नए कोटा में यूआईटी के पार्क बने तबेले और कचरा घर

प्रवेश द्वार से लेकर ट्रेक तक हाल बदहाल , बड़ी-बड़ी घास व खुले बिजली के पैनल बन रहे खतरा

 नए कोटा में यूआईटी के पार्क बने तबेले और कचरा घर

नगर विकास न्यास एक तरफ तो शहर के विकास व सौन्दर्यीकरण पर हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। दूसरी तरफ आमजन के उपयोग में आने वाले नए कोटा में यूआईटी के पार्क बदहाल हो रहे हैं। जिन पर न्यास अधिकारियों का कोई ध्यान ही नहीं है।

कोटा। नगर विकास न्यास एक तरफ तो शहर के विकास व सौन्दर्यीकरण पर हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।  दूसरी तरफ आमजन के उपयोग में आने वाले नए कोटा में यूआईटी के पार्क बदहाल हो रहे हैं। जिन पर न्यास अधिकारियों का कोई ध्यान ही नहीं है। ये पार्क बरसात में स्थानीय लोगों व वहां आने वालों के लिए खतरा बने हुए हैं। नए कोटा के श्रीनाथपुरम् और आर.के. पुरम् क्षेत्र में ही करीब तीन दर्जन से अधिक  छोटे-बड़े पार्क हैं। ये सभी पार्क नगर विकास न्यास के अधीन हैं। लेकिन न्यास अधिकारियों की अनदेखी के चलते अधिकतर पार्क दुर्दशा के शिकार हो रहे हैं। कई पार्कों को तो देखने से ही ऐसा महसूस हो रहा है कि बरसों से उन पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया है। बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में उन पार्कों में घूमने आने वालों के लिए बड़ी-बड़ी घास, खुले पड़े बिजली के पैनल बॉक्स और जहरीले कीड़ों का डर बना हुआ है। न्यास अधिकारियों ने पार्कों में घास कटाई समेत मरम्मत का ठेका दे रखा है। लेकिन अधिकारी ठेका देकर भूल गए। न्यास अधिकारियों ने जाकर उन पार्कों की तरफ देखा तक नहीं है।

पार्क बना तबेला
श्रीनाथपुरम् बी  में कॉलोनी के बीच व निजी स्कूल के सामने स्थित एक पार्क तो बहुत बड़ा बना हुआ है। लेकिन वह पार्क कम और भैसों का तबेला अधिक हो गया है। उस पार्क में आस-पास रहने वालों ने अपनी भैसें बांध रखी है। जिससे वहां लोग कम और भैसें अधिक नजर आ रही हैं।  पार्क में गंदगी व दुर्गंध फेल रही है। न्यास अधिकारियों की अनदेखी के चलते पार्क का पूरा ट्रेक खराब हो रहा है। जिस पर घूमने वालों का चलना संभव ही नहीं है। पार्क की चार दीवारी टूटी हुई है। जिससे उसमें मवेशी घुस रहे हैं। उस पार्क में घास की जगह पर पत्थरों के ढेर लगे हुए हैं। स्थानीय निवासी नाथूलाल गोचर ने बताया कि पार्क से लाइटें चोरी होने से यहां रात के समय अंधेरा रहता है। पार्क की हालत देखकर यहां लोग घूमने ही नहीं आ रहे। निजी स्कूल के सामने होने से उनके संचालक ने इसे कुछ ठीक कराया है। जिससे यह पार्क दिख रहा है। जबकि न्यास अधिकारियों को तो यहां आकर देखने की फुर्सत तक नहीं है।

पार्क बना कचरा घर
अहिंसा सर्किल आर.के. पुरम् स्थित एक पार्क तो पूरी तरह से कचरा घर बना हुआ है। उस पार्क में घूमने वालों के लिए तो जगह ही नहीं है। मुख्य  द्वार से लेकर आखिरी छोर तक इतना अधिक कचरा पड़ा हुआ है कि जिसे देखकर ही लोग उसमें जाने से कतराने लगे हैं। कचरे के साथ ही वहां इतनी बड़ी-बड़ी घास व झाड़ झंंंकार उगे हुए हैं कि बरसात में वहां जाना किसी खतरे से कम नहीं है। स्थानीय निवासी राजेश जांगिड़ ने बताया कि आस-पास के लोगों के लिए यह पार्क बना हुआ है। लेकिन उसका मेन गेट ही टूटा हुआ है। अंदर पूरा कचरा भरा पड़ा है। पार्क की चार दीवारी के चारों तरफ टापरियां बनाकर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। जिससे वह पार्क आमजन के लिए काम में ही नहीं आ रहा। न्यास अधिकारियों की अनदेखी से लोगों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है।

