टीटीपी सरगना ने पाकिस्तानी सेना को दी धमकी, मांगें मानो नहीं तो जारी रहेगी जंग
पाकिस्तानी सेना के लिए काल बने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकियों के सरगना मुफ्ती नूर वली मेहसूद ने पाकिस्तान सरकार को खुली धमकी दी है। आतंकी नूर वली ने कहा कि तालिबान की मध्यस्थता से पाकिस्तान से बातचीत चल रही है लेकिन अगर यह फेल होती है तो हम और ज्यादा हमले करेंगे।
इस्लामाबाद। भारत पर झूठ की खोली पोल :हमारा जिहाद जारी रहेगा टीटीपी चीफ ने पाकिस्तान के उस दावे की भी पोल खोल दी जिसमें इस्लामाबाद आरोप लगाता रहता है कि भारत इस आतंकी संगठन को पैसा दे रहा है। मेहसूद ने यह भी कहा कि टीटीपी ने चीनी नागरिकों पर हमला नहीं किया था। उसने कहा कि इस तरह के हमले पाकिस्तानी सरकार अपनी जासूसी एजेंसी के जरिए कराती है ताकि ताकि चीन का शोषण किया जा सके। यह ठीक उसी तरह से है जैसे पाकिस्तान ने अमेरिका का किया था। उसने कहा कि टीटीपी अपनी जमीन के लिए जंग लड़ रही है और तालिबान के साथ तनाव का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मेहसूद ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की तरफ से इमरान खान के करीबी बदनाम जनरल फैज हामिद बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं।
टीटीपी चीफ ने पाकिस्तान के तमाम विरोध के बाद भी साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान के कबायली इलाके फाटा को खैबर पख्तूनख्वा से अलग करने की मांग पर डटे हुए हैं। वे इस मांग से पीछे नहीं हटेंगे। मेहसूद ने बताया कि पाकिस्तान सरकार के साथ चल रही बातचीत में अभी कोई सफलता नहीं मिली है। आतंकी सरगना ने यह भी साफ कर दिया कि अगर पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत सफल भी हो जाती है तो भी टीटीपी न तो भंग होगा और न ही आत्मसमर्पण करेगा। मेहसूद ने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार के साथ कोई समझौता होता है तो टीटीपी सदस्यों के खिलाफ पाकिस्तान में चल रहे सभी मुकदमे खत्म हो जाएंगे। उसने कहा कि इन हमलों में दोनों ही पक्षों को नुकसान हुआ है लेकिन पाकिस्तानी सरकार को ज्यादा नुकसान हुआ है। आतंकी सरगना ने कहा कि टीटीपी के बढ़ते हमलों से घबराकर पाकिस्तान सरकार बातचीत को मजबूर हुई है। भारत से पैसा मिलने के सवाल पर मेहसूद ने साफ किया कि टीटीपी एक स्वतंत्र आंदोलन है और यह किसी सरकार के नियंत्रण में नहीं है।
उसने कहा कि पाकिस्तान में सेना ही असली फैसले लेने वाली एजेंसी है।
इस्लाम विरोधी है लोकतंत्र: नूर वली मेहसूद
मेहसूद ने कहा कि लोकतंत्र इस्लाम विरोधी है और पाकिस्तान की जनता को टीटीपी में शामिल होना चाहिए या हमारी मदद करनी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान का निर्माण इस्लाम के नाम पर हुआ था। उसने यह भी कहा कि टीटीपी को ब्लैक लिस्ट से निकलवाने की जिम्मेदारी भी पाकिस्तानी सेना की है। बता दें कि फाटा को अलग कर इस पश्तून बहुल इलाके में टीटीपी एक शरिया कानून से शासित इलाका बनाना चाहता है जहां पाकिस्तान सरकार का कोई शासन नहीं होगा। इस कानून को लागू करवाने का जिम्मा भी टीटीपी के पास होगा।
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