गली-गली में न्यास ने खोदे मौत के गड्ढ़े

फिर हो सकते हैं युवक की करंट से मौत जैसे मामले : नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी की गलती का खामियाजा भुगत रहा आमजन

गली-गली में न्यास ने खोदे मौत के गड्ढ़े

स्मार्ट सिटी बनने जा रहे कोटा शहर में भले ही 5 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। लेकिन हालत यह है कि विकास के नाम पर जिस तरह से नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी ने गली-गली में मौत के गड्ढ़े खोदकर छोड़ दिए हैं उसका खामियाजा आमजन को जान गंवाने के रूप में भुगतना पड़ रहा है।

कोटा। स्मार्ट सिटी बनने जा रहे कोटा शहर में भले ही 5 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। लेकिन हालत यह है कि विकास के नाम पर जिस तरह से नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी ने गली-गली में मौत के गड्ढ़े खोदकर छोड़ दिए हैं उसका खामियाजा आमजन को जान गंवाने के रूप में भुगतना पड़ रहा है। शहर में अधिकतर विकास व निर्माण के कार्य नगर विकास न्यास द्वारा करवाए जा रहे हैं। आरयूआईडीपी की सीवरेज लाइनें डालने का काम भी ज्यादातर स्थानों पर न्यास ही करवा रहा है।  दोनों ही विभागों द्वारा शहर में संवेदकों के माध्यम से काम तो करवाए जा रहे हैं लेकिन न तो दोनों विभागों के अधिकारी मौके पर जाकर काम देख रहे हैं और न ही उनकी मॉनिटरिंग सही ढंग से की जा रही है। इससे मुख्य मार्गों से लेकर गलियों तक में सड़कों को इस तरह से खोद कर छोड़ दिया है। जिससे वहां बड़े-बड़े गड्ढ़े हो रहे हैं। न्यास द्वारा बिजली की लाइन व केबल डालने के लिए गड्ढ़ों में नंगे तारों को खुला छोड़ दिया है। जिससे ये सामान्य गड्ढ़े न होकर मौत के गड्ढ़े बने हुए हैं।

पूरे शहर में यही स्थिति
मुख्य मार्गों से लेकर गलियों तक में मौत के गड्ढ़े किसी एक स्थान विशेष में नहीं है। वरन् शहर का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां यह  स्थिति नहीं हो। महावीर नगर विस्तार योजना का क्षेत्र हो या संतोषी नगर का। टीचर्स कॉलोनी का क्षेत्र हो या तलवंडी का। दादाबाड़ी, शक्ति नगर, छावनी  से लेकर नदी पार बालिता व कुन्हाड़ी समेत सभी क्षेत्रों में यही हालत है। यहां सड़क के बीच में बड़े-बड़े गड्ढ़े हो रहे हैं। जिनमें से कई में तो पानी भरा हुआ है। बरसात का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में जरा सी भी बरसात होने पर उन गड्ढ़ों में पानी भरने से वे नजर भी नहीं आएंगे। और फिर कोई बड़ा हादसा हो सकता है।  दो पहिया वाहन चालक तो वाहन समेत उन गड्ढ़ों में गिर सकते हैं। जिससे उनकी जान भी जा सकती है।  केन्द्रीेय कारागार के पास और विद्युत थाने के सामने की सड़क  पर बीच में इतना बड़ा गड्ढ़ा हो रहा है कि दिन के समय ही वह सही ढंग से नजर नहीं आ रहा। रात के समय वहां अंधरा होने से आए दिन वाहन चालक उसमें गिर रहे हैं। बरसात के समय वहां पानी भरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
   
निर्माण के दौरान सुरक्षा के इंतजाम नहीं
 हालत यह है कि शहर में नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी काम किसी का भी हो लेकिन निर्माण स्थल पर सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।  कुछ जगहों पर मात्र रास्ता  बंद करने के लिए बोर्ड लगाए हुए हैं। जिसमें इतना सा लिखा हुआ है कि कार्य प्रगति पर है। लेकिन गड्ढ़ों के आस-पास न तो संकेतक लगे हुए हैं और न ही किसी तरह की चेतावनी बोर्ड। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही बरसात के समय हादसों का खतरा भी बना हुआ है।

