‘अग्निपथ’ की अंतरात्मा को लोग समझ न सके

भारत सरकार अथवा मोदी क्या ये सब अपने परिवार या संबंधियों या किसी विशेष वर्ग के लिए कर रहे हैं?

‘अग्निपथ’ की अंतरात्मा को लोग समझ न सके

अग्निपथ योजना की अंतरात्मा को देश के लोग समझ न सकें और विध्वंशकारी प्र्रवृत्तियों में व्यापक रूप से संलग्न होकर अनेक रेल गाड़ियां जला डाली। क्या इन कृत्यों से उनकी मांग पूरी हो गई? और क्या उन्होंने देश की सम्पत्ति का नाश कर उनके खुद के लोगों द्वारा दिए टैक्स को धूलधूसरित नहीं किया?

अग्निपथ योजना की अंतरात्मा को देश के लोग समझ न सकें और विध्वंशकारी प्र्रवृत्तियों में व्यापक रूप से संलग्न होकर अनेक रेल गाड़ियां जला डाली। क्या इन कृत्यों से उनकी मांग पूरी हो गई? और क्या उन्होंने देश की सम्पत्ति का नाश कर उनके खुद के लोगों द्वारा दिए टैक्स को धूलधूसरित नहीं किया? क्या नष्ट की गई रेलगाड़ियों की वह संख्या पूर्ती के लिए सरकार जनता पर और टैक्स नहीं लगाएगी? ऐसे अनेक प्रश्न हैं जो अनुत्तरित ही रहेंगे। भारत सरकार अथवा मोदी  क्या ये सब अपने परिवार या संबंधियों या किसी विशेष वर्ग के लिए कर रहे हैं? मेरे विचार से देश द्रोही शक्तियों की योजना हमारे युवा जल्दी समझ लेते हैं। मोदी का विरोध करिए, लेकिन सरकार का विरोध  देश की सम्पूर्ण व्यवस्था का  विरोध  है।

देशव्यापी आंदोलन और उपद्रवों के चलते मोदी ने यह साफ कर दिया कि योजना वापस नहीं होगी। ठीक भी है इस  देश में और भी लोग हैं जिन्हें ऐसी योजनाओं की सख्त आवश्यकता है। 20  जून की एक खबर के शीर्षक पर गौर करें, कुछ परिवर्तन शुरूआत में बुरे लगते हैं लेकिन वक्त आने पर देश को बड़ा फायदा पहुंचते हैं। उपरोक्त बात मोदी ने ही व्यक्त की है। युवा अपने  विवेक से विचार करें, वो बुरा वक्त उनके लिए या उनके समाज, प्रान्त अथवा देश के लिए क्या हो सकता है? वो वक्त आने पर अपनी छाती कूटेंगे और विवश होकर अपनी आँखों के सामने अपनों का ही सर्वश्व नाश देखेंगे? क्या युवा बन्दूक, रायफल, रिवाल्वर अथवा पिस्टॉल या अन्य कोई हथियार आसानी से खरीद सकते हैं? जो बुरा समय अथवा संकट की घड़ी में उनके काम आत्मा रक्षा के लिए आ  सकें? यह आसान नहीं। तो आत्म रक्षा अपनी और अपनों की कैसे सुरक्षित होगी। यदि देश के सभी लोगों को मिलिट्री ट्रेनिंग आवश्यक कर दी तब क्या होगा? देश  में चुनाव लड़ने के लिए पंचायत से संसद तक सभी चुनाव के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग यदि आवश्यक कर  दी  जाए, संसद में बिल लाकर तो क्या करेंगे? और यदि राष्ट्रपति अपने आदेश से ऐसी ट्रेनिंग देश में अनिवार्य कर दे तो क्या होगा? क्या तब भी विरोध होगा?मेरे इस लेख में आप पड़ेंगे किन देशों में मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य है। इजराइल  शायद बहुत छोटा देश है मुस्लिम देशों से घिरा हुआ।  क्या कोई देश वहां मुस्लिम देश बना सकता है? किसी में हिम्मत नहीं।  कारण वहां सभी छोटे से लेकर बड़े और पुरुष से लेकर महिलाओं के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य है। किसी देश की हिम्मत नहीं, जो इजराइल की तरफ आंख  उठा कर देख लें।  इसलिए समय की  अहमियत को पहचानिए और अपने दिमाग में विवेक जाग्रत करिए।  जिन्हें इसका विरोध करना था वे पहले ही दिन इस योजना की अंतरात्मा को समझ गए और अपना विरोध बिना समय गवाए शुरू कर दिया। अनेक लोग इस योजना पर लेख लिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी अनेक मत प्रकट किए जा रहे हैं। सभी में  नकारात्मक दृष्टिकोण परिलक्षित किया जा रहा है। पूर्व न्यायाधीश  पाना  चन्द  जैन  के एक  विश्लेषणात्मक लेख में विस्तृत विवरण छपा है, जो सभी पक्षों पर  प्रकाश डाल रहा है। अत:  सराहनीय है।  उनका कथन है कि जब योजना अनिवार्य ही नहीं है तो उसमें मत जाइए। विरोध कर सम्पत्ति की तोड़-फोड़ और आगजनी का आंदोलन क्यों?अग्निपथ योजना  की घोषणा,  देश के विशेष रूप उन युवाओं के लिए जो अच्छी शिक्षा और अच्छी नौकरी नहीं पा पाते, इसमें ग्रामीण परिवेश व अन्य कारणों से उपेक्षित युवाओं को देश की रक्षा आंतरिक सुरक्षा में प्रेरित करने की यह योजना कार्यान्वित होकर अनूठी साबित होगी और भविष्य में सराही जाएगी।

