परीक्षा की तैयारी हो पा रही और न ही धमाकों से मुक्ति मिल पा रही है। 

तनाव झेलने को मजबूर
एमएससी फिजिक्स तृतीय वर्ष के छात्र मधुर तोमर, मंजीत मीणा ने कहा, एक तरफ परीक्षा तो दूसरी तरफ धमाकों की गूंज से अनावश्यक मानसिक तनाव बढ़ रहा है।  दिन में धमाकों के कारण पढ़ाई नहीं होती और रात को सुकून से सो भी नहीं पाते। कई बार रात को तेज धमाके से नींद उछट जाती है। नींद पूरी नहीं होने से चिड़चिड़ापन रहता है। दिन में नींद निकाले की पढ़ाई करें। परीक्षा चल रही है, इसलिए यहां रूके हैं। ऐसे हालातों में यहां कोई भी रूकना नहीं चाहता। विश्वविद्यालय प्रशासन को दो माह पूर्व लिखित में शिकायत दी थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बाहर निकलने में लगता है डर
बी फार्मा प्रथम वर्ष के छात्र अजय पारेता, आशिष मेहरा के चेहरों पर दहशत साफ झलक रही थी। उनका कहना था, हॉस्टल से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है। पता नहीं, ठेकेदार कब ब्लास्टिंग शुरू कर दें। धमाकों के साथ पत्थर के टुकड़े हवा में उछल दूर-दूर तक गिरते हैं। जिससे कभी भी हादसा घटित हो सकता है। दो महीने से यहां बलास्टिंग चल रही है। पूर्व में कुछ मजदूर घायल हो चुके हैं। पढ़ाई के साथ जान का नुकसान भी बना हुआ है। बाथरूम की खिड़की के सारे कांच टूट चुके हैं।

लगता है जैसे भूकम्प आया हो
छात्र गिर्राज सुथार, जसवंत ने बताया कि दिनभर में कभी भी बलास्टिंग शुरू हो जाती है। धमाके से दीवारें इस कदर हिलती है मानो भूकम्प आया हो। कई बार तो झटके से कमरे में रखी लोहे की आलमारी तक गिर गई। करीब एक माह पहले गांव गए थे तब निमार्णाधीन जगह समतल थी लेकिन लौटकर देखा तो यहां पत्थरों का पहाड़ नजर आया। जिम्मेदार अधिकारी परमिशन देने के बाद एक बार भी मौके पर आकर बलास्टिंग तय मापदंड के अनुरूप हो रही या नहीं, यह भी नहीं देखते।

शिकायत के 2 माह बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
एमएससी जुलॉजी तृतीय वर्ष के छात्र दिनेश चौधरी, राजेश सैनी, अमन का कहना है, हॉस्टल के पास अनकंटेल हो रही ब्लास्टिंग की शिकायत दो माह पूर्व विश्वविद्यालय प्रशासन से की थी। वहीं, निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी ने भी यूनिवर्सिटी की निर्माणाधीन इमारतों को हो रहे नुकसान की लिखित में शिकायत की थी। इसके बावजूद विवि प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।

हर पल रहता है हादसे का डर
बॉयज हॉस्टल के चौकीदार सुरेंद्र ने बताया कि शुक्रवार शाम 5.30 बजे  ब्लास्टिंग हुई थी। धमाका इतना तेज था कि करीब 500 मीटर दूर तक धमक महसूस हो रही थी। उस वक्त मैं यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट की तरफ था। धमाके की आवाज सुन तुरंत परिवार के पास पहुंचा, क्योंकि बच्चे बाहर खेलते हैं, ऐसे में उनकी चिंता होना लाजिमी था। पत्नी रेखा ने बताया कि बलास्टिंग का कोई समय निश्चित नहीं है। यहां कभी भी धमाका कर दिया जाता है। पत्थर उछलकर कमरे के बाहर लगे टीनशेड पर गिरते हैं। दिनभर बच्चों के पीछे साए की तरह रहती हूं। हर पल हादसे का डर लगा रहता है।

यूनिवर्सिटी के पीछे ब्लास्टिंग हो रही है, जिससे पत्थर उछलकर विवि परिसर में आ रहे हैं, इमारतों को नुकसान पहुंचने के साथ श्रमिक घायल हो सकते हैं। यहां किसी तरह का कोई हादसा न हो इसलिए हमने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित में शिकायत देकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
-आशु गर्ग, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरएसआरडीसी निर्माण एजेंसी

यहां डायनामाइट बलास्टिंग हो रही है। पत्थरों के उछलकर कैम्पस में आने से हमारे कुछ श्रमिक चोटिल हो चुके हैं। वहीं, जेसीबी के कांच भी टूट गए। निमार्णाधीन फॉमेर्सी कॉलेज के सामने श्रमिकों की अस्थाई टापरियां बनी हुई है। बच्चे यहां खेलते हैं। ऐसे में ्ब्लास्टिंग के दौरान आने वाले पत्थर के टुकड़ों से श्रमिक परिवारों को नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है।
-बीएल महावर, एईएन आरएसआरडीसी निर्माण एजेंसी

कोटा विश्वविद्यालय परिसर में इन दिनों गर्ल्स हॉस्टल, संविधान पार्क, फार्मेसी कॉलेज सहित अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं। निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने हमें लिखित शिकायत दी थी कि, यूनिवर्सिटी के पीछे हो रही बलास्टिंग से पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े उछलकर कैम्पस में आ रहे हैं जिससे निर्माणार्धीन इमारतों, वाहनों को नुकसान पहुंच रहा है। मैंने जिला प्रशासन के माध्यम से अनकंट्रोल ब्लास्टिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शिकायती पत्र विवि के रजिस्टार को भेजा है।
- सुनील अग्रवाल, सम्पदा अधिकारी कोटा विश्वविद्यालय

यह बात सही है कि विश्वविद्यालय के पीछे कंट्रोल व अनकंट्रोल दोनों तरह की ब्लास्टिंग की जा रही है। इमारतों को नुकसान पहुंच रहा है। निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी व बॉयज हॉस्टल के छात्रों की लिखित मिली है। कुछ मजदूरों के चोटिल होने की जानकारी सामने आई है। इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेज रहे हैं, ताकि यहां किसी तरह की कोई घटना न हो।
- राजकुमार उपाध्याय, रजिस्ट्रार कोटा विश्वविद्यालय

हमारी तरफ से कंट्रोल ब्लास्टिंग की जा रही है, अनकंट्रोल ब्लास्टिंग बिलकुल भी नहीं की जा रही। यदि, विश्वविद्यालय प्रशासन को किसी तरह की कोई शिकायत है तो हमसे बात करें, हम तुरंत समस्या का निराकरण करेंगे। वैसे, मैं कुछ दिनों से बाहर था, आज ही कोटा आया हूं। मैं खुद मौके पर जाकर देखता हूं क्या मामला है।
- श्याम शर्मा, चैयरमेन भारत विकास परिषद हॉस्पिटल कोटा

Post Comment

Comment List

Latest News