शहर के व्यस्त गुमानपुरा बाजार में खुले पैनल बॉक्स‘
नगर विकास न्यास ने गुमानपुरा में इंदिरा गांधी सर्किल पर करीब 45 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाई ओवर बनाया है। इस दौरान गुमानपुरा क्षेत्र में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया गया। साथ ही दुकानों के बीच-बीच में बिजली के पैनल बॉक्स लगाए गए हैंं। लेकिन हालत यह है कि अधिकतर पैनल बॉक्स के ढक्कन तक गायब हो गए हैं। सभी पैनल बॉक्स या तो खुले पड़े हैं या फिर दुकानदारों ने ही अपने स्तर पर उन्हें पॉलिथीन से ठका हुआ है। उनके तार जमीन पर पड़े हुए हैं। दुकानदारों के सामान से  लेकर वाहन तक उन पैनल बॉक्स के पास ही रखे व खड़े हुए हैं। ग्राहक भी वहीं वाहन खड़े कर रहे हैं। ऐसे में बरसात के समय जमीन गीली होने पर कभी भी करंट फेल सकता है। जिससे बड़ा हादसा हो सकता है। दुकानदारों का कहना है कि न्यास ने पैनल बॉक्स दुकानों के आगे लगवा दिए हैं। लेकिन उनके ढक्कन गायब होने से वे खुले पड़े हैं। काफी समय पहले ही इस संबंध में न्यास अधिकारियों व अभियंताओं को अवगत करवा दिया है। लेकिन किसी का भी ध्यान नहीं है। यहां भी कभी भी भीमगंजमंडी जैसा हादसा हो सकता है।

सड़कों व नालियों में खुले तार भी मौत के सौदागर
शहर में निर्माण व विकास कार्य के चलते सड़कों को तो खोदा ही जा रहा है। साथ ही वहां बिजली  की केबल डालने का भी काम चल रहा है। हालत यह है कि अधिकतर जगह पर सड़क किनारे हो या नालियों में बिजली के तारों को खुला छोड़ा हुआ है। बरसात में पानी भरने पर करंट फेलने से कई लोगों की मौत के सौदागर बन सकते हैं।

सीवरेज चैम्बर भी खुले पड़े
शहर में एक ओर जहां सड़कों पर गड्ढ़े खुदे हुए हैं वहीं सीवरेज लाइन डालने के बाद चैम्बरों को भी सही ढंग से बंद नहीं किया गया। जिससे वे चैम्बर भी खुले हुए हैं। बरसात के समय में जब उन चैम्बरों व सड़क पर पानी भरेगा तो वे नजर नहीं आएंगे। जिससे आए दिन उनमें लोगों के गिरने विशेष रूप से बच्चों के गिरने से हादसे हो सकते हैं।

पहली मौत, कितनों का इन्तजार
नगर विकास न्यास की लापरवाही  से  एक दिन पहले भी भीमगंजमंडी क्षेत्र में गड्ढे में बिजली का तार टूटा होने से करंट से एक युवक अकाल मौत का शिकार हो चुका है। उस परिवार में छोटे-छोटे बच्चों के सिर से  पिता का साया तो उठा ही पत्नी का सुहाग भी उजड़ गया। एक मां का बेटा तो एक बहन का भाई चला गया। गलती किसी की भी रही हो लेकिन उस परिवार में खोए हुए व्यक्ति की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता। यदि समय रहते शहर की सड़कों के गड्ढ़ों, सीवरेज चैम्बर और सड़क किनारे खुले पड़े बिजली के तारों को ठीक नहीं किया गया तो बरसात के तीन से चार महीने में न जाने कितने परिवारों में अंधेरा छा सकता है।

