बिजली चोरी के मामलों में वसूली करने में विभाग फेल, भार आम उपभोक्ता पर

प्रदेश के 17 जिलों में झालावाड़ में सबसे अधिक बिजली छिजत हो रही

बिजली चोरी के मामलों में वसूली करने में विभाग फेल, भार आम उपभोक्ता पर

विद्युत विभाग पूरे जिले भर में चोरी के मामलों में आरोपियों से वसूली और कार्रवाई में लगातार पीछे रहता चल रहा है, यही वह सबसे बड़ा कारण है जिसके चलते झालावाड़ जिले में चोरी पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पाया है।

झालावाड़। विद्युत विभाग पूरे जिले भर में चोरी के मामलों में आरोपियों से वसूली और कार्रवाई में लगातार पीछे रहता चल रहा है, यही वह सबसे बड़ा कारण है जिसके चलते झालावाड़ जिले में चोरी पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पाया है। विद्युत विभाग के अधिकारी और विजिलेंस टीमें कहने को तो साल भर फील्ड में विद्युत चोरी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करती रहती है, किंतु अधिकांश मामलों में ना तो वसूली हो पाती है ना ही नियमानुसार एफआईआर की कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में लोगों के मन से विद्युत विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाहियों का डर निकल चुका है और लोग खुलेआम बिजली की चोरी कर रहे हैं, जिसके चलते विद्युत विभाग की छीजत लगातार बढ़ती जा रही है और आम उपभोक्ता बोझ के तले पिसता जा रहा है।

छीजत में अव्वल है झालावाड़ जिला
कहा जाता है कि जयपुर डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले कुल 17 जिलों में से झालावाड़ जिला छीजत में अव्वल है, यहां पर विभाग के आंकड़े खुद 20%  छीजत की बात स्वीकार करते हैं, लेकिन विद्युत विभाग के सूत्र बताते हैं कि झालावाड़ जिले के कुछ क्षेत्रों में छीजत 45 से 50% तक भी है जिसको रोकने में महकमा बिल्कुल नाकाम साबित हो रहा है। विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 झालावाड़ जिले में 20. 17% छीजत थी। 2020-21 मई छीजत का प्रतिशत 20.04 रहा जबकि वर्ष 2021-22 की बात करें तो छीजत घटकर 18.62% तक पहुंची है।

चोरी के मामलों में वसूली और एफआईआर में विभाग फेल
विद्युत चोरी के मामले में आरोपियों से पैनल्टी वसूली तथा वसूली नहीं होने पर एफआईआर को लेकर विभाग का प्रदर्शन जरा भी ठीक नहीं है। आंकड़ों पर यदि नजर डालें तो विभाग पूरी तरह से फेल नजर आता है। पिछले 3 सालों में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पर यदि नजर डालें तो लगभग 20% मामलों में ही विभाग वसूली कर पाया है, वही इतने ही मामलों में एफआईआर दर्ज करवाए जाने की कार्यवाही हुई है, जबकि विभागीय निदेर्शों के अनुसार ऐसे सभी मामले जिनमें वसूली नहीं हो पाती है इनमें एफआईआर करवाए जाने का प्रावधान है। जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड झालावाड़ से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान विद्युत विभाग की विभिन्न टीमों ने जिले में कुल 2195 चोरी के मामले पकड़े, जिनमें से 180 मामलों में ही आरोपियों से वसूली हो पाई, जबकि 879 मामलों में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। इसी प्रकार से वर्ष 2020-21 के दौरान विद्युत विभाग ने कुल 3541 चोरी के मामले पकड़े, जिनमें से 1357 मामलों में वसूली हो पाई तथा 1058 मामलों में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। इसी तरह से वर्ष 2021-22 के दौरान विद्युत विभाग ने चोरी के कुल 1765 से मामले पकड़े, 488 मामलों में वसूली हुई जबकि 264 में एफ आई आर दर्ज करवाई गई। इसी प्रकार से यदि पिछले 3 वर्ष के कुल आंकड़ों की बात करें तो उनमें विद्युत विभाग में कुल 7501 मामले चोरी के पकड़े, जिनमें से 2025 में वसूली हो पाई, जबकि 2201 मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई गई, शेष 3275 चोरी में पकड़े जाने वाले उपभोक्ताओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। यानी अब तक कुल चोरी के मामलों में से आधे मामलों में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है, जो सीधे तौर पर विद्युत विभाग की उदासीनता को दशार्ता है तथा यही वह आंकड़े हैं जो चोरी करने वाले उपभोक्ताओं के हौसलों को बुलंद करते हैं।

एक्सपर्ट व्यू: चोरी रुकेतो मिले उच्च क्वालिटीकी बिजली
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड झालावाड़ के अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल का कहना है कि छीजत कम होने और चोरी रुकने से आर्थिक फायदा उपभोक्ताओं को कितना हो सकता है यह ऊपर के स्तर से तय होगा। किंतु यह बात निश्चित तौर पर कही जा सकती है कि उपभोक्ता को अच्छी क्वालिटी की विद्युत आपूर्ति मिल पाएगी जिससे आम उपभोक्ताओं को काफी फायदा होगा। अग्रवाल ने बताया कि अभी जहां पर जितने लोड के कनेक्शन है वहां उतनी ही क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया जाता है, लेकिन वहां आंकड़े डालने वाले लोड को बढ़ा देते हैं और ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो जाते हैं, जिससे नियमित उपभोक्ताओं को पूरा वोल्टेज नहीं मिल पाता है ना ही उन्हें अच्छी क्वालिटी की बिजली मिल पाती है। अग्रवाल ने कहा कि यदि चोरी रुक जाएगी और सभी उपभोक्ता विद्युत कनेक्शन लेकर बिजली जलाएंगे तो विद्युत विभाग के पास विद्युत भार की भी पूरी गणना होगी, उसी के अनुसार ट्रांसफार्मर लगाए जा सकेंगे ताकि उपभोक्ताओं को बिजली अच्छी तरह मिल सके और बार-बार होने वाली तकनीकी परेशानियों से छुटकारा मिल पाए।

 विद्युत चोरी रोकने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं जिन मामलों में वसूली नहीं हो पाई है उन में एफआईआर करवाने के निर्देश दे दिए गए हैं। चोरी और छीजत कम होने से उपभोक्ताओं को काफी फायदा होगा, बेहतर क्वालिटी की बिजली मिल पाएगी जिससे आर्थिक रूप से भी कहीं ना कहीं फायदा जरूर मिलेगा।
 एसके अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड झालावाड़

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