तैयारियां जारी, चुनाव पूर्व मूर्त रूप ले सकता है हमारा केडीए
लाडपुरा तहसील का क्षेत्र होगा शामिल
कोटा विकास प्राधिकरण के अगले साल तक मूर्त रूप लेने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। कोटा में अभी तक नगर विकास न्यास है। वर्ष 1971 में बने न्यास में अभी तक कोटा शहर का ही क्षेत्र शामिल है। लेकिन अब कोटा के विस्तार को देखते हुए यहां कोटा विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा।
कोटा । कोटा विकास प्राधिकरण के अगले साल तक मूर्त रूप लेने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। कोटा में अभी तक नगर विकास न्यास है। वर्ष 1971 में बने न्यास में अभी तक कोटा शहर का ही क्षेत्र शामिल है। लेकिन अब कोटा के विस्तार को देखते हुए यहां कोटा विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी घोषणा भी कर दी है। जयपुर, जोधपुर व अजमेर के बाद कोटा चौथा जिला है जहां विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। विकास प्राधिकरण बनने के बाद इसमें कोटा शहर के आस-पास के क्षेत्र और कैथून तक के ग्रामीण क्षेत्र भी इसमें शामिल हो जाएंगे। नगर निगम सीमा में आस-पास के कई गांव तो पूर्व में शामिल हो चुके हैं। लेकिन प्राधिकरण बनने के बाद इसका कार्यक्षेत्र भी बढ़ जाएगा। इधर नगर विकास न्यास के अधिकारियों ने बताया कि केडीए बनने के बाद नगर विकास न्यास तो खत्म हो जाएगा। लेकिन केडीए का कार्य क्षेत्र बढ़ जाएगा। अभी जहां न्यास केवल शहरी क्षेत्र में ही काम कर पा रहा है। वहीं केडीए बनने के बाद जो ग्रामीण क्षेत्र इसमें शामिल होंगे वहां भी विकास कार्य करवाए जा सकेंगे।
विकास का दायरा बढ़ेगा
अधिकारियों ने बताया कि नगर विकास न्यास कोटा शहर की सीमा क्षेत्र में हीे विकास के कार्य करवा रहा है। जबकि प्राधिकरण बनने के बाद इसका दायरा बढ़ जाएगा। हालांकि अगले वर्ष चुनाव है। दिसम्बर से पहले आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में प्राधिकरण बनने के बाद इसमें शामिल होने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर प्रभाव पड़ सकता है।
बड़ी योजनाओं का अनुमोदन भी कोटा में ही
जानकारों के अनुसार शहर में वर्तमान में चल रहे अधिकतर विकास कार्य नगर विकास न्यास ही करवा रहा है। कोटा में वर्तमान में स्मार्ट सिटी व न्यास के माध्यम से करीब 5 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य चल रहे हैं। जिनमें से केन्द्र से स्मार्ट सिटी से मिले 325 करोड़ रुपए और उतनी ही राशि राज्य सरकार द्वारा शामिल की गई है। उसके अलावा अन्य कार्य न्यास द्वारा ही करवाए जा रहे हैं। जानकारों ने बताया कि अभी बड़ी योजनाएं बनाने पर उनका अनुमोदन न्यास मंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार के स्तर पर डीएलबी से करवाना होता है। जबकि प्राधिकण बनने के बाद यहां आईएएस स्तर के अधिकारी लगाए जाएंगे। उसके बाद बड़ी योजनाओं का अनुमोदन भी स्थानीय स्तर पर ही प्राधिकरण के अधिकारी कर सकेंगे। जिससे काम होने में समय कम लगेगा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट
नगर विकास न्यास का हर साल का बजट वैसे काफीे अधिक है। लेकिन प्राधिकरण बनने से बजट भी कई गुना अधिक बढ़ जाएगा। जानकारी के अनुसार न्यास का वर्ष 2020-21 का आय बजट 959 .71 करोड़ रुपए था जबकि व्यय बजट 948.77 करोड़ था। वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में आय का लक्ष्य 1115.70 करोड़ रुपए और व्यय का लक्ष्ेय1113.83 करोड़ रुपए हो गया है।
इनका कहना है
कोटा विकास प्राधिकरण में लाडपुरा तहसील को भी शामिल किया जाएगा। उसकी प्रक्रिया चल रही है। अगले साल तक यह काम पूरा होने के बाद केडीए मूर्त रूप ले सकता है।
- शांति धारीवाल, मंत्री स्वायत्त शासन विभाग
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