सारे काम संवेदकों के भरोसे, अधिकारी बेफिक्र
शहर में नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 5 हजार करोड़ रुपए के कार्य करवाए जा रहे हैं। अधिकतर काम संवेदकों के माध्यम से हो रहे हैं। न्यास अधिकारियों ने एक बार ठेका देने के बाद पूरी जिम्मेदारी संवेदक पर छोड़ दी है। संवेदक भी बाहर के हैं। उन्होंने स्थानीय संवेदक को पेटी कांट्रेक्ट दे दिया और वह हैल्पर के भरोसे काम करवा रहा है। हालत यह है कि न्यास के अधिकारी व अभियंता सड़क व खुदाई के कामों को जाकर देखते तक नहीं हैं। 

बीच में बड़े-बड़े गड्ढ़े छोड़ दिए
सीवरेज लाइन डालने के लिए बिना बताए घर के बाहर गली में खुदाई कर दी। कई दिन तक सड़क ठीक नहीं की। जिससे गली तो दूर घर में घुसना तक मुश्किल हो गया। उसके बाद सड़क के बीच में बड़े-बड़े गड्ढ़े छोड़ दिए। जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है।
अंकित शर्मा, महावीर नगर विस्तार योजना

जानलेवा साबित होंगे
 शहर में जगह-जगह पर सड़कों पर बड़े गड्ढ़े हो रहे हैं।  चैम्बर खुले पड़े हैं। जिससे अभी भी वे खतरा बने हुए हैं। जबकि बरसात के समय तो उनमें पानी भरने से वे जानलेवा साबित होंगे। समय रहते उन्हें ठीक किया जाना चाहिए।
अरुण वर्मा, संतोषी नगर

यह हो चुके दुर्घटनाग्रस्त
छावनी मेन रोड पर इतना बड़ा गड्ढ़ा हो रहा है जिससे आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। बरसात के समय उसमें पानी भरने पर वह नजर भी नहीं आएगा। साथ ही उसके आस-पास का क्षेत्र भी पोला होने से वह जमीन लेकर बैठ सकता है। जिससे दो पहिया ही नहीं बड़े वाहन भी दुर्घटना ग्रस्त हो जाएंगे। जिससे यह गड्ढ़ा जानलेवा साबित होगा।
विनोद गौड़, छावनी

रात में खतरनाक साबित हो रहे गड्ढे
नगर विकास न्यास ने नयापुरा में डामर की सड़क तो बना दी। लेकिन विद्युत थाने के सामने इतना बड़ा गड्ढ़ा हो रहा है जो दिन में ही नहीं दिखाई दे रहा। वहां से निकलते समय अचानक से वाहन उसमें जा गिरा। जिससे पूरा शरीर छिल गया। रात के समय अंधेरा होने से तो यह और भी अधिक खतरनाक है।
राजेश मालव, नयापुरा

15 दिन में टूट गई सड़क
 बारां रोड सरस्वती कॉलोनी में स्कूल के पास नई बनी सड़क के बीच बड़ा गड्डा हो गया है। वाहन इसमें अनियंत्रित हो जाते हैं। न्यास ने किस क्वालिटी की सड़क बनवाई है। जो 15 दिन में टूट गई । इस गड्ढे  में दुपहिया वाहन चालक आए दिन अनियंत्रित होकर गिर रहे हैं। किससे कहें। ठेकेदार भी सड़क बनाकर गायब है और अन्य जिम्मेदार आॅफिस में नजर नहीं आते।
कपिल सिंह सरस्वती कॉलोनी

जहां कहीं भी गड्डे हैं उन्हें ठीक करवाया जाएगा। सुरक्षा को देखते हुए चिन्हीकरण के लिए  ठेकेदार को पहले से पाबंद किया हुआ है। कहीं संकेतक नहीं हैं तो निर्देशित करेंगे।
- राजेश जोशी, सचिव, नगर विकास न्यास कोटा

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