अब राजस्थान में भी होगा यूरेनियम का खनन
झारखंड-आन्ध्र प्रदेश के बाद मिले यूरेनियम के भंडार, 3 हजार करोड़ का होगा निवेश
जयपुर। राजस्थान अब यूरेनियम के खनन में भी देश और दुनिया के मानचित्र पर शामिल होने जा रहा है। देश में झारखंड और आन्ध्र प्रदेश के बाद परमाणु ऊर्जा के लिए राजस्थान के सीकर की खंडेला तहसील के रोहिल गांव में यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया खनन शुरू करने जा रहा है।
जयपुर। राजस्थान अब यूरेनियम के खनन में भी देश और दुनिया के मानचित्र पर शामिल होने जा रहा है। देश में झारखंड और आन्ध्र प्रदेश के बाद परमाणु ऊर्जा के लिए राजस्थान के सीकर की खंडेला तहसील के रोहिल गांव में यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया खनन शुरू करने जा रहा है। कॉरपोरेशन के आवेदन के बाद प्रदेश सरकार ने इसके लिए उन्हें खनन पट्टे की एलओआई जारी कर दी है। कॉरपोरेशन यहां 3 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी और साथ ही इतने ही लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा। यहां 108.46 हैक्टेयर में कॉरपोरेशन यूरेनियम का खनन करेगी। यहां 12 मिलियन टन यूरेनियम के भंडार संभावित हैं। एलओआई जारी होने के बाद कॉरपोरेशन अब परमाणु ऊर्जा विभाग, परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय से खनन योजना का अनुमोदन कराएगा, पर्यावरण मंत्रालय से ईसी लेने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस खनन एरिया की 69.39 हैक्टेयर चरागाह भूमि को भी वे राजस्व विभाग से एनओसी लेंगे। इसके बाद खनन शुरू होगा।
यूरेनियम खास क्यों
दुनिया में अभी चुनिंदा देशों कजाकिस्तान, कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया, रूस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, अमेरिका में ही यूरेनियम के भंडार हैं। भारत में केवल झारखंड के सिंहभूमि के जादूगोड़ा और आन्ध्र प्रदेश में ही यह उपलब्ध है। अब राजस्थान भी यूरेनियम खनन में शामिल हो रहा है। इसका उपयोग परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने, रक्षा उपकरण बनाने, दवाइयों में इसका खास रोल है।
सीएम के निर्देश पर यूरेनियम खोज को गति दी गई। अब यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को एलओआई जारी हुई है। राजस्थान में इससे खनन क्षेत्र को नया माइलेज मिलेगा। यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। -डॉ. सुबोध अग्रवाल, एसीएस, खान विभाग
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