उद्धव ठाकरे का इस्तीफा
सियासी खेल का पटाक्षेप हो गया
शिवसेना विधायकों की बगावत से शुरू हुआ महाराष्ट्र के सियासी खेल का पटाक्षेप हो गया। साढ़े तीन घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रात नौ बजे राज्यपाल के 30 जून को शक्ति परीक्षण के निर्देश पर रोक से इंकार कर दिया।
शिवसेना विधायकों की बगावत से शुरू हुआ महाराष्ट्र के सियासी खेल का पटाक्षेप हो गया। साढ़े तीन घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रात नौ बजे राज्यपाल के 30 जून को शक्ति परीक्षण के निर्देश पर रोक से इंकार कर दिया। इस फैसले के कुछ देर बाद ही उद्धव ठाकरे ने एक भावुक बयान के बाद मुख्यमंत्री पद और विधान परिषद की सदस्यता छोड़ने की घोषणा कर दी। इसके बाद रात ग्यारह बजे उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद गुवाहाटी से गोवा पहुंचे एकनाथ शिंदे गुट के विधायक गुरुवार की दोपहर मुंबई लौट आए। ये सभी विधायक अब भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। माना जा रहा था कि फडणवीस एक जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन भाजपा ने अचानक अपनी रणनीति बदलते हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी। शिंदे गुट के विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। 21 जून की रात को एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेन के बागी विधायक पहले सूरत में एकत्रित हुए, फिर यह गुवाहाटी चले गए।
इसके बाद महाराष्ट्र में नौ दिन तक सत्ता का संघर्ष चलता रहा। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने धमकियों का सिलसिला शुरू कर दिया, लेकिन शिंदे गुट के 3 विधायकों व ग्यारह निर्दलीयों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। आखिर मातोश्री की कींगमेकर की परम्परा को तोड़कर मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे 946 दिन बाद पद छोड़ने को मजबूर हो गए। भाजपा-शिवसेना ने 2019 में साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद खड़ा हो गया। शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद मांगा, लेकिन भाजपा को यह मंजूर नहीं था। आखिर उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्र्रेस के साथ गठबंधन कर मुख्यमंत्री बन गए। नई सरकार का गठन हो जाएगा, लेकिन एकनाथ शिंदे की राह में कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती है। फिर सवाल यह भी पैदा होगा कि असली शिवसेना कौनसी होगी। अब संगठन की दावेदारी का संघर्ष भी शुरू होगा और यह विवाद उद्धव ठाकरे गुट व एकनाथ शिंदे के बीच शुरू हो गया है। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग में शिवसेना पर अपनी दावेदारी का दावा कर दिया है।
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