प्रोत्साहन योजना बढ़ाई, लेकिन सूचना कहीं से नहीं आई

एक माह पहले भी जयपुर के मुखबिर की सूचना पर पकड़े थे दलाल, अधिकांश सोनोग्राफी सेंटरों पर मुखबिर योजना के पोस्टर ही नहीं दिखते ,मुुखबिर योजना में प्रोत्साहन राशि तीन लाख लेकिन सूचना देने में लोग नहीं दिखा रहे रूचि

प्रोत्साहन योजना बढ़ाई, लेकिन सूचना कहीं से नहीं आई

प्रदेश में बेटी बचाओं मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाते हुए प्रोत्साहन राशि को ढाई लाख से बढ़ाकर अब तीन लाख रुपए कर दिया । लेकिन कोटा जिले में इसके व्यापक प्रचार प्रसार नहीं होने से मुखबिर योजना में अभी तक एक भी मुखबिर ने लिंग परीक्षण को लेकर चिकित्सा विभाग को कोई सूचना नहीं दी है।

कोटा । प्रदेश में बेटी बचाओं मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रदेश में  पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाते हुए प्रोत्साहन राशि को ढाई लाख से बढ़ाकर अब तीन लाख रुपए कर दिया । लेकिन कोटा जिले में इसके व्यापक प्रचार प्रसार नहीं होने से मुखबिर योजना में अभी तक एक भी मुखबिर ने लिंग परीक्षण को लेकर चिकित्सा विभाग को कोई सूचना नहीं दी है। शहर में करीब 117 सेंटर है। जहां सोनोग्राफी की जा रही है। एमबीएस में प्रतिदिन करीब 70 से 80 सोनोग्राफी होती है।  इसके अलावा कोटा के 117 केंद्रों पर सोनोग्राफी होती है। अधिकांश सोनोग्राफी सेंटरों पर मुखबिर योजना के पोस्टर ऐसी जगह लगा रखे जहां लोगों का ध्यान नहीं जाए। कोटा जिला लिंग परीक्षण लेक र काफी संवेदनशील माना गया है। पिछले महीने ही एक दलाल दपंती को लिंग परीक्षण कराते हुए पकड़ा था। लेकिन इस आॅपरेशन के लिए गर्भवती महिला और मुखबिर सभी जयपुर से आए। ऐसे में कोटा में मुखबिर तंत्र इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्साहित नजर नहीं आ रहा है।

10 जून से 30 जून तक चल रहा सोनोग्राफी सेंटरों की जांच का अभियान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में 10 जून से 30 जून तक सभी 117 सोनोग्राफी सेंटरों की जांच का अभियान चल रहा है। लेकिन मुखबिर योजना को लेकर अभी जिले में व्यापक प्रचार प्रसार नहीं होने से बेटियों की जान अभी खतरे में अटकी हुई है। कोटा में पांच साल पहले तक कई डिकाय आॅपरेशन हुए जिसमें मुखबिरों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सूचना देकर अहम भूमिका निभाई लेकिन अब सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के बावजूद मुखबिर लिंग परीक्षण को लेकर कोई सूचना नहीं दे रहे है। चिकित्सा विभाग मुखबिर योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए अभियान चलाकर इतिश्री कर लेता जिससे लोगों का इस योजना के प्रति उत्साह नजर नहीं आ रहा है।

प्रोत्साहन राशि की किश्तें की कम
पीसीपएनडीटी समन्वयक प्रमोद कंवर ने बताया कि पूर्व में मुखबिर योजना के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधी प्राप्त सूचना पर 3 किश्तों में ढाई लाख रुपए तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी।  लेकिन अब इसे और व्यवहारिक और आकर्षक बनाते हुए सफल डिकाय आॅपरेशन पर मुखबिर, डिकाय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किश्तों में कुल तीन लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का भुगतान दिया जा रहा है। योजना में निर्धारित ढाई लाख की राशि की पहली किश्त सफल डिकाय होने पर, दूसरी न्यायालय में परिवाद दर्ज होने एवं तीसरी किश्त फैसला आने पर दी जाती थी। अब मुखबिर, डिकाय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को पहली किश्त सफल डिकाय होने एवं दूसरी किश्त न्यायालय में अभियोजन पक्ष के समर्थन में बयान के बाद दी जाने का प्रावधान किया है। कोटा में अभी नई योजना लागू होने के बाद किसी मुखबिर ने इस योजना का लाभ नहीं उठाया है। गांवों में इसका व्यापक प्रचार प्रसार नहीं हो रहा है। जिससे मुखबिर तंत्र कमजोर हो गया है।

 गर्भवती महिला को दो किश्तों में 1.5 लाख रुपए
डिकॉय आॅपरेशन में गर्भवती महिला की अहम भूमिका होती है।  गर्भस्थ शिशु की जोखिम एवं गर्भवती महिला को परेशानी को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिला की राशि में बढ़ोतरी की गयी है।  पहले गर्भवती महिला को तीन किश्तों में कुल एक लाख रुपए की राशि दी जाती थी।  अब उसे दो किश्तों में कुल डेढ़ लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है। साथ ही पूर्व में मुखबिर को तीन किश्तों में 33 हजार 250 प्रति किश्त, सहयोगी को 16 हजार 625 रुपए प्रति किश्त मिलते थे।  लेकिन अब मुखबिर को दो किश्तों में 50-50 हजार रुपऐ एवं सहयोगी को 25-25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा रहा है।

टोल फ्री नंबर पर आज तक नहीं आई सूचना
लिंग परीक्षण की सूचना देने के लिए और नवीन मुखबिर योजना के क्रियान्वयन से आमजन का भ्रूण लिंग परीक्षण रोकथाम में और अधिक सहयोग और इसकी शिकायत  के लिए टोल फ्री नम्बर 104/108 एवं वाट्सएप नंबर 9799997795 जारी कर रखा है लेकिन इन नंबर पर आज तक किसी मुखबिर ने सूचना नहीं दी है।

इनका कहना है
नई मुखबिर योजना में तीन लाख रुपए की राशि करने के बाद अभी तक कोटा जिले में किसी व्यक्ति इस योजना से राशि प्राप्त नहीं की है। लोगों लिंग परीक्षण नहीं कराने और सोनोग्राफी सेंटरों में लिंग परीक्षण नहीं हो इसकी सघन जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सभी सेंटरों पर मुखिबर योजना के प्रचार प्रसार के लिए पोस्टर लगे हुए है।  जिले के 110 से अधिक  स्थानों जांच की जा चुकी है। मुखबिर योजना के लिए लोगो प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- प्रमोद कंवर, पीसीपीएनडीटी समन्वयक कोटा

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