कीचड़-गंदगी भारी, बीच में बिक रही तरकारी

थोक फल-सब्जी मण्डी : सब्जियों-फलों पर भिनभिना रही मक्खियां, पनप रहे जानलेवा मच्छर, जलभराव से खतरनाक बीमारियों का लार्वा पनप रहा

कीचड़-गंदगी भारी, बीच में बिक रही तरकारी

संभाग की सबसे बड़ी कोटा की थोक फल एवं सब्जीमंडी में बारिश होने से फैली गंदगी के कारण फल-सब्जी लेना दुश्वार हो गया है। गंदगी, कीचड़, मच्छर, श्वान, सुअरों की मौजूदगी के कारण सब्जियां संक्रमित हो रही हैं। सब्जी वाला भले ही आपके घर तक साफ सुथरी सब्जी ला रहा हो लेकिन मंडी में यह घंटों कीचड़, गंदगी और दुर्गंध के बीच जमीन पर फैली पड़ी रहती हैं।

कोटा। जरा ठहरिए जनाब, जिस सब्जी को आप सेहत बनाने के लिए खा रहे हैं, असल में वह आपकी और परिवार की सेहत बिगाड़ सकती है। यकीन ना आए तो जरा फल सब्जीमंडी के हाल देख लीजिए। सब्जी वाला भले ही आपके घर तक साफ सुथरी सब्जी ला रहा हो लेकिन मंडी में यह घंटों कीचड़, गंदगी और दुर्गंध के बीच जमीन पर फैली पड़ी रहती हैं। संभाग की सबसे बड़ी कोटा की थोक फल एवं सब्जीमंडी में बारिश होने से फैली गंदगी के कारण फल-सब्जी लेना दुश्वार हो गया है।  गंदगी, कीचड़, मच्छर, श्वान, सुअरों की मौजूदगी के कारण सब्जियां संक्रमित हो रही हैं। दैनिक नवज्योति ने सुबह 6 से 9बजे तक फल सब्जीमंडी के हाल देखे तो चौंकाने वाले नजारे सामने आए। पेश है लाइव रिपोर्ट

मंडी मेन गेट: सुबह 6.03 बजे

गंदगी और दुर्गंध के बीच मिर्ची

फल सब्जीमंडी के मेन गेट के बाहर सड़क पर कीचड़-गंदगी के बीच मिर्ची 25 रूपए किलो बिक रही थी। वहीं सुअर सब्जियों में मुंह मार रहे थे। एक हाथ में डंडा लिए कभी गायों को भगाती तो कभी सुअरों को खदेड़ती 65 वर्षीय ललिता की नजर जैसे ही कैमरे पर पड़ी तो बोली, फोटो क्या खींचते हो, यह तो रोज की कहानी है। उनका कहना था, मंडी के अंदर जगह नहीं मिलती। परिवार का पेट पालना है, जहां जगह मिली वहीं ढेर लगाकर बैठ गए। दिनभर मवेशियों व सूअरों से सब्जियों को बचाते हैं।

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 शाम तक आधी सब्जियां सड़ जाती हैं, जिन्हें फेंकना पड़ता है। लागत भी नहीं निकल पाती। 

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  मंडी गेट-1 के सामने, सुबह 6.20 बजे

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कीचड़ के ढेर के बीच 90 रुपए धड़ी बिका आलू

मंडी गेट नंबर 1 के सामने सड़क पर फैला कीचड़ के ढेर के पास 90 रूपए के 5 किलो आलू बिक रहे थे। माशाखोर दादाबाड़ी निवासी राजेश ने बताया कि मंडी के अंदर बड़े व्यापारियों का कब्जा है। आड़तिये व किसानों की भीड़ के चलते मंडी में पैर रखने तक की जगह नहीं है। मजबूरी में कीचड़ के बीच सब्जियां बेच रहे हैं। पता है, बीमारियों का खतरा है, पर क्या करें, बच्चों का पेट पालना है। न जाने क्यों, मंडी प्रशासन व सरकार को हमारी तकलीफ नजर नहीं आती। 

