शुद्ध के लिए युद्ध अभियान: हेल्थ डिपार्टमेंट ने मैन्युफेक्चरिंग फैक्ट्री में खीरमोहन में लगे कीड़े

1 लाख का 300 किलो खीरमोहन नष्ट करवाया।

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान:  हेल्थ डिपार्टमेंट ने मैन्युफेक्चरिंग फैक्ट्री में खीरमोहन में लगे कीड़े

गंगापुर सिटी। हेल्थ डिपार्टमेंट ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में गुरुवार को गंगापुरसिटी और वजीरपुर में बड़ी कार्रवाई की। टीम ने गर्ग मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट की वजीरपुर स्थित मैन्युफेक्चरिंग फैक्ट्री कृष्णा चिलिंग सेंटर पर खीरमोहन में कीड़े लगने, मधुमक्खी और झींगुर पड़े हुए होने पर करीब 1 लाख रुपए का 300 किलो खीरमोहन को मौके पर ही नष्ट करवाया।

गंगापुर सिटी। हेल्थ डिपार्टमेंट ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में गुरुवार को गंगापुरसिटी और वजीरपुर में बड़ी कार्रवाई की। टीम ने गर्ग मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट की वजीरपुर स्थित मैन्युफेक्चरिंग फैक्ट्री कृष्णा चिलिंग सेंटर पर खीरमोहन में कीड़े लगने, मधुमक्खी और झींगुर पड़े हुए होने पर करीब 1 लाख रुपए का 300 किलो खीरमोहन को मौके पर ही नष्ट करवाया। फैक्ट्री में मावा बहुत पुराना दिखाई देने पर करीब 75 हजार रुपए का 300 किलो मावा और करीब 82 हजार रुपए का 165 लीटर लूज घी सीज किया गया। सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना ने बताया कि गंगापुर सिटी और वजीरपुर में अलग-अलग ब्रांड के घी और अन्य सामग्रियों के सैंपल लिए गए।

विभाग के फूड सेफ्टी अधिकारी विरेन्द्र कुमार और उनकी टीम ने गंगापुर सिटी स्थित मैसर्स गर्ग मिल्क एंड फूड प्रॉडक्ट्स के यहां से 4 सैम्पल लिए। 1 सैम्पल लूज घी, 1 सैम्पल पनीर, 1 सैम्पल मावा और 1 सैम्पल खीरमोहन के लिए गए। साथ ही 165 लीटर लूज घी सीज किया गया जिसकी कीमत करीब 82 हजार 500 रुपए है। गंगापुर सिटी की गर्ग मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट की वजीरपुर स्थित मैन्युफेक्चरिंग फैक्ट्री कृष्णा चिलिंग सेंटर पर भी विभाग ने कार्रवाई की। फैक्ट्री में खीरमोहन में कीड़े लगे हुए थे, मधुमक्खी, झींगुर पड़े हुए होने पर करीब 1 लाख रुपए का 300 किलो खीरमोहन मौके पर ही नष्ट करवाया गया, साथ ही चाशनी को भी नष्ट करवाया गया।

फैक्ट्री में ही मौजूद मावा बहुत पुराना दिखाई देने के संदेह पर और मावे की क्वालिटी को देखते हुए करीब 75 हजार रुपए का 300 किलो मावा सीज किया गया। सैम्पल की रिपोर्ट आने के पश्चात फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के सीज किए गए घी और मावे पर कार्रवाई की जाएगी। सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना ने सभी लोगों से अपील की लूज या खुला हुआ घी काम में नहीं लें। यह किसी भी प्रकार से सेहत के लिए फाय्देमंद नहीं है। इस लूज घी में पाम आॅयल अथवा अन्य प्रकार के तेल होते हैं, जो हानिकारक हैं। दुकानदार वनस्पति तेल, पाम आॅयल को घी, पूजा-दीया बाती के लिए काम में आने वाला घी बता कर बेचते हैं।

बहुत ही कम कीमत में बाजार में मिलने वाला घी, घी ना होकर नकली, मिलावटी वनस्पति अथवा पाम आॅयल होते हैं। इसलिए जब भी घी खरीदें हमेशा उस पर लिखे हुए लेबल, सामग्री आदि के बारे में पढ़कर जांच परख कर ही खरीदें। कम कीमत में मिलने वाले घी को कई परिवार जन अपने घर की गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं के लिए खरीद कर प्रयोग में लाते हैं, ऐसा घी गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं के लिए लाभदायक ना होकर अत्यधिक घातक है। साथ ही ऐसे पदार्थ युवा पीढ़ी के लिए भी घातक हैं। ऐसे पदार्थों का सेवन युवाओं की नस्ल भी खतरे में पड़ रही है। ऐसे में सभी लोग शुद्व घी का प्रयोग करें।

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