बड़ी-बड़ी घास व टूटे झूले
श्रीनाथपुरम् डी स्थित स्वतंत्रता सैनानी शिवराज सिंह हाड़ा पार्क की हालत इतनी अधिक खराब है कि वहां बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है। जिससे बरसात में वहां जहरीले कीड़े काटों का डर बना हुआ है। लोग पार्क में पैदल चलने से डरने लगे हैं। पार्क में लगे चकरी वाले झूले टूटे हुए हैं। साथ ही पैदल चलने वालों के लिए बने ट्रेक पर हीे पार्क के बाहर लगे ट्रांसफार्मर के बिजली के तार गाड़े हुए हैं। जिससे बरसात में यहां करंट का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं पॉश कॉलोनी में होने के बावजूद इसका प्रवेश द्वार व रैलिंग ही टूटे हुए हैं। स्वातंत्रता सैनानी का नाम तक बोर्ड पर बदहाली बयां कर रहा है।

ट्रेक सही न बैंचें
श्रीनाथपुरम् डी स्थित एक पार्क की हालत इतनी अधिक खराब है कि वहां पैदल चलने वालों के लिए न तो ट्रेक सही है और न ही बैठने की बैंचे। इंटरलॉकिेंग वाला ट्रेक बना हुआ है जिसकी अधिकतर इंटरलॉकिंग उखड़ी हुई है। जिससे उस पर चलना मतलब पैर मुड़ने व गिरने का खतरा बना हुआ है। साथ ही यहां बैठने के लिए  सीमेंट की चार बैंचें लगी हुई हैं। जिनमें से तीन तो टूटी हुई हैं। वे बैठने लायक ही नहीं बची हैं। यहां बिजली के कई पैनल बॉक्स भी खुले पड़े  हैं। स्थानीय निवासी रानी सुखेजा ने बताया कि  पार्क के पास ही भैसों का तबेला बना हुआ है। जिसकी दुर्गंध पार्क में घूमने आने वालों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।

नए कोटा के श्रीनाथपुरप् व आर.के. पुरम् क्षेत्र के  चार वार्डों में यूआईटी के करीब तीन दर्जन से अधिक पार्क हैं। जिनकी हालत इतनी अधिक खराब हो रही है कि वहां लोग जाने से घबराने लगे हैं। पार्कों में बड़ी-बड़ी घास उग रही है।  गेट से लेकर रैलिंग तक टूटी हुई है। झूले व बैंचें टूट रही हैं। कई पार्कों में रात के समय अंधेरा रहता है। पार्कों में घास कटवाने व मरम्मत के लिए चारों वार्ड पार्षद नगर विकास न्यास के सचिव को कई बार लिखित में पत्र देकर अवगत करवा चुके है। लेकिन न्यास सचिव द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बरसात के समय उन पार्कों में जाना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है। न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही ठेकेदार। जिसका खामिजाया भुगतना पार्षदों व आमजन को पड़ रहा है।
-अनुराग गौतम, पार्षद, नगर निगम कोटा दक्षिण वार्ड 27

नगर विकास न्यास के अधिकारियों को पार्कों की  स्थिति को सही करना चाहिए। बरसात से पहले समय से घास कटवाना उनका काम है। जिससे लोगों को परेशानी नहीं हो। यदि कहीं पार्क खराब हो रहे हैं तो उन्हें ठीक करवाने के लिए न्यास सचिव को कहा जाएगा।
- रविन्द्र त्यागी, पूर्व अध्यक्ष नगर विकास न्यास

नए कोटा क्षेत्र में न्यास के अधिकतर पार्कों की  स्थिति सही करवा दी है। पार्षद अनुराग गौतम ने भी जिन पार्कों को सही करवाने के लिए कहा था उन्हें ठीक करवाने के भी निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए थे। फिर भी यदि अभी भी कहीं कोई कमी है तो उन्हें भी जल्दी ही सही करवा दिया जाएगा।
- राजेश जोशी, सचिव नगर विकास न्यास

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