शहरी क्षेत्र में तो युवा कोई नौकरी या व्यवसाय खोज लेता है, परन्तु ग्रामीण युवा अनिभिज्ञ रहकर अपने लिए कोई सेवा की नौकरी नहीं ढूंढ़ पाता। अग्निपथ एक अनूठी रक्षा  व आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र की योजना है, जिसमें ग्रामीण व शहरी युवाओं को संलग्न करना है।योजना का विस्तृत विवरण शनै: शनै: प्राप्त होगा, लेकिन इस अग्निपथ सेवा की अवधि 4 साल रखी गई है, जिसमें प्रथम 6 माह प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाएगा और बाद के 3 वर्ष और 6  माह देश की फौज की तरह काम मिलेगा। चार वर्ष की समाप्ति पर अग्निपथ गामी या वीर का मूल्यांकन होगा। वैसे मूल्यांकन सतत चलता रहेगा, जिसमें सभी  वांक्षित मापदंडों में पास अभ्यर्थी 25 प्रतिशत कूल संख्या के रेगुलर सेना में ले लिए जाएंगे।शेष बचे युवा अपना अन्य कोई कार्य जैसे पढ़ाई, बिजनेस, खेती, व्यापार आदि  में  संलग्न हो सकेंगे अथवा अनेक सेवाओं में प्राथमिकताओं से लिए जाएंगे,  जिसकी घोषणा की जाती रहेगी। यहां सरकार को भी  एक सुझाव  प्रस्तुत करता हूँ  कि शेष बचे अग्नि पथिकअथवा ‘वीर’ सभी चुनाव भी प्राथमिकता से  लड़ सकेंगे और उसमें उन्हें सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी पार्टी का टिकट देने को बाध्य होंगी। इस प्रकार देश प्रेम से प्रेरित व ओतप्रोत व्यक्ति सदन के अंदर और बाहर सभी जगह अनुशासन में स्वयं भी रहेगा और अपने सहयोगिओं को भी अनुशासन में रखने को कह सकेगा। मैं समझता हूँ कि इस योजना के प्रभावी ढंग से लागू होने पर  एक अलग ही वातावरण पनपना शुरू हो जाएगा। फिर दूसरी विद्याओं जैसे पुलिस, होमगार्ड, सीमा सुरक्षा,  कॉर्पोरेट हाउसेस आदि में अनेक अवसर उत्पन्न होने शुरू जाएंगे, जिनकी अभी कल्पना करना भी दुष्कर है। आश्चर्य  है कि अग्निपथ योजना की घोषणा करने के कुछ ही घंटों  के अंदर उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में इस योजना के विरुद्ध विकराल आंदोलन आरम्भ हो गया।
              
