हाईकोर्ट ने बांध में अतिक्रमण को लेकर समन्वय कमेटी की गठित
उनकी पालना में क्या कार्रवाई की गई
हाईकोर्ट ने रामगढ़ बांध क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर 5 सदस्यीय समन्वय कमेटी गठित की है। अदालत ने कमेटी को कहा कि वह चार्ट पेश कर बताए कि रामगढ़ बांध को लेकर अब तक कोर्ट ने क्या-क्या आदेश दिए हैं और उनकी पालना में क्या कार्रवाई की गई।
जयपुर। हाईकोर्ट ने रामगढ़ बांध क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर 5 सदस्यीय समन्वय कमेटी गठित की है। अदालत ने कमेटी को कहा कि वह चार्ट पेश कर बताए कि रामगढ़ बांध को लेकर अब तक कोर्ट ने क्या-क्या आदेश दिए हैं और उनकी पालना में क्या कार्रवाई की गई। चार्ट में यह भी बताने को कहा है कि अब तक किन आदेशों की पालना नहीं हो पाई है। अदालत ने कमेटी को इस संबंध में एक माह में बैठक करने के बाद अगले 45 दिनों में यह रिपोर्ट तैयार कर पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालती आदेश की पालना में समन्वय कमेटी गठित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आईएएस समित शर्मा को नोडल अधिकारी बनाते हुए हैड ऑफ फॉरेस्ट डीएन पांडे, राजस्व विभाग के आरएएस श्याम सिंह शेखावत और जल संसाधन विभाग के सचिव सहित एक अधिवक्ता का नाम सुझाया। इस पर अदालत ने अधिवक्ता की जगह वाटर प्लानिंग के चीफ इंजीनियर रवि सोलंकी को कमेटी में शामिल कर कमेटी गठित की है।
न्याय मित्र वीरेन्द्र डांगी और अशोक भार्गव की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें बताया कि जमवारामगढ़ के केलाकाबास ग्राम पंचायत के टोडालडी गांव के पास से गुजर रही बाण गंगा नदी में सार्वजनिक निर्माण विभाग सड़क निर्माण करा रहा है और सड़क की सुरक्षा के लिए ऊंची दीवार बनाई है, जो भविष्य में पानी के बहाव में बाधा बन सकती है। मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है। रामगढ़ बांध तक पानी पहुंचाने वाली बाण गंगा, माधो बेणी और ताला नदी के कुल 111 किमी के बहाव क्षेत्र में तीन से चार मीटर मिट्टी है। हाईकोर्ट ने पानी निकास के लिए नाली बनाने को कहा था, लेकिन अभी तक सिर्फ 17 किमी से ही नाली निकाली गई है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले में कमेटी गठित कर उसे रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
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