कांग्रेस सरकार नाकामी छुपाने के लिए लिख रही है एनआईए को पत्र : राठौड़

डोटासरा आतंकियों व भाजपा के संबंधों को लेकर राजनीति कर रहे

कांग्रेस सरकार नाकामी छुपाने के लिए लिख रही है एनआईए को पत्र : राठौड़

कन्हैयालाल की हत्या की जांच कर रही एनआईए के महानिदेशक को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने पत्र लिखा है।

जयपुर। कन्हैयालाल की हत्या की जांच कर रही एनआईए के महानिदेशक को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने पत्र लिखा है। इस पर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था से ध्यान हटाने एवं कन्हैयालाल को सुरक्षा नहीं देने वाली दोषी कांग्रेस सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पत्र लिख रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। राठौड़ ने कहा कि प्रचारित हो रही कूटरचित फोटो के आधार पर डोटासरा आतंकियों व भाजपा के संबंधों को लेकर राजनीति कर रहे है। इससे पहले उन्हें मुख्यमंत्री निवास पर पार्टी में छबड़ा सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी के शामिल होने के वायरल हुए फोटो की जांच करानी चाहिये। छबड़ा हिंसा का मुख्य अपराधी पार्टी में शामिल होता है। राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केन्द्र सरकार को आरोपित करने के बयान के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एनआईए महानिदेशक को पत्र लिखकर इस हादसे टना की दोषी प्रदेश की पुलिस को संरक्षण देने का काम कर रहे है। डोटासरा को सार्वजनिक रूप से पहले यह बताना चाहिये कि रीट पेपर लीक प्रकरण के आरोपियों की फोटो स्वयं के साथ वायरल होने पर उन्होंने इसकी जांच क्यों नहीं करवाई थी।

राठौड़ ने कहा कि पिछले 3 माह में सबसे पहले करौली में हिन्दू नववर्ष के अवसर पर रैली पर पथराव हुआ और दंगे हुए। फिर जोधपुर में देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति तोड़ी गई। हनुमानगढ़ के नोहर में विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष सतवीर सहारण पर हमला हुआ। राठौड़ ने कहा कि करौली और जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव को लेकर हादसे हुए, लेकिन राज्य तंत्र हर हादसे के बारे में पूर्व में कोई भी इनपुट हासिल नहीं कर सका। हर बार सांप्रदायिक दंगा होने के बाद पुलिस ने कुछ नहीं किया। राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल से गलती से पोस्ट हो जाने की शिकायत मिलने पर राज्य की पुलिस ने गिरफ्तारी में काफी तत्परता दिखाई, लेकिन कन्हैयालाल ने जमानत से रिहा होने के बाद धानमंडी एसएचओ को मारने की धमकी की शिकायत दी, तो पुलिस ने उस समय कन्हैयालाल को सुरक्षा देने के बजाय समझौता करा दिया।


राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास राजस्थान का गृह विभाग है। उनकी विफलता व राज्य के इंटेलीजेंस के फेल्योर होने के कारण शांतिप्रिय राजस्थान बारुद के ढ़ेर पर है। हत्याकांड में पुलिस की गंभीर अनियमितता सामने आई है। अगर पुलिस सचेत होती, तो निर्दोष कन्हैयालाल की हत्या नहीं होती और शांतिप्रिय प्रदेश की स्थिति खराब नहीं होती।


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