1982 में जोधपुर में जन्मी मिताली ने 2006 में जयपुर में जीता एशिया कप, 23 साल लम्बे करियर में 22 गज की पिच पर तोड़े कई रिकॉर्ड

राजस्थान से रहा खास जुड़ाव

1982 में जोधपुर में जन्मी मिताली ने 2006 में जयपुर में जीता एशिया कप, 23 साल लम्बे करियर में 22 गज की पिच पर तोड़े कई रिकॉर्ड

जयपुर। दुनिया की दिग्गज क्रिकेटरों में शुमार मिताली राज ने 23 साल लम्बे क्रिकेट करियर को विराम दे दिया है और उम्मीद की जा रही है कि वे बीसीसीआई के साथ अब कोच के रूप में जल्दी ही अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगी।

जयपुर। दुनिया की दिग्गज क्रिकेटरों में शुमार मिताली राज ने 23 साल लम्बे क्रिकेट करियर को विराम दे दिया है और उम्मीद की जा रही है कि वे बीसीसीआई के साथ अब कोच के रूप में जल्दी ही अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगी। दो दशक से ज्यादा लम्बे अंतरराष्ट्रीय करियर में मिताली ने 22 गज की पिच पर कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। वे दुनिया की सबसे ज्यादा रन बनाने वाली क्रिकेटर बनीं तो देश की सबसे सफल कप्तान। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन उनके नाम दर्ज हैं। देश की क्रिकेटरों के लिए रोल मॉडल बन गई मिताली का राजस्थान से खासा जुड़ाव रहा है। मिताली का जन्म 1982 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ तो उन्हें सबसे बड़ी कामयाबी जयपुर में मिली, जब मिताली की कप्तानी में भारत ने 2006 में एशिया कप का खिताब जीता। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हुए एशिया कप में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमों ने हिस्सा लिया  था।

मिताली राज का क्रिकेट करियर
फॉरमेट    मैच    रन    उच्चतम    100    50
टेस्ट    12    699    214    1   4
वनडे    232    7805    125*   7    64
टी-20    89   2364    97*    0    17


6015: 600 से अधिक रन बनाने वाली सिर्फ दूसरी महिला कप्तान
10373: महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन
84: महिला वनडे मैचों में कप्तान के रूप में सबसे ज्यादा जीत

10 साल की उम्र में थामा बल्ला
मिताली के जन्म के समय उनके पिता जोधपुर में एयरफोर्स में अफसर रहे जो बाद में हैदराबाद शिफ्ट हो गए। शुरुआती दिनों में भरत नाट्यम के प्रति जुनूनी मिताली ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट का बल्ला थामा और लड़कों के साथ क्रिकेट खेली। मात्र 14 साल की उम्र में उन्हें 1997 के वर्ल्ड कप की संभावित खिलाड़ियों में जगह मिल गई।

2021 में बनीं भारत की खेल रत्न
अर्जुन और पद्म सम्मान
मिताली को उनकी उपलब्धि के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। 2003 में मिताली को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और 2015 में उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया। पिछले साल 2021 में मिताली को खेल जगत के सबसे बड़े सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से भी नवाजा गया।

अधूरा रह गया विश्व कप जीत का सपना
मिताली का नाम भारत की सबसे सफल कप्तानों में लिया जाता है। वे भारत की एकमात्र कप्तान हैं, जिन्होंने दो विश्व कप में टीम का नेतृत्व किया और दोनों ही बार भारत ने फाइनल में जगह बनाई। लेकिन वर्ल्ड कप जीतने का उनका सपना अधूरा रह गया।  

डेब्यू मैच में ही ठोका शतक
मिताली ने 1999 में अपने करियर का पहला अंतरराष्टÑीय मैच आयरलैंड के खिलाफ खेला और पहले ही मैच में 114 रनों की नाबाद पारी खेली। उन्होंने 2002 में लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और सीरीज के तीसरे टेस्ट में दोहरा शतक बना डाला। मिताली ने 214 रनों की पारी खेल करेन रोल्टन के सर्वोच्च स्कोर का रिकार्ड तोड़ा। 2006 में अपना पहला टी-20 मैच खेला।

Post Comment

Comment List

Latest News