सफाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति, नागरिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
अधिकारियों की कार्यप्रणाली और गैर जिम्मेदाराना रवैया को लेकर लोगों में रोष
नालों की सफाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति बजाए सुविधा के परेशानियों का सबब बनती जा रही है, जिससे दुकानदार एवं राहगीर काफी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद उच्चाधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। अधिकारियों की कार्यप्रणाली एवं गैर जिम्मेदाराना रवैया को लेकर लोगों में रोष है।
सैंपऊ। नालों की सफाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति बजाए सुविधा के परेशानियों का सबब बनती जा रही है, जिससे दुकानदार एवं राहगीर काफी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद उच्चाधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। अधिकारियों की कार्यप्रणाली और गैर जिम्मेदाराना रवैया को लेकर लोगों में रोष है। विदित है कि सरपंच के वित्तीय पावर सीज किए जाने के बाद लगातार सफाई की मांग पर संभागीय आयुक्त एवं कार्यवाहक जिला कलेक्टर की फटकार के बाद विकास अधिकारी के द्वारा नालों की सफाई शुरू कराई गई। किंतु परिणाम वही ढाक के तीन पात। जेसीबी से की गई सफाई के दौरान कई जगह नालों में दरारे आ चुकी हैं।
दुकानदारों का आरोप है कि रात्रि में बिना सूचना के सफाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है। कई जगह दुकानदारों की दुकानों के आगे पत्थरों को तोड़ दिए जाने से दुकानदार आक्रोशित दिखाई दिए। नाले की गहराई अधिक होने से कचरा नीचे जमा हुआ है। जिससे बरसात का पानी आने पर नाले उफनकर गंदगी दुर्गंध युक्त कचरा व पानी सड़क एवं दुकानों में घुसने से परेशानी होती है।प्रतिवर्ष नाले की सफाई के नाम पर पैसा तो खर्च किया जाता है। किंतु नीचे तक सफाई नहीं होने से समस्या का समाधान नहीं हुआ। कस्बे की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाने से कस्बे में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे देखे जा सकते हैं। आवारा जानवरों द्वारा इसे और बिखेर दिया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों ने समुचित सफाई समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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