 यार्ड एक मंदिर के सामने: सुबह 6.31 बजे  

गिलकी 5 से 13 रूपए किलो

यार्ड एक में मंदिर के पास सड़क पर लोकी, गिल्की का ढेर लगा हुआ था। प्लास्टिक की थैलियों में बंद लोकी, गिल्की 5 से 13 रूपए किलो बिक रही थी। आसपास मच्छर-मक्खियां भिनमिना रही थी। दुर्गंध से वहां खड़ा रहना भी मुश्किल हो रहा था। फुटकर विक्रेता पप्पुलाल ने बताया कि मंडी परिसर व बाहर सब जगह गंदगी पसरी है। जंगह की तंगी होने से जहां जगह मिलती है वहीं, कारोबार शुरू हो जाता है। हम क्या करें साहब। पुरवार के लिए रोटी तो कमानी ही पड़ती है। 

सुबह 7.20 बजे  

मंडी के अंदर-बाहर ट्रैफिक जाम

मंडी में आने-जाने के लिए कुल 3 गेट हैं। जिनमें से मंडी में प्रवेश के लिए अधिकतर वाहन गेट नंबर-1 से ही आते-जाते हैं। इस वजह से यहां सुबह 6 से 10 बजे तक जाम के हालात बने रहते हैं। वहीं, मंडी के अंदर भी बेतरतीब वाहन खड़े रहने व बाहर से आने वाली गाड़ियों के कारण जाम के हालात बने रहते हैं। कई बार लोगों को निकलने तक की जगह नहीं मिलती। पैदल सब्जी खरीदने आए लोग वाहनों के बीच पिसने की स्थिति तक में आ जाते हैं। 

 हर महीने मंडी की सफाई के लिए सवा लाख रूपए का बिल बनता है, इसके बावजूद कहीं भी सफाई नजर नहीं आती। बारिश के दिनों गंदगी-कीचड़ की समस्या बनी रहती है। कई बार मंडी सचिव व अध्यक्ष को शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। व्यापारियों ने एक से ज्यादा लाइसेंस ले रखें, जिन्हें वे किराए पर देते हैं। व्यापारियों के लाइसेंस की जांच की जानी चाहिए। मंडी प्रशासन को इसकी जानकारी भी है इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होती

-संतोष मेहता, महासचिव, कोटा थोक फल एवं सब्जीमंडी संघ

सफाई के लिए  मंडी सचिव को कम से कम 10 बार पत्र लिखे चुके हैं। सफाईकर्मी नियमित रूप से सफाई नहीं करते। समय पर सफाई नहीं होने से जलभराव की समस्या रहती है। वहीं, व्यापारियों के लाइसेंस की जांच करवाने के लिए मौखिक रूप से शिकायत कर चुके हैं। यहां कई व्यापारियों ने एक ही लाइसेंस को कई लोगों को किराए पर दे रखें हैं, जिससे मंडी में असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। गत तीन माह में दो बार गोलीकांड व लूटपाट की घटना हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

-कमल रोहिड़ा, कोटा थोक फल एवं सब्जीमंडी अध्यक्ष

 मंडी परिसर में रात 3 बजे से कारोबार शुरू हो जाता है, जो दोपहर 12 बजे तक जारी रहता है। करीब 2 बजे मंडी पूरी तरह से खाली हो जाती है तब नियमित रूप से सफाई करवाई जाती है। जलभराव की समस्या हर साल बारिश के दिनों में रहती है, क्योंकि जब मंडी बनी थी तब ड्रेनेज का ध्यान नहीं रखा गया। पूरे परिसर में सीसी सड़क बनी हुई है। यहां कई जिलों से फलों की गाड़ियां आती है, उनके साथ कीचड़ भी आता है, इसलिए गंदगी होती है। 

-हेमलता मीणा, मंडी सचिव

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