निगम कॉलोनी में करोड़ों के मकान हुए खंडहर

अनदेखी के चलते नगर निगम कॉलोनी के मकान बने नशेड़ियों के अड्डे

निगम कॉलोनी में करोड़ों के मकान हुए खंडहर

सबसे बुरे हाल निगम कॉलोनी के हैं। जहां करोड़ों रुपए के मकान पहले अतिक्रमण की भेंट चढ़े हुए थे और अब खंडहर होने से अधिकारियों की अनदेखी के चलते नशेड़ियों का अड्डा बन चुके हैं।

कोटा। शहर में नगर निगम की अरबों रुपए की सम्पति  तो बेकार पड़ी हुई है। जिनकी नीलामी तक नहीं हो रही हैं। वहीं सबसे बुरे हाल तो निगम कॉलोनी के हैं। जहां करोड़ों रुपए के मकान  पहले अतिक्रमण की भेंट चढ़े हुए थे और अब खंडहर होने से अधिकारियों की अनदेखी के चलते नशेड़ियों का अड्डा बन चुके हैं। छावनी स्थित नगर निगम की कॉलोनी में कई मकान तो सही हालत में है। जिनमें निगम के कर्मचारी रह रहे हैं। जबकि उसी कॉलोनी में उन मकानों के आगे नाले के पास करीब एक दर्जन से अधिक मकान भी बने हुए हैं। पहले उन मकानों में भी निगम कर्मचारी रहते थे। लेकिन उनमें रहने वाले कर्मचारी रिटायर्ड होते गए और वे अपने स्र पर ही दूसरे लोगों को किराए पर रखते रहे। हालत यह हो गई कि निगम अधिकारियों ने उन मकानों पर ध्यान नहीं दिया। जिससे उन मकानों में अतिक्रमण होने लगे। जो मकान खाली हुए और उनमें ताले लगे हुए थे। अतिक्रमण करने वालों ने उन मकानों के ताले तोड़कर जबरन रहना शुरू कर दिया था। जिससे वहां कई तरह की अवैध गतिविधियां होने लगी थी। उन मकानों में होने वाली अवैध गतिविधियों के चलते आस-पास के लोग परेशान होने लगे थे।

तत्कालीन उपायुक्त ने खाली करवाए थे मकान
नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र में होने से तत्कालीन उपायुक्त कीर्ति राठौड़ ने उन मकानों की स्थिति का मौका निरीक्षण कराया। उसके बाद अधिकारियों की टीम के साथ उन सभी एक दर्जन मकानों को खाली करवाकर अतिक्रमण से मुक्त करवाया था।  साथ ही उन सभी मकानों में ताले लगा दिए थे। लेकिन कुछ समय बाद फिर से उनके ताले तोड़कर लोग रहने लगे थे। बाद में उन मकानों के दरवाजे व चार दीवारी को तुड़वा दिया था। जिससे कोई उन मकानों पर कब्जे नहीं कर सके। लेकिन निगम अधिकारी डाल-डाल तो अपराधी पात-पात हैं।

नशेडियों का अड्डा बने खंडहर मकान
निगम के अधिकारियों ने उन मकानों के अगले हिस्से को तोड़कर अधूरा छोड़ दिया। उसके बाद उनकी तरफ देखा तक नहीं। हालत यह है कि अधिकारियों की अनदेखी की चलते वे मकान खंडहर तो हुए ही। साथ ही वे नशेड़ियों के अड्डे बन गए हैं।  हालत यह है कि नशा करने वालों को सूने मकान  खुले हुए मिल गए। उस जगह पर किसी का भी आना जाना नहीं होता। ऐसे में वहां बड़ी संख्या में नशा करने वालों का जमघट लगने लगा। एक साथ एक दर्जन से अधिक लोग वहां नशा करते हुए देखे जा सकते हैंं। इसका अंदाजा वहां पड़ी नशे की सामग्री जिनमें इंजक् शन, स्मैक की पुड़िया और शराब की बोतलों को देखकर लगाया जा सकता है।

यहीं नशा करते और फिर चोरियां, लोग परेशान
नगर निगम कॉलोनी के आस-पास रहने वाले लोगों ने बताया कि पहले उन मकानों में लोग रहते थे। लेकिन अब वे खंडहर हो रहे हैं। ऐसे में वहां नशा करने वालों का दिन और रात में जमावड़ा रहने लगा है। ये लोग वहां नशा करके आस-पास के घरों में चोरियां करने लगे हैं। उनका कोई विरोध भी नहीं करता और पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती। जिससे आस-पास के लोग काफी परेशान हैं।

इनका कहना है
निगम की कॉलोनी में खंडहर हो रहे मकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कराया जाएगा। जिससे वहां जमीन को समतल किया जाए। वहां मकान नहीं होंगे तो कोई अवैध गतिविधि भी नहीं होगी। उसके बाद उस जगह पर या तो पौधारोपण किया जा सकता है या फिर वहां मल्टी स्टोरी बनाई जा सकती है। निगम के क् वाटर भी बनाए जाएं तो कर्मचारियों के रहने के काम आएंगे। इस बारे में चर्चा कर शीघ्र ही समस्या का समाधान कराने का प्रयास करेंगे।
राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण

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