योजना के विस्तृत पहलुओं की अभी तक जानकारी भी नहीं आई थी कि युवाओं व अन्य लोगों की अपार भीड़ अग्निपथ योजना के विरोध में सड़कों पर उतर आई और पत्थरबाजी जो की वर्तमान में अब एक महत्वपूर्ण उदंड़ता का तरीका बन गया, चालू हो गया। भीड़ उग्र होकर सरकारी संपत्ति को जलाने, तोड़ने-फोड़ने में व्यापक रूप से संलग्न हो गई। बिहार में इस आंदोलन का तांडव कोहराम मचाने वाला और विनाशकारी रहा, जहां 12 से अधिक रेल गाड़ियां इंजन सहित जलाकर नष्ट कर दी। समझ नहीं आता कि ऐसी भीमत्स और व्यापक अनुसाशनहीनता को रोकने के लिए पुलिस कोई कठोर कार्यवाही क्यों नहीं करती संभवत: ऐसा सर्वोच्च न्यायलय के डर और निर्देशों के कारण घटना पहले अपना पूर्ण उद्देश्य प्राप्त कर लेती है तब पुलिस एक्शन मोड में आती है। बृहत स्तर की संपत्ति नुक्सान होने पर भी पुलिस फायर नहीं करती, शायद उनेह ऐसी अवस्था में फायर आर्म साथ ले जाना निषेध  किया हुआ है, जो उचित भी है। ऐसी स्तिथि में उनका हथियार भी उग्र लोग छीन कर ले जा सकते हैं। विडम्बना है इस देश के शासन और प्रशासन की जिसमे उच्च और उच्चतम न्यायलय के कतिपय जज भी ऐसी स्तिथि के लिए कहीं न कहीं शामिल है। जो बाद में पुलिस को दोषी ठहराते देते हैं आंध्रप्रदेश और तेलंगना के सिकंदराबाद में भी ऐसे ही सरकारी संपत्ति  को जला कर नष्ट किया गया और प्रशासन मूक दर्शक हो ये सब देखता रहा। देश का युवा भ्रमित है अथवा परजीवी जो अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल  न करके किसी दूसरे के दिमाग या निर्देश से चलता है।  मुझे लगता है  ये लोग  निश्चित ही दूसरे द्वारा पोषित परजीवी है और निश्चित ही किसी विदेशी ताकत या टेरर ग्रुप  के कहने में कार्य करते हैं पूर्व  में  इस तरह के आंदोलन चाहे किसानों का हो या जीएसटी का हो या नोट बंदी हो युवा यकायक बिना किसी पूर्व संकेत के फूट पड़ते हैं। वे सब भारतीय जनता पार्टी के अतिरिक्त अन्य विरोधी राजनैतिक पार्टियो का  परोक्ष या अपरोक्ष अथवा मौन समर्थन प्राप्त करते हैं। 

इन सब का केवल और केवल एक ही कॉमन उद्देश्य है कि किसी भी प्रकार से मोदी की हटाया जाए। मोदी से आखिर ये सब  विरोध में क्यों हैं ऐसा तो नहीं  कि मोदी जनता अथवा देश के विरूद्ध काम कर रहे हैं। नहीं बल्कि सभी भ्रष्ट जालसाज बेईमान और देश विरोधी ताकतों को वर्तमान शासन लाभप्रद नहीं हो रहा है और उनके भ्रष्टाचार पर अंकुश लग गया है पहले किये भ्रष्टाचार  के  मामलों पर कानूनी कार्यवाही  चल रही है  इसलिए तिलमिला रहे हैं  नोटबंदी के समय एक स्रोत से ये सूचना थी कि समुद्री रास्ते से दो कंटेनर जाली करेंसी नोट दक्षिण भारत के किसी  बंदरगाह पर उतरे वे सब सरकारी नोटों के साथ चलन में आने वाले थे अचानक मोदी ने कार्रवाई कर नोटबंदी से उन्हें चलन में आने से रोक दिया। यह बात मोदीजी किसी कारण छिपा गए क्योंकि उसमे  देश के एक दिग्गज नेता का हाथ होने की बात कही गयी थी  मोदी जी ने अपना उद्देश्य पूरा कर उसे छिपा  लिया।  मेरे कहने का तात्पर्य है कि  मोदी जो भी योजनाएं लाये उनके पीछे ठोस कारण और देश हित ही है तो विरोध क्यों? अग्निपथ योजना कोई नई नहीं है विश्व के पांच अन्य देशों यथा अमेरिकाए फ्रांस चीन, इजरायल और रूस में प्रचिलित है तो भारत में इसको लागू करने में इतना बबाल क्यों? असल में भविष्य में ये तो होना ही था  कियोकि इजरायल में प्रत्येक नागरिक को मिलिट्री ट्रेनिंग आवश्यक है फिर भारत में क्यों नहीं। पत्थरबाजी और दिशा विहीन युवा को प्रत्येक आंदोलन में सक्रीय भूमिका देख मेरे विचार से अग्नि पथ योजना अभी लागू कर दी। इससे दिशा विहीन युवा अग्निपथ पर अग्रसर होकर अग्निवीर बनने की कोशिश करेगा और अप्रेक्षप्कृत बहुत छोटी उम्र में अपना एक भविष्य खोजते हुए एक अच्छी कमाई भी करेगा। जो उसके  भविष्य के किसी भी कार्य में लाभप्रद होगी। इसके अलावा योजना के चलते अनेक ऐसे रास्ते निकलेंगे, जिन पर इन अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी। निश्चित तौर पर इस योजना की  केवल एक ही हानि है और वो कि विरोधी लोगों को  अपने हित  में अवांछित उपद्रवों के लिए युवा आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। जनता देखेगी कि  इस योजना के क्रियान्वन से किस प्रकार अनुसाशनहीनता से युवा अनुशासन की तरफ अग्रसर होता है। अग्निवीर को चार वर्ष के प्रशिक्षण काल में अपेक्षा से कही अधिक धन मिलने की आशा है। जैसा कि समाचारों में बताया गया है यह रकम एक प्रकार से पूरी बचत ही होगी रहने खाने ड्रेस आदि पर कुछ भी खर्च नहीं करना है सब कुछ फ्री निशुल्क। 25 प्रतिशत में आग तो रेगुलर आर्मी में कम से कम 18 वर्ष और फिर फौज में भी तो अनेक विधाएँ चलती हैं जैसे सिग्नल्सए सप्लाईए गैरिसनए यांत्रिकी एसिविल् वर्क ए गेम्स आदि स्किल्स सीखने का उत्तम अवसर। बाहर आकर अपने खुद का व्यवसाय।12 क्लास पास करने पर भी  युवा को सेल्समेनए से जायदा नौकरी नहीं मिलती। और किसी टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स में स्रातक ही कुछ संतोष प्रद नौकरी पा पाते हैं उस पर फिर अनेकों प्रकार के आरक्षण में यदि उलझ गए तो फिर जय राम जी की। अत: युवा को पहले अपना एअपने परिवार काएअपने समाज का  और फिर अपने देश का हित देख कर किसी भी प्रपंच अथवा प्रलोभन मे आकर्षित होने की जरूरत नहीं। देश का युवा खुशहाली के लिए एलालच या प्रपंच में न पड़ कर अपने विवेक से निर्णय करने में सक्षम बने।

