यूआईटी की ज्ञान सरोवर व महेश कॉलोनी बनी तालाब

घरों के आगे भरे पानी से लोगों का निकलना हुआ दूभर, बरसात में बच्चों को लेने नहीं आती वेन व आॅटो,9 साल पहले न्यास ने दिए थे पट्टे

यूआईटी की ज्ञान सरोवर व महेश कॉलोनी बनी तालाब

रावतभाटा रोड नयागांव के पास स्थित ज्ञान सरोवर व महेश कॉलोनी कहने को तो नगर विकास न्यास द्वारा नियमित व पट्टे धारी कॉलोनी है। लेकिन बरसात में जिस तरह से वह तालाब बनी हुई है। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि न्यास ने पट्टे देने के बाद यहां कोई विकास के काम ही नहीं करवाए।

कोटा। रावतभाटा रोड नयागांव के पास स्थित ज्ञान सरोवर व महेश कॉलोनी कहने को तो नगर विकास न्यास द्वारा नियमित व पट्टे धारी कॉलोनी है। लेकिन बरसात में जिस तरह से वह तालाब बनी हुई है। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि न्यास ने पट्टे देने के बाद यहां कोई विकास के काम ही नहीं करवाए।  दोनों कॉलोनी रावतभाटा मेन रोड के नजदीक और नगर विकास न्यास से अप्रूव्ड हैं। वर्ष 2013 में न्यास द्वारा इस कॉलोनी में पट्टे भी जारी किए जा चुके हैं। लोगों ने मकान बनाकर वहां रहना भी शुरू कर दिया है। करीब दो सौ से अधिक भूखंडों वाली इस कॉलोनी में करीब 40 फीसदी से अधिक लोग मका बनाकर रह रहे हैं। लेकिन हालत यह है कि उस कॉलोनी में खाली भूखंडों में पहली बरसात में ही इतना अधिक पानी भर गया है कि देखने से लगता ही नहीं कि ये मकानों के भूखंड है। वरन् ऐसा लग रहा है जैसे किसी तालाब के बीच में मकान बने हुए हों।

निकासी की नालियां नहीं, सड़कों पर भरा पानी
दोनों कॉलोनियों में अभी तक भी पानी की निकासी के लिए एक भी नाली बनी हुई नहीं है। जिससे बरसात  में वहां हर साल इतना अधिक पानी भर जाता है कि वह करीब 8 से 9 महीने तक  भरा ही रहता है। अभी दो दिन की बरसात में ही अधिकतर भूखंडों तो तालाब बन ही गए हैं। साथ ही सड़कों पर भी इतना अधिक पानी हो गया है कि भूखंड व सड़क के बीच पानी के कारण अंतर ही नजर नहीं आ रहा है। कई जगह पर तो सड़क ही नहीं है।

मकानों में कैद होने को मजबूर
हालत यह हैै कि मकानों के आगे काफी पानी भरा हुआ है। जिससे लोग घरों से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं। विशेष रूप से महिलाएं और बब्चे। पुरुषों को भी पानी से होकर ही निकलने को मजबूर होना पड़ रहा है। अभी दो दिन की बरसात में ही जिस तरह के हालात है वहां से दो पहिया वाहन तक आसानी से नहीं निकल पा रहे हैं। अधिक बरसात होने पर तो वहां से पैदल भी नहीं निकला जा सकेगा।

स्कूली वैन नहीं आने से बरसात में बच्चों की छुट्टी
कॉलोनी में बरसात के समय इतना अधिक पानी भर जाता है कि वहां कालोनी वालों के अलावा किसी ओर का आना जाना ही बंद हो जाता है। विशेष रूप से स्कूलीे वाहन तक आना बंद कर देते हैं। जिससे बच्चों की बरसात के दौरान स्कूल की छुट्टी ही करनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि कई वाहन चालक मेन रोड पर ही खड़े हो जाते हैं या तो बच्चों को वहां तक छोड़कर आना व ले जाना पड़ता है।

लोगों की पीड़ा
वर्ष 2013 से ही इस कॉलोनी में रह रहे हैं। कृषि भूमि पर बसी इन दो कॉलोनियों का नियमन हो चुका है। यूआईटी से एप्रूव्ड होने व वर्ष 2013 में पट्टे जारी करने के बाद अधिकारियों ने इधर कोई ध्यान नहीं दिया है। पूरी कॉलोनी तालाब बनी हुई है। बरसात में सड़कों पर पानी भरने से  दो पहिया वाहन तक नहीं निकल पाते। बरसात का पूरा सीजन कॉलोनी वालों के लिए कष्टकारक रहता है।
मानसिंह

 वर्ष 2013 से इस कॉलोनी में रह रहे हैं। यूआईटी ने पट्टे तो दे दिए लेकिन पानी निकासी के लिए न तो नालियां बनाई और न ही सड़क। बरसात में पानी भरने से मकान का पूरा फर्श ही धंस गया है। मकान में नीचे से पानी निकलने लगा है।
बद्रीलाल मीणा

 वर्ष 2016 से इस कॉलोनी में रह रहे हैं। बरसात के पानी की निकासी नहीं होने से मकान की दीवार में दरार आ गई है। जिससे दीवार ही बैठ गई है। मकान में रहने में डर लगने लगा है। सड़क पर पानी ही पानी होने से घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।
धीरेन्द्र मीणा

इनका कहना है
यूआईटी से एप्रूव्ड व पट्टे धारी कॉलोनी है। वर्ष 2013 से ही न्यास अधिकारियों को इसकी समस्या से अवगत करवा रहे हैं। पिछले तीन माह से न्यास सचिव को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। वे हर बार सिर्फ आश्वासन ही देते हैं लेकिन अभी तक कॉलोनी में कोई काम नहीं कराया है। बरसात में दोनों कॉलोनी तालाब बन जाती हैं और मकान टापू। खाली भूखंडों में भरे पानी से बने हुए मकानों को नुकसान हो रहा है। न्यास सचिव की अनदेखी से लोगों का जीना दूभर हो रहा है। 
-बृजराज सिंह राठौड़, सचिव ज्ञान सरोवर व महेश कॉलोनी समिति

कॉलोनी में नालियां नहीं होने से बरसात के समय में यहां पानी भरता है। पिछली बार भी जेसीबी  लगातार पानी निकाला था। न्यास सचिव को कई बार ज्ञापन देकर  कॉलोनी में नालियां बनवाने के लिए कह चुके हैं। वे हर बार आश्वासन देकर ही रह जाते हैं। लेकिन अभी तक वहां कोई काम नहीं कराया गया है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 
सोनू भील, पार्षद वार्ड 7 नगर निगम कोटा दक्षिण

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