Read More जानिए राजकाज में क्या है खास

     -डॉ. वीर बहादुर सिंह

Read More हैंगिंग ब्रिज पर टोल कंपनी काट रही कोटावासियों की जेब

(ये लेखक के अपने विचार हैं)

विश्लेषण
अग्निपथ योजना  की घोषणा, देश के विशेष रूप उन युवाओं के लिए जो अच्छी शिक्षा और अच्छी नौकरी नहीं पा पाते, इसमें ग्रामीण परिवेश व अन्य कारणों से उपेक्षित युवाओं को देश की रक्षा आंतरिक सुरक्षा में प्रेरित करने की यह योजना कार्यान्वित होकर अनूठी साबित होगी और भविष्य में सराही जाएगी। शहरी क्षेत्र में तो युवा कोई नौकरी या व्यवसाय खोज लेता है, परन्तु ग्रामीण युवा अनिभिज्ञ रहकर अपने लिए कोई सेवा की नौकरी नहीं ढूंढ़ पाता। अग्निपथ एक अनूठी रक्षा  व आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र की योजना है, जिसमें ग्रामीण व शहरी युवाओं को संलग्न करना है।

Read More कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहा है भारत

Post Comment

Comment List

Latest News

हैदराबाद से भाजपा प्रत्याशी माधवी लता के पास 221 करोड़ रुपए की संपत्ति, ओवैसी से हैं मुकाबला हैदराबाद से भाजपा प्रत्याशी माधवी लता के पास 221 करोड़ रुपए की संपत्ति, ओवैसी से हैं मुकाबला
हैदराबाद से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माधवी लता के परिवार के पास कुल 221 करोड़ रुपए की संपत्ति है। ...
ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय के 14 वें ज्ञान दीक्षा महोत्सव में किरण बेदी ने छात्राओं को दी उपाधि
बढ़ते तापमान के साथ मच्छर सक्रिय, मलेरिया का खतरा बढ़ा, जनवरी से अब तक 116 मरीज मिले
धोनी, सचिन और विराट को गर्मी से बचाने का 1 माह का खर्चा एक से डेढ़ लाख रुपए
शासन सचिव ने फिर किया जलभवन का औचक निरीक्षण : 11 अनुपस्थित मिले, चार को नोटिस
आरक्षण चोरी का खेल बंद करने के लिए 400 पार की है आवश्यकता : मोदी
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था, पुलिस के 85 हजार अधिकारी-जवान सम्भालेंगे जिम्मा : साहू